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ॐ नमः शिवाय: इस मंदिर में 5 बार मुख मुद्राएं बदलते हैं बाबा महामृत्युंजय - Mahamrityunjaya Temple Mandi Himachal

छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव व सावन का महीना बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है. माना जाता है कि यह महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. सावन के इस महीने में हम आपको छोटी काशी मंडी के ऐसे मंदिर से रूबरू करवाएंगे. जिसमें भगवान शिव मूर्ति रूप में कमलासन पर विराजमान दिन में 5 बार मुख मुद्राएं बदलते हैं. पूरे एशिया महाद्वीप में भगवान शिव का एक ही ऐसा मंदिर है जो हिमाचल के मंडी जिला में स्थित है.

Mandi Baba Mahamrityunjay Mandir News, मंडी बाबा महामृत्युंजय मंदिर न्यूज
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Published : Jul 22, 2021, 7:41 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक लिहाज से विशेष महत्व रखता है. यहां पर 80 के करीब छोटे बड़े मंदिर हैं, इसलिए इसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है.

छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव व सावन का महीना बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है. माना जाता है कि यह महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है.

सावन के इस महीने में हम आपको छोटी काशी मंडी के ऐसे मंदिर से रूबरू करवाएंगे. जिसमें भगवान शिव मूर्ति रूप में कमलासन पर विराजमान दिन में 5 बार मुख मुद्राएं बदलते हैं. पूरे एशिया महाद्वीप में भगवान शिव का एक ही ऐसा मंदिर है जो हिमाचल के मंडी जिला में स्थित है.

भगवान शिव यहां पर बाबा महामृत्युंजय रूप में विराजमान हैं. काले रंग की यह मूर्ति अत्यंत मनोहारी है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर दो राजाओं के नाम लिए जाते हैं. एक राजा सूरत से 1637 ईस्वी में और दूसरा सिद्ध सेन 1684 ईस्वी में.

बाबा महामृत्युंजय अकाल मृत्यु दुर्घटना रोग पीड़ा आदि आदि से रक्षा करते हैं. मंदिर में दो गणपति विराजमान हैं. एक उत्तर की ओर और एक मुख्य द्वार पर कमलासन पर बैठे हुए हैं. द्वार पर हाथी, दो ऋषियों की जप करती हुई प्रतिमा है. मंदिर में तीन प्रकोष्ठ बने हुए हैं. इनमें हनुमान काल भैरव और खप्पर लिए गणपति की सुंदर प्रतिमा स्थापित है. वर्तमान में मंदिर के बाहर नंदी बैल की प्रतिमा स्थापित है, लेकिन पूर्व में मंदिर के बाहर नंदी की कोई प्रतिमा नहीं थी.

वीडियो रिपोर्ट.

मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा का कहना है कि बाबा महामृत्युंजय दिन में 5 बार अपनी मुख मुद्राएं बदलते हैं कभी प्रसन्न, कभी गंभीर, कभी क्रोध में तो कभी तेज और कभी माया भी रूप में दिखाई देते हैं. उन्होंने बताया कि बाबा महामृत्युंजय कमल आसन पर विराजमान है जिस पर चांदी मढ़ा हुआ है.

Mandi Baba Mahamrityunjay Mandir News, मंडी बाबा महामृत्युंजय मंदिर न्यूज
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वहीं मंदिर में बाबा महामृत्युंजय के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा महामृत्युंजय की मूर्ति इतनी मनोहारी है कि यह अनायास ही अपनी और सभी को आकर्षित करती है, श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा महामृत्युंजय सभी के दुखों को हरने वाले हैं और उन्होंने जो भी आज तक बाबा महामृत्युंजय से मांगा है उनकी हर मनोकामना पूर्ण हुई है.

ये भी पढ़ें- त्रिलोकीनाथ मंदिर जाने वाला रास्ता बदहाल, श्रद्धालुओं में नाराजगी

मंडी: हिमाचल प्रदेश का मंडी जिला राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक लिहाज से विशेष महत्व रखता है. यहां पर 80 के करीब छोटे बड़े मंदिर हैं, इसलिए इसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है.

छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव व सावन का महीना बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है. माना जाता है कि यह महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है.

सावन के इस महीने में हम आपको छोटी काशी मंडी के ऐसे मंदिर से रूबरू करवाएंगे. जिसमें भगवान शिव मूर्ति रूप में कमलासन पर विराजमान दिन में 5 बार मुख मुद्राएं बदलते हैं. पूरे एशिया महाद्वीप में भगवान शिव का एक ही ऐसा मंदिर है जो हिमाचल के मंडी जिला में स्थित है.

भगवान शिव यहां पर बाबा महामृत्युंजय रूप में विराजमान हैं. काले रंग की यह मूर्ति अत्यंत मनोहारी है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर दो राजाओं के नाम लिए जाते हैं. एक राजा सूरत से 1637 ईस्वी में और दूसरा सिद्ध सेन 1684 ईस्वी में.

बाबा महामृत्युंजय अकाल मृत्यु दुर्घटना रोग पीड़ा आदि आदि से रक्षा करते हैं. मंदिर में दो गणपति विराजमान हैं. एक उत्तर की ओर और एक मुख्य द्वार पर कमलासन पर बैठे हुए हैं. द्वार पर हाथी, दो ऋषियों की जप करती हुई प्रतिमा है. मंदिर में तीन प्रकोष्ठ बने हुए हैं. इनमें हनुमान काल भैरव और खप्पर लिए गणपति की सुंदर प्रतिमा स्थापित है. वर्तमान में मंदिर के बाहर नंदी बैल की प्रतिमा स्थापित है, लेकिन पूर्व में मंदिर के बाहर नंदी की कोई प्रतिमा नहीं थी.

वीडियो रिपोर्ट.

मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा का कहना है कि बाबा महामृत्युंजय दिन में 5 बार अपनी मुख मुद्राएं बदलते हैं कभी प्रसन्न, कभी गंभीर, कभी क्रोध में तो कभी तेज और कभी माया भी रूप में दिखाई देते हैं. उन्होंने बताया कि बाबा महामृत्युंजय कमल आसन पर विराजमान है जिस पर चांदी मढ़ा हुआ है.

Mandi Baba Mahamrityunjay Mandir News, मंडी बाबा महामृत्युंजय मंदिर न्यूज
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वहीं मंदिर में बाबा महामृत्युंजय के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा महामृत्युंजय की मूर्ति इतनी मनोहारी है कि यह अनायास ही अपनी और सभी को आकर्षित करती है, श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा महामृत्युंजय सभी के दुखों को हरने वाले हैं और उन्होंने जो भी आज तक बाबा महामृत्युंजय से मांगा है उनकी हर मनोकामना पूर्ण हुई है.

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