मंडीः बाल आश्रम डैहर के नाबालिग छात्र की पीजीआई चंडीगढ़ में मृत्यु होने के मामले में मृतक के परिजन डैहर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले. परिजनों ने सीएम को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई.
मामले में परिजनों ने मुख्यमंत्री से मिलकर बाल आश्रम प्रबंधन और सीनियर नाबालिग छात्र के खिलाफ एसआईटी द्वारा उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. वहीं, परिजनों ने मामले में सीडब्ल्यूसी व अन्य संबंधित विभागों की लचर कार्यप्रणाली को लेकर भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अवगत करवाया.
मुख्यमंत्री ने इस मामले में कहा कि स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बच्चे की मौत को लेकर ज्ञापन सौंपा है. मामले के हर पहलू को लेकर कानून के आधार पर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
जानकारी देते हुए परिजनों ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंप कर मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की. मृतक के मामा और ने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि लंबे समय से हो रही मारपीट से बुरी तरह से बीमार पड़ चुके बच्चे को संस्थान में ही रखा गया था.
उन्होंने कहा कि लगातार मामले को दबाया जाता रहा है. वहीं, लापरवाही के लिए जिला बाल कल्याण विभाग भी बराबर का जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि एक सीनियर छात्र द्वारा बच्चे को लंबे समय से लोहे की रोड से मारा जाता था, उन्हें देर रात तक प्रताड़ित किया जाता था. बच्चों द्वारा शिकायत करने पर स्टाफ व प्रबन्धन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण विभाग जिसकी जिम्मेदारी थी कि वह रूटीन में संस्थान का निरीक्षण करे, लेकिन वह भी फर्जी रिपोर्ट तैयार कर असल हालात पर पर्दा डालता रहा और मामले को दबाने की कोशिश होती रही. परिजनों सहित ग्रामीणों ने सीडब्लयूसी की कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा किया.
उनका आरोप है कि बाल कल्याण सरक्षण अधिकारी निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति करते थे जबकि पिछले एक वर्ष से बाल गृह में बच्चों का उत्पीड़न हो रहा था. उन्होंने कहा कि अब चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत किए जाने व मृतक छात्र और अन्य बच्चों की वीडियो स्टेटमेंटस देने पर भी सीडब्लयूसी के अधिकारी मीडिया में गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं.
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि सभी वीडियो और तथ्यों को आधार बना कर आरोपी छात्र के खिलाफ हत्या और प्रबंधन व सीडब्लयूसी मंडी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर इन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाए.
उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो ग्रामीण आने वाले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने के साथ-साथ एनएच-21 पर अनिश्चितकाल के लिए चक्का जाम करेंगे.
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