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दुराचार के 2 मामलों में कोर्ट ने आरोपियों को सुनाई सजा, एक को 10 और दूसरे को 7 साल का कठोर कारावास

मंडी जिला कोर्ट ने नाबालिग बच्चियों से दुराचार मामले में दो आरोपियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

मंडी जिला कोर्ट
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Published : Jun 28, 2019, 7:36 PM IST

मंडी: नाबालिग बच्चियों से दुराचार के दो मामलों में जिला कोर्ट ने दो आरोपियों को दस और सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा आरोपियों को एक लाख दो हजार और एक लाख एक हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा.

जिला एवं सत्र न्यायधीश रामकृष्ण शर्मा की विशेष अदालत ने सरकाघाट तहसील के सारी गांव निवासी राकेश कुमार के खिलाफ धारा 376, 342, 352, 452 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 10 साल कठोर करावास के साथ जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है.

जुर्माना निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 1 साल और सात महीने का अतिरिक्त कारावास होगा. अभियोजन पक्ष के अनुसार, नाबालिग अपनी बुआ के घर गई हुई थी. इस बीच आरोपी ने बच्ची को घर में अकेला पाकर दुराचार किया था, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी को हिरासत में लिया.

अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 14 गवाहों के बयान अदालत में कलमबंद किये थे. एक अन्य मामले में जिला एवं सत्र न्यायधीश राम कृष्ण शर्मा की विशेष अदालत ने पधर तहसील के सियूण गांव निवासी जसवंत सिंह पुत्र कृष्ण चंद के खिलाफ धारा 376, 506 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत अभियोग साबित होने पर सात साल की कठोर सजा सुनाई है. वहीं, एक लाख एक हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना वाले दिन नाबालिग बच्ची के माता-पिता काम से बाहर गए हुए थे. शाम को जब माता-पिता घर लौटे तो अपनी बेटी को परेशान पाया. माता के पूछने पर बच्ची ने सारी बात बताई. बच्ची के परिजनों ने थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 12 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए गए.

दोनों मामलों की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने की. अदालत ने उक्त मामलों के फैसलों में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित हुआ है. सजा की अवधि पर हुई सुनवाई में मौजूद रही लोक अभियोजक नवीना राही ने विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए उक्त मामलों के फैसलों की पुष्टि की है.

मंडी: नाबालिग बच्चियों से दुराचार के दो मामलों में जिला कोर्ट ने दो आरोपियों को दस और सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा आरोपियों को एक लाख दो हजार और एक लाख एक हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा.

जिला एवं सत्र न्यायधीश रामकृष्ण शर्मा की विशेष अदालत ने सरकाघाट तहसील के सारी गांव निवासी राकेश कुमार के खिलाफ धारा 376, 342, 352, 452 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 10 साल कठोर करावास के साथ जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है.

जुर्माना निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को 1 साल और सात महीने का अतिरिक्त कारावास होगा. अभियोजन पक्ष के अनुसार, नाबालिग अपनी बुआ के घर गई हुई थी. इस बीच आरोपी ने बच्ची को घर में अकेला पाकर दुराचार किया था, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी को हिरासत में लिया.

अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 14 गवाहों के बयान अदालत में कलमबंद किये थे. एक अन्य मामले में जिला एवं सत्र न्यायधीश राम कृष्ण शर्मा की विशेष अदालत ने पधर तहसील के सियूण गांव निवासी जसवंत सिंह पुत्र कृष्ण चंद के खिलाफ धारा 376, 506 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत अभियोग साबित होने पर सात साल की कठोर सजा सुनाई है. वहीं, एक लाख एक हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना वाले दिन नाबालिग बच्ची के माता-पिता काम से बाहर गए हुए थे. शाम को जब माता-पिता घर लौटे तो अपनी बेटी को परेशान पाया. माता के पूछने पर बच्ची ने सारी बात बताई. बच्ची के परिजनों ने थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 12 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए गए.

दोनों मामलों की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने की. अदालत ने उक्त मामलों के फैसलों में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित हुआ है. सजा की अवधि पर हुई सुनवाई में मौजूद रही लोक अभियोजक नवीना राही ने विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए उक्त मामलों के फैसलों की पुष्टि की है.

Intro:मंडी। नाबालिग बच्चियों से दुराचार के दो मामलों में अदालत ने दो आरोपियों को दस साल और सात साल के कठोर कारावास की सजाएं सुनाई हैं। इसके अलावा आरोपियों को एक लाख दो हजार और एक लाख एक हजार रूपये जुर्माना भी अदा करना होगा।




Body:जिला एवं सत्र न्यायधीश राम कृष्ण शर्मा की विशेष अदालत ने सरकाघाट तहसील के सारी गांव निवासी राकेश कुमार पुत्र भाग सिंह के खिलाफ भादंस की धारा 376, 342, 352, 452 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत क्रमशः 10 साल कठोर और एक साल, तीन माह, तीन साल और सात साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा आरोपी को उक्त धाराओं के तहत पचास हजार, एक हजार, पांच सौ, पांच हजार और पचास हजार रूपये का जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को क्रमशः एक साल, छह माह, एक माह और एक-एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडि़ता अपनी बुआ के घर गई हुई थी। उनकी बुआ डिपो से सामान लेने गई हुई थी। इसी बीच आरोपी ने पीडि़ता के बुआ के घर में प्रवेश करके पीडिता के साथ दुराचार किया था। बुआ के घर लौटने पर पीडि़ता ने उन्हें इस बारे में बताया। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज करके आरोपी को हिरासत में लिया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 14 गवाहों के बयान अदालत में कलमबंद किये गए थे। एक अन्य मामले में जिला एवं सत्र न्यायधीश राम कृष्ण शर्मा की विशेष अदालत ने पधर तहसील के सियूण गांव निवासी जसवंत सिंह पुत्र कृष्ण चंद के खिलाफ भादंस की धारा 376, 506 और पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे क्रमशः सात साल कठोर, एक साल व सात साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को उक्त धाराओं के तहत क्रमशः पचास हजार, एक हजार और पचास हजार रूपये जुर्माना भी अदा करना होगा। निश्चित समय में जुर्माना अदा न करने पर उसे एक साल, एक माह और एक साल का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना वाले दिन पीडिता के माता-पिता काम से बाहर गए हुए थे। शाम को जब माता-पिता घर लौटे तो पीडि़ता को गुमसुम देख कर माता ने उससे पूछताछ की। पीडिता ने माता को बताया कि जब वह आटा चक्की पर गई हुई थी तो आरोपी ने उससे दुराचार किया और किसी को इस बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पीडि़ता के परिजनों ने पुलिस थाना में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 12 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए गए। इस दोनों मामलों की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने की। अदालत ने उक्त मामलों के फैसलों में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपियों को उक्त सजाओं के फैसले सुनाए हैं। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई में मौजूद रही लोक अभियोजक नवीना राही ने विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए उक्त मामलों के फैसलों की पुष्टि की है।




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