सरकाघाट/मंडी : शुरू से ही बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डे का विरोध करने वाले किसानों का समर्थन कर रहे सरकाघाट और बलद्वाड़ा क्षेत्र के पूर्व सैनिकों ने बल्ह के किसानों को सलाह दी है कि वह अपनी जमीन पर हाईकोर्ट से जल्द स्टे लें. क्योंकि, अगर सरकार ने हवाई अड्डे पर जारी बजट का 25 प्रतिशत भी खर्च किया तो किसानों को मजबूरन अपनी जमीन देनी पड़गी.
कैप्टन जगदीश वर्मा ने किसानों से अपनी जमीन पर हाईकोर्ट से जल्द स्टे लेने की दी सलाह
पूर्व सैनिक संगठन ऑनरेरी कमीशन अफसर कल्याण एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन जगदीश वर्मा ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि केवल अखबारों और न्यूज चैनल में विरोध प्रदर्शन की खबरें लगाने से सरकार अपना फैसला नहीं बदलने वाली है. यहां तक कि वह स्वयं गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से इस बात को उठा चुके हैं कि बल्ह में हवाई पट्टी किसी भी सूरत में सही नहीं होगी लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने अपना फैसला नहीं बदला है और अभी तक अपने फैसले पर अडिग है. उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने लगे तो उनसे कहा गया कि याचिका दायर करने का हक केवल भूमि मालिकों को है.
इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से किसानो को होगा नुकसान
अगर सरकार ने हवाई अड्डे को जारी कुल बजट का 25 प्रतिशत भी खर्च कर दिया तो किसानों को मजबूरन ही भूमि सरकार को देने पड़ेगी. उन्होंने बल्ह बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया और सचिव नंदलाल वर्मा से कहा है कि वह जमीन मालिकों के द्वारा जल्द ही अपनी जमीन पर स्टे लें, ताकि किसानों को बाद में अपनी जमीनें देने के लिए बाध्य न होना पड़े.
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