मंडी/सुंदरनगर: प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ जिला मंडी इकाई ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला से संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है. सुंदरनगर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए महासंघ के जिला अध्यक्ष संजीव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग में जो सरकार के द्वारा एसएमसी शिक्षक रखे गए हैं. उनको हाई कोर्ट के द्वारा बाहर कर दिया गया है. जबकि सरकार इन भर्तियों के लिए अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जा रही है.
बेरोजगार महासंघ की शीला देवी व कमल चंद ने दो टूक शब्दों में सरकार को चेताया है कि अगर जल्द ही प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों के हित के लिए नहीं सोचा गया, तो मजबूर होकर बेरोजगार शिक्षकों को आत्मदाह करने के लिए विवश होना पड़ेगा और इसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होगी.
इस संदर्भ में महासंघ का कहना है कि भर्तियां जो नियमों के खिलाफ की गई है. उनको ही नियमित करने की बात सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि यह भर्तियां कामचलाऊ व्यवस्था के आधार पर की गई थी और यह कहा गया था कि इनके स्थान पर जब नियमित शिक्षक आएंगे, तो इन शिक्षकों को बाहर होना पड़ेगा, लेकिन अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार करके सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है.
जबकि दूसरी तरफ लाखों बेरोजगारों के साथ धोखा किया जा रहा है क्योंकि ना तो उनके लिए कोई कमीशन का अवसर मिल रहा है और ना ही बैच वाइज भर्ती हो पा रहे हैं. इन सब बातों से तंग आकर बेरोजगार ने आत्मदाह करने का मन बना लिया है. महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द ही बेरोजगार शिक्षकों के बारे में कुछ नहीं सोचा गया तो आने वाले चुनावों में बेरोजगार शिक्षक और उनके परिवार के सदस्य सरकार को आइना दिखा कर जवाब देंगे.
इस अवसर पर टीजीटी बेरोजगार महासंघ के संजीव कुमार नंदलाल अजय शीला शारीरिक बेरोजगार महासंघ से विनोद कुमार गिरधारी लाल, टीजीटी बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष संजीव कुमार, लक्ष्मी सदस्य शीला रीता लता शारीरिक शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार जिलाध्यक्ष सदस्य सुरेंद्र कुमार बलदेव चंद्रपाल विजय कुमार कमल देव सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे.
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