करसोग/मंडी: जिला मंडी के करसोग में जल शक्ति विभाग का एक अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है. यहां उपमंडल के चौरीधार पंचायत में पेयजल लाइन बिछाए जाने को लेकर दो व्यक्तियों के बीच आपसी विवाद चल रहा था, लेकिन विभाग ने मामले को सुलझाने के बजाए पंचायत के अंतर्गत पड़ने वाली मेन लाइन से ही नाराश गांव के लिए पानी की सप्लाई बंद कर दी. जिससे 300 के करीब परिवार पिछले 6 दिनों से पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं.
'जल शक्ति विभाग ने पूरे गांव की बंद कर दी सप्लाई': विभाग के कारनामे से नाराज ग्रामीण सोमवार को सराहन वार्ड से जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल की अध्यक्षता में जल शक्ति विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से मिलने करसोग पहुंचे, लेकिन उपमंडल स्तर पर विभाग के मुखिया सरकारी कार्य से बाहर होने की वजह से कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे, ऐसे में ग्रामीणों को खाली हाथ ही निराश वापस लौटना पड़ा. वहीं, जिला परिषद सदस्य किशोरी लाल का आरोप है कि पेयजल लाइन को लेकर दो व्यक्तियों के बीच चल रहे आपसी विवाद को सुलझाने के बजाए जल शक्ति विभाग ने स्थानीय जनता को सबक सिखाने के लिए मेन लाइन से ही पूरे गांव की सप्लाई बंद कर दी. जिससे लोगों में विभाग के प्रति भारी रोष है.
क्या है विवाद: दरअसल, चौरीधार पंचायत के तहत नाराश गांव में पेयजल लाइन बिछाए जाने पर दो व्यक्तियों से बीच आपसी विवाद चल रहा है. यहां एक व्यक्ति ने पेयजल लाईन को खेतों में सही तरह से न दबाए जाने के विरोध में अन्य व्यक्ति के घर की पानी सप्लाई को बंद कर दिया. इसको लेकर उक्त व्यक्ति ने विभाग से नियमानुसार पेयजल लाइन को जमीन में गहरा बिछाने का भी आग्रह किया था, लेकिन विभाग ने दोनों लोगों के बीच चल रहे आपसी विवाद को सुलझाने के बजाए मेन लाइन से पूरे गांव की पानी की सप्लाई बंद कर दी.
सराहन जिला परिषद वार्ड सदस्य किशोरी लाल का आरोप है कि विभाग ने गांव वालों पर दो परिवारों के बीच समझौता कराने का दवाब डालने के लिए ही मेन लाइन से पानी की सप्लाई बंद की है. वहीं ,ग्रामीणों के मुताबिक पेयजल लाइन को लेकर दो परिवारों के बीच जो विवाद चल रहा है. इसका मेन लाइन से कोई लेना देना नहीं है. विभाग ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए पूरे गांव की सप्लाई काटकर लोगों को परेशान किया है. एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कृष्ण कुमार का कहना है कि नाराश गांव के लिए एक दिन ही पेयजल आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे अब बहाल कर दिया गया है.
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