मंडी: सीटू की जिला कमेटी मंडी ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सेरी मंच पर केंद्र और प्रदेश की सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान सीटू के जिला महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि पूरे जिला में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और राष्ट्रीय फेडरेशन के आव्हान पर विभिन्न मजदूर संगठनों ने एक दिवसीय हड़ताल रखी गई थी.
किसान विरोधी बिल वापस लिए जाएं
सीटू महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि देशभर के विभिन्न मजदूर संगठन मांग कर रहे हैं कि जो केंद्र सरकार ने पिछले दिनों 44 श्रम कानूनों को बदल कर चार श्रम संहिताओं में बदलने का निर्णय लिया है, उसे वापस लिया जाए. किसानों के विरोध में तीन बिल पास किए हैं उन्हें वापस लिया जाए. न्यूनतम वेतन ₹21000 घोषित किया जाए.
फैक्ट्री मजदूरों से 8 की बजाए 12 घंटे काम का निर्णय वापस लिया जाए, आंगनबाड़ी, मिड-डे मील, आशा व अन्य योजना कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, सरकारी उपक्रमों का विनिवेश निजी करण बंद करो, एलआईसी में देश विरोधी IPO का निर्णय वापस लिया जाए.
वीरवार को पूरे जिला में हड़ताल की गई
उन्होंने कहा कि मनरेगा में 200 दिन का रोजगार दो और राज्य सरकार का न्यूनतम वेतन लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि फिक्स टर्म, कॉन्ट्रैक्ट, आउट सोर्स ठेका प्रथा की जगह नियमित रोजगार दो और समान काम का समान वेतन दो, नई पेंशन नीति की जगह पुरानी पेंशन नीति बहाल करो, रेहड़ी, फड़ी, तहबजारी के लिए स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट को सख्ती से लागू किया जाए.
बता दें कि मजदूर संगठनों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर वीरवार को पूरे जिला में हड़ताल की गई और केंद्र और प्रदेश सरकार को चेताया गया कि मजदूर विरोधी फैसले सरकार जल्द वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में सीटू और तीव्र आंदोलन करेगी जिसकी रूपरेखा आने वाले समय में तैयार की जाएगी.