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कोरोना काल के बीच खुले स्कूल, लेकिन पहले ही दिन स्कूल नहीं पहुंच पाए छात्र, जानें वजह - मंडी लेटेस्ट न्यूज

मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के तहत एचआरटीसी सुंदरनगर के गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण विद्यार्थी पहले ही दिन अपने स्कूल तक पहुंचने से वंचित रह गए पाए. आज स्कूल खुलने के पहले ही दिन घर से अपने स्कूल के लिए निकले बच्चों को एचआरटीसी की लापरवाही के कारण अपने घरों को वापिस लौटना पड़ा.

mandi hrtc news, मंडी एचआरटीसी न्यूज
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Published : Feb 1, 2021, 8:37 PM IST

मंडी: कोरोना काल के बिच 1 फरवरी से स्कूल खुले, लेकिन मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के तहत एचआरटीसी सुंदरनगर के गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण विद्यार्थी पहले ही दिन अपने स्कूल तक पहुंचने से वंचित रह गए पाए. आज स्कूल खुलने के पहले ही दिन घर से अपने स्कूल के लिए निकले बच्चों को एचआरटीसी की लापरवाही के कारण अपने घरों को वापिस लौटना पड़ा.

वहीं, कुछ बच्चे लगभग 3 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर कपाही तक पहुंचे और कपाही से सुंदरनगर के लिए दूसरी बस में बैठकर अपने स्कूल पहुंचे. मामला बल्ह उपमंडल की ग्राम पंचायत लुहाखर का है जहां सोमवार को सुबह 8 बजे झोर से सुंदरनगर के लिए एचआरटीसी के द्वारा बस नहीं भेजी गई.

वीडियो रिपोर्ट.

बच्चों को बस उपलब्ध नहीं होने के कारण वापिस अपने घरों को लौटना पड़ा

इस कारण काफी देर बस का इंतजार करने के बावजूद बच्चों को बस उपलब्ध नहीं होने के कारण वापिस अपने घरों को लौटना पड़ा. बता दें कि एक फरवरी से प्रदेश शिक्षा विभाग स्कूलों में कुछ कक्षाओं के लिए पढ़ाई शुरु करवा रहा है. कोरोना की वजह से बहुत सारे बसों के रूट बंद कर दिए गए थे, लेकिन अब शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को दोबारा शुरू करवाने के साथ-साथ उन सभी रूट के ऊपर बच्चों के लिए बसों की मांग बढ़ गई है.

स्कूलों के लिए एकमात्र सहारा एचआरटीसी ही है

क्षेत्र में प्राइवेट स्कूलों के लिए तो स्कूलों की बसें चलती है, लेकिन सरकारी स्कूलों के लिए एकमात्र सहारा एचआरटीसी ही हैं. उप प्रधान ग्राम पंचायत लुहाखर यशवंत ने कहा कि स्कूल खुलने के निर्णय के बाद क्षेत्रीय प्रबंधक सुंदरनगर से बात की गई थी और साथ ही ई-मेल के माध्यम से भी मांग उनको भेजी थी.

उन्होंने कहा कि मामले को लेकर एक तारीख से जैसे स्कूल शुरू होने पर बस सुचारू रूप से चलना शुरू होने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बस नहीं आने के कारण बच्चे पैदल ही झोर से कपाही पहुंच गए और कपाही से सुंदरनगर के लिए दूसरी बस लेना पड़ी. उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे निराश घर को लौट आए इससे अभिभावकों में भारी आक्रोश है.

झोर के लिए सुबह 8 बजे वाली बस नहीं आई

झोर गांव से सुंदरनगर में जमा दो कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा अनामिका ने कहा कि झोर के लिए सुबह 8 बजे वाली बस नहीं आई है, जिस कारण स्कूल खुलने के पहले ही दिन परेशान होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इससे स्कूल के लिए लेट हो जाने के कारण घर वापिस जाना पड़ रहा है.

