मंडीः सदियों से आयोजित किए जा रहे लोकोत्सव अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले देवताओं और देवलुओं को आजादी के सात दशक बाद भी छत नसीब नहीं हो सकी है.
जिला भर के कारदारों की बैठक में इस मसले को लेकर आवाज बुलंद की गई है. सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल ने कहा कि बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा संस्कृति सदन था. ठहरने की व्यवस्था न होने के कारण देवलुओं के ठहराव में परेशानी पेश आ रही है. उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देव सदन का काम बेहद ही धीमी गति से चला हुआ है.
इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि तेज गति से इसका निर्माण किया जाए. इसके लिए 7 करोड़ रुपये का बजट आ चुका है, लेकिन पीडब्ल्यूडी की कोताही से कार्य अभी तक बेहद धीमी गति से चल रहा है.
पंडित शिवपाल ने कहा कि देवी देवताओं की सुरक्षा को लेकर भी मामला पुलिस प्रशासन के समक्ष रखा गया है. इसके साथ ही जिन देवताओं के मंदिर सरकारी भूमि पर हैं, उन्हें यह भूमि अलॉट करने के लिए सरकार से मांग उठाई गई है. बैठक में रिवाल्विंग फंड को बढ़ाने और इसे एक मुस्त जारी करने की मांग भी उठाई गई है. इसके अलावा पानी और सीवरेज की समस्या भी सामने आ रही है, उसका भी प्रशासन के साथ मिलकर समाधान कर दिया गया है.
शिवपाल ने कहा कि देवता कमेटियों की तरफ से पुलवामा शहीदों के परिवारों को डेढ़ लाख रुपए की राहत राशि सीएम जयराम ठाकुर के माध्यम से सौंपी गई है.