मंड़ी: करसोग के शंकर देहरा में स्थित सोर्स से लोगों को रोजाना 2.65 लाख लीटर पानी की सप्लाई दी जाती है. लोगों को पीने का साफ पानी मिले इसके लिए बाकायदा सोर्स के साथ स्लो सैंड फिल्टर तैयार भी किया गया है. यहां से फिल्टर होने के बाद स्टोरेज टैंकों में डाला गया है. इसके बाद ही यहां से करसोग नगर पंचायत के तहत लोगों को सप्लाई दी जाती है.
अब सवाल ये है कि जब इतनी लंबी चौड़ी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है तो लोगों के नलों में मटमैला पानी कहां से आया. करसोग में मानसून सीजन की पहली बारिश ने ही आईपीएच विभाग की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है.
करसोग में बीते दिन हुई भारी बारिश से मटमैले हुए पानी की सीधी सप्लाई लोगों के घरों को कर दी, जिसकी शिकायत लोगों ने उच्चाधिकारियों से भी की. यही नहीं सोशल मीडिया में भी मटमैले पानी का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. लोगों का कहना कि पानी इतना गंदा था कि ये पशुओं को भी पिलाने के लायक नहीं था.
वहीं आईपीएच विभाग करसोग डिवीजन के अधिशासी अभियंता विवेक हाजिरी का कहना है कि शंकर देहरा से इन दिनों रोड कटिंग का कार्य चल रहा है. यहां भारी बारिश के साथ मलवा पानी के सोर्स में चला गया, जिस कारण लोगों से मटमैले पानी की शिकायत प्राप्त हुई थी. उन्होंने कहा कि अब इस तरह की कोई समस्या नहीं है. भविष्य में लोगों को ऐसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए मटमैला होने पर तुरन्त पानी की सप्लाई को रोकने के आदेश जारी किए गए हैं.