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कोरोना ने डेढ़ साल की बेटी को मां से किया दूर, कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रही हैं मीना

मीना शर्मा इन दिनों नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बतौर स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत अपनी डेढ़ साल की बेटी को परिजनों के हवाले छोड़ कर कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रही हैं. मीना अस्पताल में ड्यूटी के बाद भी लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहती हैं और आसपास के गांव में जरूरतमंद लोगों की मदद भी करती हैं.

स्टाफ नर्स मीना शर्मा
स्टाफ नर्स मीना शर्मा
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Published : Aug 4, 2020, 12:30 PM IST

मंडी: मंडी के बल्ह विधानसभा क्षेत्र के रथोह गांव से संबध रखने वाली मीना शर्मा इन दिनों नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बतौर स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं. अपनी डेढ़ साल की बेटी को परिजनों के हवाले छोड़ कर कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रही हैं. मीना 2017 से नर्सिंग की फील्ड में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं.

मीना ने बताया कि वह 29 जुलाई से मेडिकल कॉलेज नेरचौक के कोरोना वार्ड में सेवाएं दे रहीं हैं और अगले 1 हफ्ते तक वह कोरोना वार्ड में ही सेवाएं देंगी. उसके बाद वह 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहेंगी. उन्होंने कहा कि अपनी बेटी के जन्म से लेकर अबतक वे एक दिन भी उससे दूर नहीं रही हैं और अब उन्हें 21 दिन तक अलग रहना पड़ रहा है.

मीना के पति विजय शर्मा डाक विभाग में कार्यरत हैं. बता दें कि कोरोना काल के दौरान डाक विभाग का भी सराहनीय योगदान रहा है. इस दौरान अन्य सरकारी विभाग कई महीनों तक बंद रहे, लेकिन डाक विभाग का काम एक दिन भी नहीं रूका है.

मीना ने कहा कि इस संकट की घड़ी में उनके पति उनक पूरा सहयोग कर रहे हैं. विजय अपनी नौकरी में व्यस्त रहने के बावजूद अपनी पत्नी की सेवाओं को खुद से ज्यादा महत्व देते है. इसके साथ ही मीना के ससुराल में सभी लोग काम में उनका सहयोग करते हैं और लोगों की सेवा करने के लिए उन्हे हमेशा प्रेरित करते हैं.

मीना अपनी बेटी को वायु सेना में भेजना चाहती हैं. उन्हें परिवार के साथ घूमना, खाना पकाना व डायरी लिखने का बहुत शौक है. नर्सिंग में जन सेवा करना ही मीना का लक्ष्य है. मीना शर्मा ने नर्सिंग में स्नातक की डिग्री इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से पूरी की है. उनकी 2017 में नौकरी ज्वाइन की थी. इसके बाद वह पिछले डेढ़ साल से मेडिकल कॉलेज नेरचौक में सेवाएं दे रही हैं.

ये भी पढ़ें: तिब्बत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाली अमा आधे का निधन

मंडी: मंडी के बल्ह विधानसभा क्षेत्र के रथोह गांव से संबध रखने वाली मीना शर्मा इन दिनों नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बतौर स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत हैं. अपनी डेढ़ साल की बेटी को परिजनों के हवाले छोड़ कर कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रही हैं. मीना 2017 से नर्सिंग की फील्ड में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं.

मीना ने बताया कि वह 29 जुलाई से मेडिकल कॉलेज नेरचौक के कोरोना वार्ड में सेवाएं दे रहीं हैं और अगले 1 हफ्ते तक वह कोरोना वार्ड में ही सेवाएं देंगी. उसके बाद वह 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहेंगी. उन्होंने कहा कि अपनी बेटी के जन्म से लेकर अबतक वे एक दिन भी उससे दूर नहीं रही हैं और अब उन्हें 21 दिन तक अलग रहना पड़ रहा है.

मीना के पति विजय शर्मा डाक विभाग में कार्यरत हैं. बता दें कि कोरोना काल के दौरान डाक विभाग का भी सराहनीय योगदान रहा है. इस दौरान अन्य सरकारी विभाग कई महीनों तक बंद रहे, लेकिन डाक विभाग का काम एक दिन भी नहीं रूका है.

मीना ने कहा कि इस संकट की घड़ी में उनके पति उनक पूरा सहयोग कर रहे हैं. विजय अपनी नौकरी में व्यस्त रहने के बावजूद अपनी पत्नी की सेवाओं को खुद से ज्यादा महत्व देते है. इसके साथ ही मीना के ससुराल में सभी लोग काम में उनका सहयोग करते हैं और लोगों की सेवा करने के लिए उन्हे हमेशा प्रेरित करते हैं.

मीना अपनी बेटी को वायु सेना में भेजना चाहती हैं. उन्हें परिवार के साथ घूमना, खाना पकाना व डायरी लिखने का बहुत शौक है. नर्सिंग में जन सेवा करना ही मीना का लक्ष्य है. मीना शर्मा ने नर्सिंग में स्नातक की डिग्री इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला से पूरी की है. उनकी 2017 में नौकरी ज्वाइन की थी. इसके बाद वह पिछले डेढ़ साल से मेडिकल कॉलेज नेरचौक में सेवाएं दे रही हैं.

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