मंडीः बुधवार को मंडी में रामस्वरूप शर्मा नामांकन के मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने एक और विवादित बयान दिया जिसके बाद वो विपक्ष के निशाने पर हैं. वहीं, चुनाव विभाग ने उन्हें इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती को चुनाव विभाग की ओर से ये तीसरा नोटिस जारी किया गया है. सत्ती को अपने विवादित बोल के लिए इससे पहले दो बार चुनाव विभाग ने नोटिस थमाया था. अब तीसरी बार नोटिस मिला है. इसके अलावा, आयोग ने उनके प्रचार पर 48 घंटे का बैन भी लगाया था.
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की बयानबाजी के बाद गुरुवार को आश्रय के नामांकन के मौके पर मंडी पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने उनपर जमकर हमला बोला. मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह सत्ती के किसी बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि सत्ती सभी राजनैतिक दलों में सबसे गैरजिम्मेदार प्रधान हैं.
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वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि भाजपा नेता अपनी हार को सामने देखकर अभी से बौखला गए हैं और अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. इस कारण नेता अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि सत्ती प्रदेश के पहले ऐसे नेता हैं जिन्हें उनकी भाषा के कारण चुनाव आयोग ने 48घंटों के लिए प्रतिबंधित कर दिया, लेकिन फिर भी सत्ती अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.
बता दें कि बुधवार को मंडी में भाजपा की विजय संकल्प रैली में सत्ती ने कहा था कि जो भी बीजेपी नेताओं की तरफ उंगली उठाएगा, उसकी बाजू काट दी जाएगी. उन्होंने कहा कि वह जब भी पंजाबी में बोलते हैं तो विरोधियों के पेट में मरोड़ शुरू हो जाता है. सत्ती ने कहा कि पंजाबी में बातें ही वैसी होती हैं. उन्होंने आचार संहिता का जिक्र करते हुए कहा कि अगर आचार संहिता नहीं लगी होती तो वह आज इसी मंच से हिसाब-किताब पूरा कर देते.
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