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सरकाघाट: रेड़ू स्कूल से पोलिंग बूथ बदलने पर भड़के तालाब गांव के लोग - polling booth Redoo School

ग्राम पंचायत फतेहपुर के वार्ड नंबर तीन तलाब का पोलिंग बूथ बदलने पर तालाब गांव के ग्रामीण उखड़ गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि आज तक उनका पोलिंग बूथ रेड़ू स्कूल में था. मगर अबकी बार इसे बदलकर राजकीय पाठशाला कनेर में कर दिया गया है. यह गांव तालाब से बहुत दूर पड़ता है.

polling booth Redoo School, पोलिंग बूथ रेडू स्कूल
फोटो.
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Published : Jan 11, 2021, 5:24 PM IST

सरकाघाट: ग्राम पंचायत फतेहपुर के वार्ड नंबर तीन तलाब का पोलिंग बूथ बदलने पर तालाब गांव के ग्रामीण उखड़ गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर यहां से पोलिंग बूथ को कहीं और ले जाया गया तो वह इस बार वोट नहीं डालेंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि आज तक उनका पोलिंग बूथ रेड़ू स्कूल में था. मगर अबकी बार इसे बदलकर राजकीय पाठशाला कनेर में कर दिया गया है. यह गांव तालाब से बहुत दूर पड़ता है.

यहां के लोगों को यह करीब आठ किलोमीटर दूर पड़ रहा है और अगर बारिश हो जाए तो इस तरफ जाने वाली सड़क पर वाहन चलना बंद हो जाते हैं, जबकि रेडू तालाब से बिलकुल साथ है और कोई भी यहां पर पांच मिनट में पहुंच सकता है.

'इस केंद्र का बहिष्कार करेंगे'

नजदीक होने के चलते बीमार, बुजुर्ग यहां तक पहुंच जाते थे, मगर अब यह इतनी दूर हो गया है कि तालाब गांव के लोगों को यह बहुत दूर पड़ेगा. तालाब गांव के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया है और कहा है कि वह इस बार वोट नहीं डालेंगे और सभी इस केंद्र का बहिष्कार करेंगे.

उन्होंने कहा कि जब रेड़ू उनको इतना करीब था तो वह 8 किलोमीटर दूर वोट डालने के लिए क्यों जाएंगे. सुनील कुमार, साहिल कुमार, अमर सिंह, रमेश कुमार, मनोहर लाल आदि ग्रामीणों ने कहा कि अगर रेड़ू में उनको केंद्र नहीं बनाया गया तो वह वोट नहीं डालेंगे.

सरकाघाट: ग्राम पंचायत फतेहपुर के वार्ड नंबर तीन तलाब का पोलिंग बूथ बदलने पर तालाब गांव के ग्रामीण उखड़ गए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर यहां से पोलिंग बूथ को कहीं और ले जाया गया तो वह इस बार वोट नहीं डालेंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि आज तक उनका पोलिंग बूथ रेड़ू स्कूल में था. मगर अबकी बार इसे बदलकर राजकीय पाठशाला कनेर में कर दिया गया है. यह गांव तालाब से बहुत दूर पड़ता है.

यहां के लोगों को यह करीब आठ किलोमीटर दूर पड़ रहा है और अगर बारिश हो जाए तो इस तरफ जाने वाली सड़क पर वाहन चलना बंद हो जाते हैं, जबकि रेडू तालाब से बिलकुल साथ है और कोई भी यहां पर पांच मिनट में पहुंच सकता है.

'इस केंद्र का बहिष्कार करेंगे'

नजदीक होने के चलते बीमार, बुजुर्ग यहां तक पहुंच जाते थे, मगर अब यह इतनी दूर हो गया है कि तालाब गांव के लोगों को यह बहुत दूर पड़ेगा. तालाब गांव के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया है और कहा है कि वह इस बार वोट नहीं डालेंगे और सभी इस केंद्र का बहिष्कार करेंगे.

उन्होंने कहा कि जब रेड़ू उनको इतना करीब था तो वह 8 किलोमीटर दूर वोट डालने के लिए क्यों जाएंगे. सुनील कुमार, साहिल कुमार, अमर सिंह, रमेश कुमार, मनोहर लाल आदि ग्रामीणों ने कहा कि अगर रेड़ू में उनको केंद्र नहीं बनाया गया तो वह वोट नहीं डालेंगे.

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