मंडीः पूरे प्रदेश सहित मंडी जिला में भी निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा एनुअल चार्ज, ट्यूशन फीस, दाखिला फीस की मनमानी पिछले व चालू वर्ष से निरंतर जारी है. जिसके कारण अभिभावक रोजाना मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. रविवार को छात्र अभिभावक द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने की. उन्होंने इस मौके पर निजी स्कूलों की फीस वसूली की लूट पर लगाम लगाने की बात कही.
निजी स्कूलों ने बढाई अपनी लूट
विजेंद्र मेहरा का कहना है कि कोरोना काल में निजी स्कूलों ने अपनी लूट और बढा दी है और इन निजी स्कूलों के ऊपर लगाम लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद भी निजी शिक्षण संस्थान इन्फ्राट्रक्चर फंड, भवन फंड व दाखिला फीस वसूल रहे हैं. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि पूरे प्रदेश में 3400 के लगभग निजी शिक्षण संस्थान हैं. जिनमें साढ़े छह लाख बच्चे पढ़ाई करते हैं और निजी शिक्षण संस्थान मनमानी फीस वसूलने से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मनमाने तरीके से निजी स्कूलों द्वारा फीस वसूलने के मुद्दे पर जो कार्यवाही होनी चाहिए थी, वह आज दिन तक नहीं हुई है. जिससे अभिभावकों में सरकार व प्रशासन के प्रति रोष है.
25 सदस्यीय कमेटी का गठन
वहीं इस अवसर पर छात्र अभिभावक मंच के द्वारा मंडी जिला की 25 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया. छात्र अभिभावक मंच का कहना है कि 4 फरवरी को निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सरकार उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा और इसके उपरांत आने वाले विधानसभा बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर सरकार के ढुलमुल रवैये के खिलाफ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन भी किया जाएगा.
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