मंडी: सरकाघाट में दशकों से बदहाल, तंग और खतरनाक कलखर से नेरचौक मार्ग की सरकार की ओर से दशकों बाद भी सुध नहीं ली जा रही है. इसकी वजह से यहां के लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है. अब इस मार्ग की दशा को सुधारने के लिए धरने और प्रर्दशन का दौर शुरू हो गया है.
सरकाघाट के अधिवक्ता एवं पूर्व जिला परिसद सदस्य तेज सिंह ने अन्य अधिवक्ताओं और समाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कलखर चौक पर 30 अक्तूबर को 12 घंटों तक धरना करने का ऐलान कर दिया है. इस धरने की सूचना सोमवार को उन्होंने एसडीएम सरकाघाट को एक पत्र सौंप कर दी गई है. इस दौरान उनके साथ अधिवक्ता नरेश वालिया, पूर्व सैनिक दूर्गा सिंह, कुश्ण चंद, प्रवीण कुमार और विरेंद्र कुमार भी थे.
इस पत्र में सरकार को चेताया गया कि यह मार्ग अपनी बदहाली के कारण कई हादसों में बेगुनाह लोगों की जानें ले चुका है. सरकार और विभाग की अनदेखी के कारण इस मार्ग पर रोजाना हादसे हो रहे हैं और जाम लगते हैं. यह सड़क मार्ग न सिर्फ मंडी को जोड़ता है, बल्कि हमीरपुर, कुल्लू, ऊना, बिलासपुर को भी जोड़ता है. मार्ग से रोहतांग, लेह लद्दाख, चाइना बार्डर के साथ ही पंजाब, राजस्थान को भी जोड़ता है. इसके साथ ही इस मार्ग से ही ऐतिहासिक स्थानों पर जाया जाता है. इनमें रिवालसर, नैना देवी, कमरुनाग, शिकारी देवी, पराशर आदि शामिल हैं.
लोगों ने काफी समय से इस कलखर से नेरचौक मार्ग को चौड़ा करने की मांग भी उठाई है जिसे आज दिन तक पूरा नहीं किया गया. इसके अलावा ना ही इसकी गत 12 वर्षों से मुरम्मत और टायरिंग की गई है. अगर सरकार और लोकनिर्माण विभाग इस धरने से भी नहीं जागा तो अनिश्चित काल के लिए इस धरने को भी बढ़ाया जाएगा और इसे जनांदोलन के रूप में बढ़ा दिया जाएगा. एसडीएम कार्यालय ने अधिवक्ताओं के धरने के ज्ञापन को मिलने की पुष्टि की है.
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