मंडी: जिला न्यायालय ने चरस तस्करी मामले में दो दोषियों को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. यह सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा ने सुनाई. जुर्माना न देने पर दोनों दोषियों को 1-1 साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
क्या है पूरा मामला
जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम ने बताया कि साल 2012 को पुलिस थाना गोहर के जांच अधिकारी एसआई नवीन झाल्टा अपनी टीम के साथ जाछ-करसोग रोड पर मौजूद थे. इसी दौरान दो व्यक्ति करसोग की तरफ से आए, जिनमें से एक व्यक्ति ने थैला उठा रखा था. कुलभूषण गौतम ने कहा कि दोनों व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर पीछे की ओर भागने लगे. हालांकि पुलिस टीम ने दोनों को काबू कर लिया. शक के आधार पर बैग की तलाशी लेने पर 2.100 किलोग्राम चरस बरामद हुई. इस पर आरोपियों के खिलाफ गोहर थाना में मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई.
10 साल की सजा के साथ 1 लाख का जुर्माना
कुलभूषण गौतम ने कहा कि अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विनय वर्मा उप जिला न्यायवादी ने की. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने अदालत में 12 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए. अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने तस्करों पर लगे आरोपों को मान लिया. अदालत ने दोषी जीवन लाल और राम लाल को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 और 29 के तहत दस-दस वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
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