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सात दशक बीतने के बाद भी देवी देवताओं को नहीं मिली अपनी छत, कारदारों ने जताई तल्खी - mandi

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले देवताओं और देवलुओं नहीं हो पाई छत नसीब सर्व देवता समिति ने जताई नाराजगी

सर्व देवता सेवा समिति
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Published : Mar 7, 2019, 10:26 PM IST

मंडीः सदियों से आयोजित किए जा रहे लोकोत्सव अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले देवताओं और देवलुओं को आजादी के सात दशक बाद भी छत नसीब नहीं हो सकी है.

sarv devta meeting
सर्व देवता सेवा समिति
पूर्व कांग्रेस सरकार में शुरू हुई संस्कृति सदन बनाने की कवायद भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद निर्माण तक तो पहुंची, लेकिन पीडब्ल्यूडी की लेटलतीफी यहां पर भारी पड़ रही है.बता दें कि करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत होने के बावजूद बेहद ही धीमी गति से संस्कृति सदन का कार्य चला हुआ है. इसे लेकर देवी देवता कारदारों ने तल्खी जताई है.

जिला भर के कारदारों की बैठक में इस मसले को लेकर आवाज बुलंद की गई है. सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल ने कहा कि बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा संस्कृति सदन था. ठहरने की व्यवस्था न होने के कारण देवलुओं के ठहराव में परेशानी पेश आ रही है. उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देव सदन का काम बेहद ही धीमी गति से चला हुआ है.

इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि तेज गति से इसका निर्माण किया जाए. इसके लिए 7 करोड़ रुपये का बजट आ चुका है, लेकिन पीडब्ल्यूडी की कोताही से कार्य अभी तक बेहद धीमी गति से चल रहा है.

पंडित शिवपाल ने कहा कि देवी देवताओं की सुरक्षा को लेकर भी मामला पुलिस प्रशासन के समक्ष रखा गया है. इसके साथ ही जिन देवताओं के मंदिर सरकारी भूमि पर हैं, उन्हें यह भूमि अलॉट करने के लिए सरकार से मांग उठाई गई है. बैठक में रिवाल्विंग फंड को बढ़ाने और इसे एक मुस्त जारी करने की मांग भी उठाई गई है. इसके अलावा पानी और सीवरेज की समस्या भी सामने आ रही है, उसका भी प्रशासन के साथ मिलकर समाधान कर दिया गया है.

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शिवपाल ने कहा कि देवता कमेटियों की तरफ से पुलवामा शहीदों के परिवारों को डेढ़ लाख रुपए की राहत राशि सीएम जयराम ठाकुर के माध्यम से सौंपी गई है.

मंडीः सदियों से आयोजित किए जा रहे लोकोत्सव अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले देवताओं और देवलुओं को आजादी के सात दशक बाद भी छत नसीब नहीं हो सकी है.

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सर्व देवता सेवा समिति
पूर्व कांग्रेस सरकार में शुरू हुई संस्कृति सदन बनाने की कवायद भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद निर्माण तक तो पहुंची, लेकिन पीडब्ल्यूडी की लेटलतीफी यहां पर भारी पड़ रही है.बता दें कि करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत होने के बावजूद बेहद ही धीमी गति से संस्कृति सदन का कार्य चला हुआ है. इसे लेकर देवी देवता कारदारों ने तल्खी जताई है.

जिला भर के कारदारों की बैठक में इस मसले को लेकर आवाज बुलंद की गई है. सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल ने कहा कि बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा संस्कृति सदन था. ठहरने की व्यवस्था न होने के कारण देवलुओं के ठहराव में परेशानी पेश आ रही है. उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देव सदन का काम बेहद ही धीमी गति से चला हुआ है.

इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि तेज गति से इसका निर्माण किया जाए. इसके लिए 7 करोड़ रुपये का बजट आ चुका है, लेकिन पीडब्ल्यूडी की कोताही से कार्य अभी तक बेहद धीमी गति से चल रहा है.

पंडित शिवपाल ने कहा कि देवी देवताओं की सुरक्षा को लेकर भी मामला पुलिस प्रशासन के समक्ष रखा गया है. इसके साथ ही जिन देवताओं के मंदिर सरकारी भूमि पर हैं, उन्हें यह भूमि अलॉट करने के लिए सरकार से मांग उठाई गई है. बैठक में रिवाल्विंग फंड को बढ़ाने और इसे एक मुस्त जारी करने की मांग भी उठाई गई है. इसके अलावा पानी और सीवरेज की समस्या भी सामने आ रही है, उसका भी प्रशासन के साथ मिलकर समाधान कर दिया गया है.

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शिवपाल ने कहा कि देवता कमेटियों की तरफ से पुलवामा शहीदों के परिवारों को डेढ़ लाख रुपए की राहत राशि सीएम जयराम ठाकुर के माध्यम से सौंपी गई है.

Intro:सदियों से आयोजित किए जा रहे हैं अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में आजादी के साथ दशक बाद भी देवी देवताओं को नहीं मिली अपनी छत, सर्व देवता सेवा समिति की बैठक में कारदारों ने जताई तल्खी
मंडी।

सदियों से आयोजित किए जा रहे लोकोत्सव अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने वाले देवताओं और देवलुओं को आजादी के सात दशक बाद भी छत नसीब नहीं हो सकी है। पूर्व कांग्रेस सरकार में शुरू हुई संस्कृति सदन बनाने की कवायद भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद निर्माण तक तो पहुंची। लेकिन लोक निर्माण विभाग की लेटलतीफी यहां पर भारी पड़ रही है। बता दें कि करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत होने के बावजूद भी बेहद ही धीमी गति से संस्कृति सदन का कार्य चला हुआ है। इसे लेकर देवी देवता कारदारों ने तल्खी जताई है।


Body:जिला भर के कारदारों की बैठक में इस मसले को लेकर आवाज बुलंद की गई है। सर्व देवता सेवा समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल ने कहा कि आज हमारी सभी देवता कमेटियों के कारदारों की बैठक हुई है। बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा संस्कृति सदन था। ठहरने की व्यवस्था ना होने के कारण देवलुओं के ठहराव में परेशानी पेश आ रही है। बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देव सदन का काम बेहद ही धीमी गति से चला हुआ है। इसके लिए मैं प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से भी मांग करता हूं कि तेज गति से इसका निर्माण किया जाए। इसके लिए 7 करोड रुपए का बजट आ चुका है। लेकिन लोक निर्माण विभाग की कोताही से कार्य अभी तक बेहद ही धीमी गति से चल रहा है। पंडित शिवपाल ने कहा कि देवी देवताओं के सुरक्षा को लेकर भी मामला पुलिस प्रशासन के समक्ष रखा गया है। इसके साथ ही जिन देवताओं के मंदिर सरकारी भूमि पर हैं उन्हें यह भूमि अलॉट करने के लिए सरकार से मांग उठाई गई है। बैठक में रिवाल्विंग फंड को बढ़ाने और इसे एक मुस्त जारी करने की मांग भी उठाई गई है। इसके अलावा पानी और सीवरेज की समस्या भी सामने आ रही है उसका भी प्रशासन के साथ मिलकर समाधान कर दिया गया है।


Conclusion:शिवपाल ने कहा कि देवता कमेटियों की तरफ से पुलवामा शहीदों के परिवारों को डेढ़ लाख रुपए की राहत राशि सीएम जयराम ठाकुर के माध्यम से सौंपी गई है।
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