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बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित करने पर भड़के सरकाघाट के निजी स्कूल संचालक, उठाई ये मांग

सरकाघाट के निजी स्कूल प्रबंधकों ने बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित किए जाने के निर्णय पर रोष जताया है. निजी स्कूल प्रबंधकों का कहना है जहां चुनाव होते हैं, तो वहां पर कोरोना का कोई डर नहीं होता, लेकिन जब स्कूलों की बात आती है तो यहां पर ताले लगा दिए जाते हैं. निजी स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि क्या चुनाव बच्चों के भविष्य से अधिक जरूरी है

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Published : Apr 15, 2021, 6:44 PM IST

Updated : Apr 15, 2021, 7:56 PM IST

निजी स्कूल के संचालक
निजी स्कूल के संचालक

सरकाघाट/मंडी: बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित किए जाने के निर्णय पर सरकाघाट के निजी स्कूल प्रबंधकों ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि सरकार का दोहरा मापदंड सही नहीं है. स्कूलों को बार-बार बंद किया जा रहा है और अब बोर्ड की परीक्षाएं भी बंद कर दी. उन्होंने चेताया कि अगर जल्द निजी स्कूलों के बारे में उचित निर्णय नहीं लिया तो निजी स्कूल संचालक तहसील मुख्यालयों पर स्कूल की बसों को खड़ी करके प्रदर्शन करेंगे.

सरकार के फैसले से निजी स्कूल प्रबंधकों में रोष

निजी स्कूल प्रबंधकों का कहना है जहां चुनाव होते हैं, तो वहां पर कोरोना का कोई डर नहीं होता, लेकिन जब स्कूलों की बात आती है तो यहां पर ताले लगा दिए जाते हैं. निजी स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि क्या चुनाव बच्चों के भविष्य से अधिक जरूरी है. अगर नहीं तो चुनाव स्थगित क्यों नहीं हुए, जबकि बच्चों की परीक्षाएं बार-बार स्थगित की जा रही है.

निजी स्कूल प्रबंधकों की हुई बैठक

निजी स्कूल प्रबंधकों की एक बैठक सरकाघाट में एसपीएस स्कूल के चेयरमैन सुरेंद्र राणा की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में सभी प्रबंधकों ने रोष जताया कि बच्चों की परीक्षाएं स्थगित होने से उनके मन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि बच्चों ने परीक्षाओं को देने के लिए बहुत अधिक मेहनत की होती हैं. इसके साथ ह‌ी आगे आने वाली नीट, जेईई की परीक्षाएं भी समय पर नहीं हो पाएंगी.

बच्चे और अभिभावक असमंजस में हैं, लेकिन सरकार है कि मनमाने फैसले लिए जा रही है. सरकार को छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों का जरा भी ख्याल नहीं हैं. स्कूल प्रबंधकों ने विभिन्न माध्यमों से अपनी बात सरकार तक पहुंचाई है. पिछले डेढ़ वर्ष से स्कूल बसें खड़ी हैं. लाखों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के टैक्स वसूले जा रहे हैं. इसके बारे में सरकार कुछ भी नहीं सोच रही है.

ये भी पढ़ें: अब और एक्टिव होगी हिमाचल की महिला पुलिस, एक्टिवा पर सवार होकर रोकेगी क्राइम अगेंस्ट वूमेन

सरकाघाट/मंडी: बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित किए जाने के निर्णय पर सरकाघाट के निजी स्कूल प्रबंधकों ने कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि सरकार का दोहरा मापदंड सही नहीं है. स्कूलों को बार-बार बंद किया जा रहा है और अब बोर्ड की परीक्षाएं भी बंद कर दी. उन्होंने चेताया कि अगर जल्द निजी स्कूलों के बारे में उचित निर्णय नहीं लिया तो निजी स्कूल संचालक तहसील मुख्यालयों पर स्कूल की बसों को खड़ी करके प्रदर्शन करेंगे.

सरकार के फैसले से निजी स्कूल प्रबंधकों में रोष

निजी स्कूल प्रबंधकों का कहना है जहां चुनाव होते हैं, तो वहां पर कोरोना का कोई डर नहीं होता, लेकिन जब स्कूलों की बात आती है तो यहां पर ताले लगा दिए जाते हैं. निजी स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि क्या चुनाव बच्चों के भविष्य से अधिक जरूरी है. अगर नहीं तो चुनाव स्थगित क्यों नहीं हुए, जबकि बच्चों की परीक्षाएं बार-बार स्थगित की जा रही है.

निजी स्कूल प्रबंधकों की हुई बैठक

निजी स्कूल प्रबंधकों की एक बैठक सरकाघाट में एसपीएस स्कूल के चेयरमैन सुरेंद्र राणा की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में सभी प्रबंधकों ने रोष जताया कि बच्चों की परीक्षाएं स्थगित होने से उनके मन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि बच्चों ने परीक्षाओं को देने के लिए बहुत अधिक मेहनत की होती हैं. इसके साथ ह‌ी आगे आने वाली नीट, जेईई की परीक्षाएं भी समय पर नहीं हो पाएंगी.

बच्चे और अभिभावक असमंजस में हैं, लेकिन सरकार है कि मनमाने फैसले लिए जा रही है. सरकार को छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों का जरा भी ख्याल नहीं हैं. स्कूल प्रबंधकों ने विभिन्न माध्यमों से अपनी बात सरकार तक पहुंचाई है. पिछले डेढ़ वर्ष से स्कूल बसें खड़ी हैं. लाखों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के टैक्स वसूले जा रहे हैं. इसके बारे में सरकार कुछ भी नहीं सोच रही है.

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Last Updated : Apr 15, 2021, 7:56 PM IST
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