करसोग: हिमाचल में जिला मंडी के तहत करसोग में लगातार बढ़ रही आगजनी की घटनाओं पर एसडीएम ओमकांत ठाकुर ने सख्ती दिखाई है. सभी विभागीय अधिकारियों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय तलाशने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने दो टूक चेतावनी दी है कि आग लगने के कारणों का पता लगाना संबंधित विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है. केवल मात्र घटना को रिपोर्ट कर देने से उनकी जवाबदेही कम नहीं होगी. उन्होंने कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने के अतिरिक्त लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए.
एक महीने में 10 बार लगी आग: करसोग में लंबे समय से चल रहे सूखे की वजह से इस बार गर्मियों का मौसम शुरू होने से पहले ही फरवरी और मार्च महीने में अभी तक ही जंगलों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी है, जिससे वन संपदा को लाखों का नुकसान हुआ. इस आग से बहुत से जगली प्राणियों की जान भी चली गई. इस नुकसान की भरपाई करना संभव नही है. प्रशासन के मुताबिक पिछले एक महीने में आग लगने की 10 घटनाएं सामने आ चुकी , जिसमें जंगलों सहित निजी मकानों, गौशालाओं, घर व दुकानें आदि आग की भेंट चढ़ी.
सभी को तैयार रहने के निर्देश: एसडीएम ने स्पष्ट किया है कि प्राकृतिक या मानव-रचित आपदाओं से निपटने के लिए ठोस उपाय तलाशे जाएं। इसके अतिरिक्त ऐसी घटनाओं को रोकने और बचाव को लेकर लोगों को भी जागरूक किया जाए. ओमकांत ठाकुर ने कहा है कि क्षेत्र में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसे रोकने के लिए विभिन्न विभागों को आगे बढ़ कर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, ताकि ऐसी घटनाओं को कम किया जा सके. इसके लिए उन्होंने वन, विद्युत, अग्निशमन, पुलिस, बीडीओ, नायब तहसीलदार सहित सब तहसीलों के सभी नायब तहसीलदारों को तत्पर रहने के लिए कहा. एसडीएम ओमकांत ठाकुर ने आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने-अपने वन क्षेत्र में गश्त बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आगजनी की घटनाओं पर नजर रखी जा सके.
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