धर्मशाला: केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बीच मंच पर ही नोक-झोंक हो गई थी. दोनों की बीच हुई ये नोक-झोंक सियासी गलियारों में खूब चर्चा का विषय रही थी.
अब इस मामले पर विपक्ष भी हमलावर हो गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बीजेपी पर केंद्रीय विश्वविद्यालय को राजनीति का अखाड़ा बनाने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस पर शुरू से ही राजनीति करती आई है.
वीरभद्र सिंह ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2007 में इस विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया था, लेकिन एनडीए सरकार ने इसके काम को लटका दिया था. ये बीजेपी के आपसी मतभेद का ही नतीजा था, जिसके चलते आज तक इसका काम शुरू नही हो पाया है.
वीरभद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते उन्होंने सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी थी. इसका मुख्य भाग धर्मशाला में बनना प्रस्तावित हुआ था. निर्माण स्थल का दौरा कर उपयुक्त स्थान का चयन भी किया गया था, लेकिन इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, जबकि अब केंद्र में भी ओर प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है तो इसका निर्माण कार्य क्यों लटका है. अब डबल इंजन का दावा करने वाली भाजपा सरकार की पोल खुल चुकी है.
उन्होंने कहा कि दोनों सरकारें अलग अलग रास्ते पर जा रही हैं. दोनो में तालमेल की कमी है. सरकार को प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए न कि विकास कार्यों में रोड़े अटकाने चाहिए.