मंडी: पहली बार मंडी में नगर निगम के चुनाव होने जा रहे हैं. नगर निगम के 15 वार्डों से 75 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन दिनों सभी प्रत्याशी चुनावी प्रचार-प्रसार में व्यस्त हैं और अपने पक्ष में वोट भी मांग रहे हैं. विकास करवाने की बात की जाए तो शहर की सरकारें विभिन्न भागों में सुनियोजित तरीके से विकास करवाने में विफल ही साबित हुई हैं.
पुरानी समस्याएं जस की तस
शहर में दशकों पुरानी कई समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं. चुनाव आते ही इन समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाकर हल करने के वायदे किए जाते हैं, लेकिन बाद में इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. शहर में कई दशकों से लटकी बिजली, केबल, टेलिफोन की बेतरतीब तारें छोटी काशी मंडी की खूबसूरती को आज भी ग्रहण लगा रही हैं. हर वार्ड में बिजली की तारों का मकड़जाल बना हुआ है, जिससे यहां पर हर कोई परेशान है.
तारों का जंजाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर वार्ड में बिजली, केबल, टेलिफोन की तारों का जंजाल बना हुआ है. स्थानीय लोगों की माने तो कई जगह बिजली की तारें सिर को छूती हुई निकल रही हैं और इन तारों पर ओवरलोड होने के कारण अक्सर स्पार्किंग होती रहती है. जिससे कई बार धमाके के साथ तारें जल जाती है और बत्ती भी गुल हो जाती है.
स्थानीय निवासियों का कहना है शहर को बिजली की तारों से मुक्त करवाने का हर बार चुनावी मुद्दा प्रत्याशियों द्वारा बनाया जाता है और जब प्रत्याशी जीत कर पार्षद बन जाते हैं, तो इस और कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. नगर निगम बनने के बाद दशकों पुरानी चली आ रही बेतरतीब बिजली व अन्य तारों की समस्या हल होने की आस स्थानीय निवासी अब आने वाली शहर की सरकार से लगाए हुए हैं.
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