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फ्रांसीसी विकास एजेंसी एएफडी का विशिष्ट दल मंडी जिला के दौरे पर, अधिकारियों के साथ की बैठक

हिमाचल सरकार के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में सहयोग की सम्भावनाओं का पता लगाने हेतु फ्रांसीसी विकास एजेंसी एएफडी का एक विशिष्ट दल प्रदेश के दौरे पर हैं. ये दल जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन, जैव विविधता और स्वच्छ जल के क्षेत्र में सहयोग की सम्भावनाओं का पता लगाएगा. इसी कड़ी में मंगलवार को ये दल मंडी पहुंचा.

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Published : Dec 15, 2020, 9:41 PM IST

मंडीः हिमाचल सरकार के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में सहयोग की सम्भावनाओं का पता लगाने हेतु फ्रांसीसी विकास एजेंसी एएफडी का एक विशिष्ट दल प्रदेश के दौरे पर है. इसी कड़ी में मंगलवार को ये दल मंडी पहुंचा. बता दें कि एएफडी का प्रदेश में मुख्यतौर पर जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन सहित जैव विविधता और स्वच्छता के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने पर ध्यान है. इस मकसद से एएफडी प्रतिनिधियों का विशिष्ट दल प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहा है.

जलशक्ति विभाग व वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक

मंगलवार को एएफडी के प्रोग्राम मैनेजर, जल एवं जैव विविधता, अंकित तुल्सयान ने मंडी में जिला प्रशासन के अलावा जलशक्ति विभाग व वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि एएफडी प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर इन क्षेत्रों की परिस्थितियों और चुनौतियों का अध्ययन करके प्रदेश के वित्तीय सहयोग की रणनीति बनाएगी.

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फ्रांसीसी विकास एजेंसी एएफडी

उन्होंने मंडी जिला प्रशासन के साथ आयोजित बैठक में प्राकृतिक आपदाओं के कुशल प्रबंधन के प्रयासों में सहायता प्रदान करने की दृष्टि से विस्तृत जानकारी ली. बैठक में आईआईटी मंडी के प्रो. वरुण और डॉ. उदय ने आपदा प्रबंधन में प्रशासन के सहयोग को आईआईटी मंडी द्वारा तैयार स्मार्ट प्रणालियों एवं सर्मथन उपायों की जानकारी दी.

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने दी प्रजेंटेशन

बैठक में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन को लेकर प्रेजेंटेशन दी और आपदा प्रबंधन की मुख्य चुनौतियों से अवगत करवाया. उन्होंने बताया कि भू जलवायु परिस्थितियों के कारण मंडी पारंपरिक रूप से बाढ़, भूकंप, वनों में आग लगने और भूस्खलन जैसी आपदाओं के प्रति संवेदनशील है.

कोटरोपी में हुई भूस्खलन की घटना से करवाया अवगत

उपायुक्त ने अगस्त 2017 में कोटरोपी में हुई भूस्खलन की घटना से भी अवगत करवाया. उन्होंने आपदा प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और सामुदायिक भागीदारी की नई पहलों की जानकारी भी दी. ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि आईआईटी मंडी की मदद से जिला में भूस्खलन सम्भावित जगहों पर पूर्व चेतावनी के लिए सेंसरयुक्त अलार्म लगाए गए हैं. इस मौके पर उपायुक्त ने जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की आपदा से निपटने की पूर्व तैयारियों व भविष्य की योजना पर भी प्रकाश डाला.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर: गोविंद सिंह ठाकुर

मंडीः हिमाचल सरकार के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में सहयोग की सम्भावनाओं का पता लगाने हेतु फ्रांसीसी विकास एजेंसी एएफडी का एक विशिष्ट दल प्रदेश के दौरे पर है. इसी कड़ी में मंगलवार को ये दल मंडी पहुंचा. बता दें कि एएफडी का प्रदेश में मुख्यतौर पर जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन सहित जैव विविधता और स्वच्छता के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने पर ध्यान है. इस मकसद से एएफडी प्रतिनिधियों का विशिष्ट दल प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहा है.

जलशक्ति विभाग व वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक

मंगलवार को एएफडी के प्रोग्राम मैनेजर, जल एवं जैव विविधता, अंकित तुल्सयान ने मंडी में जिला प्रशासन के अलावा जलशक्ति विभाग व वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि एएफडी प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर इन क्षेत्रों की परिस्थितियों और चुनौतियों का अध्ययन करके प्रदेश के वित्तीय सहयोग की रणनीति बनाएगी.

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फ्रांसीसी विकास एजेंसी एएफडी

उन्होंने मंडी जिला प्रशासन के साथ आयोजित बैठक में प्राकृतिक आपदाओं के कुशल प्रबंधन के प्रयासों में सहायता प्रदान करने की दृष्टि से विस्तृत जानकारी ली. बैठक में आईआईटी मंडी के प्रो. वरुण और डॉ. उदय ने आपदा प्रबंधन में प्रशासन के सहयोग को आईआईटी मंडी द्वारा तैयार स्मार्ट प्रणालियों एवं सर्मथन उपायों की जानकारी दी.

उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने दी प्रजेंटेशन

बैठक में उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन को लेकर प्रेजेंटेशन दी और आपदा प्रबंधन की मुख्य चुनौतियों से अवगत करवाया. उन्होंने बताया कि भू जलवायु परिस्थितियों के कारण मंडी पारंपरिक रूप से बाढ़, भूकंप, वनों में आग लगने और भूस्खलन जैसी आपदाओं के प्रति संवेदनशील है.

कोटरोपी में हुई भूस्खलन की घटना से करवाया अवगत

उपायुक्त ने अगस्त 2017 में कोटरोपी में हुई भूस्खलन की घटना से भी अवगत करवाया. उन्होंने आपदा प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों, टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और सामुदायिक भागीदारी की नई पहलों की जानकारी भी दी. ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि आईआईटी मंडी की मदद से जिला में भूस्खलन सम्भावित जगहों पर पूर्व चेतावनी के लिए सेंसरयुक्त अलार्म लगाए गए हैं. इस मौके पर उपायुक्त ने जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की आपदा से निपटने की पूर्व तैयारियों व भविष्य की योजना पर भी प्रकाश डाला.

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