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कोरोना केस आने के बाद HRTC बसों में कम हुई सवारियां, नहीं निकल पा रहा डीजल का खर्च - करसोग डिपो

कोरोना मामले आने के बाद करसोग डिपो की रोजाना होने वाली औसत आय घटकर अब एक लाख सात हजार तक पहुंच गई है. इस कारण परिवहन निगम प्रबंधन को डीजल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है

हिमाचल पथ परिवहन निगम
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Published : Oct 6, 2020, 2:30 PM IST

करसोग: उपमंडल में कोरोना केस सामने आने से हिमाचल पथ परिवहन निगम की लाख कोशिशों के बावजूद मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं. लॉकडाउन खुलने के बाद परिवहन निगम ने सभी रूट शुरू कर दिए हैं. सवारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बसों को पूरी तरह से सेनिटाइज कर भेजा जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी कोरोना खौफ की वजह से बहुत कम लोग बसों में सफर कर रहे हैं.

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एचआरटीसी की इनकम में लगातार गिरावट का क्रम जारी है. प्रदेश में लॉकडाउन खुलने से जहां करसोग डिपो की रोजाना औसत आय डेढ़ लाख के आंकड़े को पार कर गई थी, लेकिन उपमंडल में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने से एचआरटीसी की बसों में सवारियों की संख्या फिर से कम हो गई है.

करसोग डिपो की रोजाना होने वाली औसत आय घटकर अब एक लाख सात हजार तक पहुंच गई है. इस कारण परिवहन निगम प्रबंधन को डीजल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है. हालांकि लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिले इसके लिए परिवहन निगम लगातार प्रयास कर रहा.

कम सवारियां होने के बाद भी रुटों पर नियमित तौर पर सेनिटाइज करने के बाद बसें भेजी जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग बसों में बैठने से परहेज कर रहे हैं. करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक गोविंद वर्मा का कहना है कि सभी रूट नियमित तौर पर चलाए जा रहे हैं, लेकिन हाल ही में जो कोरोना के केस सामने आए हैं, इससे रेवेन्यू में काफी गिरावट आई है.बसों को सेनिटाइज करने के बाद चलाया जा रहा है.

करसोग: उपमंडल में कोरोना केस सामने आने से हिमाचल पथ परिवहन निगम की लाख कोशिशों के बावजूद मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं. लॉकडाउन खुलने के बाद परिवहन निगम ने सभी रूट शुरू कर दिए हैं. सवारियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बसों को पूरी तरह से सेनिटाइज कर भेजा जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी कोरोना खौफ की वजह से बहुत कम लोग बसों में सफर कर रहे हैं.

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एचआरटीसी की इनकम में लगातार गिरावट का क्रम जारी है. प्रदेश में लॉकडाउन खुलने से जहां करसोग डिपो की रोजाना औसत आय डेढ़ लाख के आंकड़े को पार कर गई थी, लेकिन उपमंडल में कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने से एचआरटीसी की बसों में सवारियों की संख्या फिर से कम हो गई है.

करसोग डिपो की रोजाना होने वाली औसत आय घटकर अब एक लाख सात हजार तक पहुंच गई है. इस कारण परिवहन निगम प्रबंधन को डीजल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है. हालांकि लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिले इसके लिए परिवहन निगम लगातार प्रयास कर रहा.

कम सवारियां होने के बाद भी रुटों पर नियमित तौर पर सेनिटाइज करने के बाद बसें भेजी जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग बसों में बैठने से परहेज कर रहे हैं. करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक गोविंद वर्मा का कहना है कि सभी रूट नियमित तौर पर चलाए जा रहे हैं, लेकिन हाल ही में जो कोरोना के केस सामने आए हैं, इससे रेवेन्यू में काफी गिरावट आई है.बसों को सेनिटाइज करने के बाद चलाया जा रहा है.

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