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सामाजिक सुरक्षा पेंशन में सवा करोड़ के घोटाले में FIR दर्ज, सरकार ने दिए कार्रवाई के आदेश - पेंशन

मंडी में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में करोड़ों के घोटाले की शिकायत पुलिस थाना जोगिंदरनगर में दर्ज की गई है. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. बता दें कि इस मामले में पहले एफआईआर नहीं हुई थी, लेकिन मामला सुर्खियों में आने के बाद सरकार ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

Mandi
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Published : Aug 9, 2019, 11:20 PM IST

मंडी: जिला मंडी में सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के करोड़ों रुपये के चर्चित घोटाले में शुक्रवार को पुलिस थाना जोगिंदरनगर में एफआईआर दर्ज हो गई है. यह एफआईआर निदेशक समाज कल्याण विभाग से आए आदेशों के बाद जिला कल्याण अधिकारी मंडी ने करवाई.

गौरतलब है कि साल 2017 में एक मामला जोगिंदरनगर में अंतरजातीय विवाह की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर आया था. सुनीता पत्नी रिंकू ने अपनी अंतरजातीय शादी की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि समय अवधि बीत जाने पर भी नहीं मिली तो उसने शिकायत दर्ज करवाई. इस पर विभाग ने पाया कि सुनीता को कागजों में पैसे दिये जा चुके हैं, लेकिन वास्तव में उसे प्रोत्साहन राशि मिली ही नहीं थी.

इस मामले की अगस्त 2018 में जिला स्तर पर जांच करवाई गई, तो यह गोलमाल लगभग सवा करोड़ से उपर चला गया. वहीं, राज्य स्तर की टीम ने इसकी जांच की तो घोटाला 1 करोड़ 40 लाख के आसपास पाया गया. कई तरह के दबाव के कारण इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी. मगर घोटाला सुर्खियों में आने पर सरकार ने तत्काल कार्रवाई करने के आदेश निदेशक सामाजिक कल्याण विभाग को दिए.

बता दें कि घोटाले में एफआईआर तत्कालीन तहसील कल्याण अधिकारी के खिलाफ हुई है, जो अभी भी एक उच्च पद पर कार्यरत हैं. जिला कल्याण अधिकारी लेख राज वैद्य ने मामले की एफआईआर जोगिंदरनगर थाने में दर्ज किए जाने की पुष्टि की है.

ये भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 के सवाल से बचती नजर आई विधायक आशा कुमारी, कुछ यूं कन्नी काटकर निकली

मंडी: जिला मंडी में सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के करोड़ों रुपये के चर्चित घोटाले में शुक्रवार को पुलिस थाना जोगिंदरनगर में एफआईआर दर्ज हो गई है. यह एफआईआर निदेशक समाज कल्याण विभाग से आए आदेशों के बाद जिला कल्याण अधिकारी मंडी ने करवाई.

गौरतलब है कि साल 2017 में एक मामला जोगिंदरनगर में अंतरजातीय विवाह की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर आया था. सुनीता पत्नी रिंकू ने अपनी अंतरजातीय शादी की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि समय अवधि बीत जाने पर भी नहीं मिली तो उसने शिकायत दर्ज करवाई. इस पर विभाग ने पाया कि सुनीता को कागजों में पैसे दिये जा चुके हैं, लेकिन वास्तव में उसे प्रोत्साहन राशि मिली ही नहीं थी.

इस मामले की अगस्त 2018 में जिला स्तर पर जांच करवाई गई, तो यह गोलमाल लगभग सवा करोड़ से उपर चला गया. वहीं, राज्य स्तर की टीम ने इसकी जांच की तो घोटाला 1 करोड़ 40 लाख के आसपास पाया गया. कई तरह के दबाव के कारण इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी. मगर घोटाला सुर्खियों में आने पर सरकार ने तत्काल कार्रवाई करने के आदेश निदेशक सामाजिक कल्याण विभाग को दिए.

बता दें कि घोटाले में एफआईआर तत्कालीन तहसील कल्याण अधिकारी के खिलाफ हुई है, जो अभी भी एक उच्च पद पर कार्यरत हैं. जिला कल्याण अधिकारी लेख राज वैद्य ने मामले की एफआईआर जोगिंदरनगर थाने में दर्ज किए जाने की पुष्टि की है.

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Intro:मंडी। सामाजिक सुरक्षा पेंशनों का 1 करोड़ 40 लाख के करीबन पैसा डकारने के चर्चित मामले में शुक्रवार को पुलिस थाना जोगिंदरनगर में एफआईआर दर्ज हो गई। यह एफआईआर निदेशक समाज कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश से आए आदेशों के बाद जिला कल्याण अधिकारी मंडी द्वारा करवाई गई। Body:गौरतलब है कि वर्ष 2017 के अंत में एक मामला जोगिंदरनगर में अतर्राजातीय विवाह की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को लेकर आया था। सुनीता पत्नी रिंकू ने जब अपनी अंतर्राजातीय शादी की मिलने वाली प्रोत्साहन राशि समय अवधि बीत जाने पर भी नहीं मिली तो उसने शिकायत दर्ज करवाई। विभाग ने जब सरसरी तौर पर मामला देखा तो पाया कि सुनीता को तो कागजों में राशि दी जा चुकी है मगर वास्तव में उसे नहीं मिली थी। इस पर जब मामले की परतें उधेड़ी गई तो यह करोड़ों का गोलमाल निकला। अगस्त 2018 में जिला स्तर पर इसकी जांच करवाई गई तो यह गोलमाल लगभग सवा करोड़ से उपर चला गया। बाद में मामला सुर्खियों में आ जाने से राज्य स्तर की टीम ने इसकी जांच की तो गोलमाल 1 करोड़ 40 लाख के आसपास पाया गया। कई तरह के दबाव के चलते अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई मगर जब मामला फिर से सुर्खियों में आने लगा तो सरकार ने इस पर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश निदेशक सामाजिक कल्याण विभाग को दिए। उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को आदेश दिए कि वह मामले में एफआईआर दर्ज करवाए। शुक्रवार को यह मामला जोगिंदरनगर में दर्ज हो गया। यह एफआईआर तत्कालीन तहसील कल्याण अधिकारी के खिलाफ हुई है जो अभी भी एक उच्च पद पर कार्यरत हैं। इस बारे में जब जिला कल्याण अधिकारी लेख राज वैद्य से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में निदेशक ही अधिकारिक सूचना दे सकते हैं। हां उन्होंने मामले की एफआईआर जोगिंदरनगर थाने में दर्ज किए जाने की पुष्टि की है। सामाजिक पेंशनों को गोल करने का यह प्रदेश का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है।Conclusion:
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