मामले पर हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपू सुंदरनगर के आरएम विनोद ठाकुर ने कहा कि सोमवार को सुबह 8 बजे के समय पर बस नहीं भेजी गई थी. उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने को लेकर कार्यालय में अधिसूचना प्राप्त नहीं हुई है. कल से स्कूलों की समयसारिणी के अनुसार बसों को भेजा जा रहा है.

ये भी पढे़ं- भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला है बजटः सुरेश भारद्वाज

मंडी: कोरोना काल के बिच 1 फरवरी से स्कूल खुले, लेकिन मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के तहत एचआरटीसी सुंदरनगर के गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण विद्यार्थी पहले ही दिन अपने स्कूल तक पहुंचने से वंचित रह गए पाए. आज स्कूल खुलने के पहले ही दिन घर से अपने स्कूल के लिए निकले बच्चों को एचआरटीसी की लापरवाही के कारण अपने घरों को वापिस लौटना पड़ा.

वहीं, कुछ बच्चे लगभग 3 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर कपाही तक पहुंचे और कपाही से सुंदरनगर के लिए दूसरी बस में बैठकर अपने स्कूल पहुंचे. मामला बल्ह उपमंडल की ग्राम पंचायत लुहाखर का है जहां सोमवार को सुबह 8 बजे झोर से सुंदरनगर के लिए एचआरटीसी के द्वारा बस नहीं भेजी गई.

वीडियो रिपोर्ट.

बच्चों को बस उपलब्ध नहीं होने के कारण वापिस अपने घरों को लौटना पड़ा

इस कारण काफी देर बस का इंतजार करने के बावजूद बच्चों को बस उपलब्ध नहीं होने के कारण वापिस अपने घरों को लौटना पड़ा. बता दें कि एक फरवरी से प्रदेश शिक्षा विभाग स्कूलों में कुछ कक्षाओं के लिए पढ़ाई शुरु करवा रहा है. कोरोना की वजह से बहुत सारे बसों के रूट बंद कर दिए गए थे, लेकिन अब शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को दोबारा शुरू करवाने के साथ-साथ उन सभी रूट के ऊपर बच्चों के लिए बसों की मांग बढ़ गई है.

स्कूलों के लिए एकमात्र सहारा एचआरटीसी ही है

क्षेत्र में प्राइवेट स्कूलों के लिए तो स्कूलों की बसें चलती है, लेकिन सरकारी स्कूलों के लिए एकमात्र सहारा एचआरटीसी ही हैं. उप प्रधान ग्राम पंचायत लुहाखर यशवंत ने कहा कि स्कूल खुलने के निर्णय के बाद क्षेत्रीय प्रबंधक सुंदरनगर से बात की गई थी और साथ ही ई-मेल के माध्यम से भी मांग उनको भेजी थी.

उन्होंने कहा कि मामले को लेकर एक तारीख से जैसे स्कूल शुरू होने पर बस सुचारू रूप से चलना शुरू होने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बस नहीं आने के कारण बच्चे पैदल ही झोर से कपाही पहुंच गए और कपाही से सुंदरनगर के लिए दूसरी बस लेना पड़ी. उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे निराश घर को लौट आए इससे अभिभावकों में भारी आक्रोश है.

झोर के लिए सुबह 8 बजे वाली बस नहीं आई

झोर गांव से सुंदरनगर में जमा दो कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा अनामिका ने कहा कि झोर के लिए सुबह 8 बजे वाली बस नहीं आई है, जिस कारण स्कूल खुलने के पहले ही दिन परेशान होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इससे स्कूल के लिए लेट हो जाने के कारण घर वापिस जाना पड़ रहा है.

मामले पर हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपू सुंदरनगर के आरएम विनोद ठाकुर ने कहा कि सोमवार को सुबह 8 बजे के समय पर बस नहीं भेजी गई थी. उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने को लेकर कार्यालय में अधिसूचना प्राप्त नहीं हुई है. कल से स्कूलों की समयसारिणी के अनुसार बसों को भेजा जा रहा है.

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