मंडी: प्रदेश के मंडी जिले में रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में रौनक बढ़ी हुई है. रंग-बिरंगी सुंदर राखियों के बीच चीड़ की पत्तियों और गोबर से बनी राखियां लोगों के खूब भा रहा है. दरअसल, रक्षाबंधन पर मंडी में चीड़ की पत्तियों और गोबर से बनी राखियां न सिर्फ लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही, बल्कि लोगों ने जमकर इनकी खरीददारी भी की. यह पहला मौका था जब मंडी में रक्षाबंधन पर दो स्थानीय लोगों ने प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल करते हुए राखियों का निर्माण किया था. बताया जा रहा है कि चीड़ से बनी राखियां संतोष सचदेवा ने बनाई थी जिनका स्टाल सेरी मंच पर लगा हुआ था. वहीं, गोबर की राखियां श्री कामधेनू उद्योग के संस्थापक करण सिंह ने बनाई थी जिनका स्टाल इंदिरा मार्केट स्थित आजीविका केंद्र में लगा हुआ था. लोगों ने इन राखियों के प्रति अपना खासा उत्साह दिखाया.
दरअसल, राखियां खरीदने आए लोगों ने इनके बारे में विस्तार से जानकारी भी हासिल की और इन्हें खरीदकर अपने भाईयों की कलाईयों पर भी बांधा. वहीं, चीड़ की पत्तियों से राखियां बनाने वाली संतोष सचदेवा ने बताया कि उन्होंने तीन दिनों तक स्टाल लगाकर लगभग 15 हजार की कीमत वाली राखियां बेची हैं. मीडिया के माध्यम से उनके इस प्रोडक्ट की जो पब्लिसिटी हुई थी, उसका खासा असर देखने को मिला. लोगों ने इन राखियों के प्रति अपना खासा उत्साह दिखाया.
आर्ट एंड क्राफ्ट का काम कर रही हैं संतोष सचदेवा: संतोष सचदेवा ने बताया कि अगले रक्षाबंधन तक चीड़ की पत्तियों के साथ अनाज की राखियां बनाकर बाजार में उतारी जाएंगी ताकि लोगों को हर साल कुछ नया खरीदने को मिल सके. बता दें, संतोष सचदेवा मंडी शहर की निवासी हैं. सचदेवा ने चीड़ की पत्तियों का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए इसकी राखियां बनाई हैं. संतोष सचदेवा साल 1996 से आर्ट एंड क्राफ्ट का काम कर रही हैं.
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