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सुंदरनगर में कर्मचारी संगठनों का प्रदर्शन, रखी ये मांगे

बीबीएमबी प्रोजेक्ट सुंदरनगर से 332 कर्मचारियों के बाहर होने के बाद में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने संघर्ष करने की चेतावनी दे दी है. जिला मंडी में वर्ष 1960-70 में स्थापित बीएसएल परियोजना में निरंतर हो रही सेवानिवृत्ति और पार्ट टाइम कर्मचारियों को आगामी सेंक्शन नहीं मिलने से कार्य व्यापक स्तर पर प्रभावित होना शुरू हो गया है. इस कारण परियोजना में कार्यरत स्टाफ में भी लगातार रोष पनप रहा है.

Protest of BBMB employee organizations in Sundernagar
फोटो.
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Published : Oct 3, 2020, 5:17 PM IST

सुंदरनगर: बीबीएमबी प्रोजेक्ट सुंदरनगर से 332 कर्मचारियों के बाहर होने के बाद में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने संघर्ष करने की चेतावनी दे दी है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में वर्ष 1960-70 में स्थापित बीएसएल परियोजना में निरंतर हो रही सेवानिवृत्ति और पार्ट टाइम कर्मचारियों को आगामी सेंक्शन नहीं मिलने से कार्य व्यापक स्तर पर प्रभावित होना शुरू हो गया है.

इस कारण परियोजना में कार्यरत स्टाफ में भी लगातार रोष पनप रहा है. परियोजना में कार्यरत 266 पार्टटाइम कर्मचारियों की सेंक्शन 30 सितंबर को खत्म हो गई और बोर्ड से अभी तक एक्सटेंशन की स्वकृति नहीं आई है. वहीं पिछले कल 30 सितंबर को ही बीएसएल परियोजना के कुल मिलाकर 66 कर्मचारी (63 अराजपत्रित कर्मचारी और 3 राजपत्रित अधिकारी) सेवानिवृत हो गए हैं.

वीडियो.

इस कारण एकाएक बीएसएल परियोजना को कुल 332 कर्मचारियों का टोटा पड़ गया है. भारतीत व्यापार संघ(सीटू) बीबीएमबी सुंदरनगर के महासचिव चरनजीत सिंह सिद्धू ने कहा कि निजीकरण बीएसएल परियोजना को दीमक की तरह खा गया है. इससे परियोजना में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है.

उन्होंने कहा कि बीएसएल प्रोजेक्ट में बहुत कम पदों को भरा जाता है. बीएसएल परियोजना के विभिन्न स्थानों पर सेवानिवृत्ति और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बाहर होने से 332 कर्मचारियों की एकाएक कमी हो गई है. इससे प्रोजेक्ट का कार्य चलाने के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है.

चरनजीत ने जल्द से जल्द इन रिक्त चल रहे पदों को भरने की मांग की है. उन्होंने मांगे नहीं मानने की सूरत में केंद्र सरकार व बीबीएमबी के खिलाफ कड़े संघर्ष की चेतावनी भी दी है. बीबीएमबी कर्मचारी संघ सुंदरनगर के उपाध्यक्ष जयसिंह ने कहा कि बीएसएल परियोजना में पिछले लंबे समय से खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीएसएल परियोजना स्टाफ की कमी के कारण बंद होने के कगार पर आ गया हैं अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में परियोजना भी बंद होने की कगार पर पहुंच गई है.

उन्होंने कहा कि बीएसएल प्रोजेक्ट करोड़ों की आमदन सरकार को दे रही है. लेकिन खाली पदों को भरने की तरफ मेनेजमेंट का कोई ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर इन रिक्त पदों को जल्द से जल्द नहीं भरा गया तो संगठन आंदोलन की ओर अग्रसर हो जाएगा.

डिप्टी चीफ इंजीनियर बीबीएमबी सुंदरनगर ई. कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि एक साथ 332 कर्मचारियों की कमी हो जाने से परियोजना के कार्य पर काफी अधिक प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि पार्टटाइम कर्मचारियों की सेंक्शन बढ़ाने को प्रारूप हेडक्वॉर्टर भेजा जा चुका है. लेकिन अभी तक उसमें आगामी आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि मामले में फिर से हेडक्वॉर्टर से विचार विमर्श कर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

सुंदरनगर: बीबीएमबी प्रोजेक्ट सुंदरनगर से 332 कर्मचारियों के बाहर होने के बाद में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने संघर्ष करने की चेतावनी दे दी है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में वर्ष 1960-70 में स्थापित बीएसएल परियोजना में निरंतर हो रही सेवानिवृत्ति और पार्ट टाइम कर्मचारियों को आगामी सेंक्शन नहीं मिलने से कार्य व्यापक स्तर पर प्रभावित होना शुरू हो गया है.

इस कारण परियोजना में कार्यरत स्टाफ में भी लगातार रोष पनप रहा है. परियोजना में कार्यरत 266 पार्टटाइम कर्मचारियों की सेंक्शन 30 सितंबर को खत्म हो गई और बोर्ड से अभी तक एक्सटेंशन की स्वकृति नहीं आई है. वहीं पिछले कल 30 सितंबर को ही बीएसएल परियोजना के कुल मिलाकर 66 कर्मचारी (63 अराजपत्रित कर्मचारी और 3 राजपत्रित अधिकारी) सेवानिवृत हो गए हैं.

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इस कारण एकाएक बीएसएल परियोजना को कुल 332 कर्मचारियों का टोटा पड़ गया है. भारतीत व्यापार संघ(सीटू) बीबीएमबी सुंदरनगर के महासचिव चरनजीत सिंह सिद्धू ने कहा कि निजीकरण बीएसएल परियोजना को दीमक की तरह खा गया है. इससे परियोजना में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है.

उन्होंने कहा कि बीएसएल प्रोजेक्ट में बहुत कम पदों को भरा जाता है. बीएसएल परियोजना के विभिन्न स्थानों पर सेवानिवृत्ति और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बाहर होने से 332 कर्मचारियों की एकाएक कमी हो गई है. इससे प्रोजेक्ट का कार्य चलाने के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है.

चरनजीत ने जल्द से जल्द इन रिक्त चल रहे पदों को भरने की मांग की है. उन्होंने मांगे नहीं मानने की सूरत में केंद्र सरकार व बीबीएमबी के खिलाफ कड़े संघर्ष की चेतावनी भी दी है. बीबीएमबी कर्मचारी संघ सुंदरनगर के उपाध्यक्ष जयसिंह ने कहा कि बीएसएल परियोजना में पिछले लंबे समय से खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीएसएल परियोजना स्टाफ की कमी के कारण बंद होने के कगार पर आ गया हैं अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में परियोजना भी बंद होने की कगार पर पहुंच गई है.

उन्होंने कहा कि बीएसएल प्रोजेक्ट करोड़ों की आमदन सरकार को दे रही है. लेकिन खाली पदों को भरने की तरफ मेनेजमेंट का कोई ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर इन रिक्त पदों को जल्द से जल्द नहीं भरा गया तो संगठन आंदोलन की ओर अग्रसर हो जाएगा.

डिप्टी चीफ इंजीनियर बीबीएमबी सुंदरनगर ई. कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि एक साथ 332 कर्मचारियों की कमी हो जाने से परियोजना के कार्य पर काफी अधिक प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि पार्टटाइम कर्मचारियों की सेंक्शन बढ़ाने को प्रारूप हेडक्वॉर्टर भेजा जा चुका है. लेकिन अभी तक उसमें आगामी आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि मामले में फिर से हेडक्वॉर्टर से विचार विमर्श कर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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