करसोग: हिमाचल प्रदेश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो आज भी विज्ञान के लिए पहेली बने हुए हैं. उन्हीं मंदिरों में से एक है, जिला मंडी के करसोग का प्राचीन ममलेश्वर महादेव मंदिर. इस मंदिर में मौजूद एक अग्निकुंड हमेशा जलता रहता है. मान्यता है कि 5 हजार साल पहले पांडवों ने इस अग्निकुंड को जलाया था और तब से यह जल रहा है. कहा जाता है कि अग्निकुंड से निकलने वाली राख कभी कम या ज्यादा नहीं होती.
स्थानीय लोगों का मानना है कि अज्ञातवास के दौरान पूजा करने के लिए पांडवों ने इस अग्निकुंड को बनवाया था. कहा जाता है कि सावन के महीने में यहां पार्वती और शिव कमल पर बैठकर मंदिर में मौजूद रहते हैं.
ममलेश्वर महादेव मंदिर में मौजूद इन चीजों की सच्चाई चाहे कुछ भी हो, लेकिन लोगों की इस मंदिर पर अटूट आस्था है. साल भर इस मंदिर में कई उत्सवों का आयोजन किया जाता है. पौराणिक काल से जुड़ा यह मंदिर आज भी कई रहस्यों से भरा हुआ है.
इस अग्निकुंड के जलने को चमत्कार कहेx या कोई रहस्य इसका उत्तर ना तो विज्ञान के पास है और ना ही भगवान में आस्था रखने वाले लोगों के पास है. भोलेनाथ के भक्त इसे भगवान शिव का करिश्मा कहते हैं. अब भक्तों की आस्था के आगे तो विज्ञान भी अपने घुटने टेक देता हैं और शायद यही कारण है कि इस अटूट आस्था का सम्मान करते हुए हम रहस्य की इस खास सीरीज में आपके लिए कुछ न कुछ नया और विचित्र लेकर आते हैं.
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