मंडी: उहल तृतीय चरण जल विद्युत परियोजना में पेन स्टाक फटने की जांच होगी. इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है. जांच में बेंगलुरु और हैदराबाद से पैनल एक्सपर्ट आएंगे. लॉकडाउन की वजह से जांच में कुछ समय लग सकता है.
प्रदेश विद्युत बोर्ड के निदेशक सुशील सागर शर्मा ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि पेन स्टाक में ब्लास्ट होना साधारण बात नहीं है और बोर्ड की ओर से पहले ही इसका टेस्ट करवाया गया था. टेस्ट के दौरान पेन स्टाक पर 31 गुणा प्रेशर डाला गया था, जो सफल रहा था,लेकिन इसके बाद भी पेनस्टाक का फटना सामान्य बात नहीं है. इसकी जांच होगी और जहां भी चूक हुई हो जिम्मेवारी तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि नुकसान का आंकलन बोर्ड की ओर से किया जा रहा है.
सुशील सागर ने बताया कि परियोजना जल्द से जल्द दोबारा शुरू हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने पानी को बंद करने के लिए युवा इजीनियरों की प्रशंसा की. परियोजना के पेनस्टाक में कुल 3565 मिट्रिक टन स्टील लगाया गया है. परियोजना का लेट होने का कारण खनन और टनल में जलभराव भरना रह गया है.
कैसे हुआ था हादसा
900 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ 100 मेगावॉट का चूल्हा प्रोजेक्ट की सप्लाई पाइप टेस्टिंग के दौरान ही फट गई थी. शनिवार देर रात 12:50 पर टेस्टिंग के लिए जैसे ही पानी छोड़ा गया, तो पानी की सप्लाई वाली पाइप फट गई. भारी मात्रा में पानी कुछ ही समय में सब जगह फैल गया. जिससे प्रोजेक्ट में कार्यरत कर्मचारी घबरा गए. तकनीकी भाषा में इसे पैन स्ट्रोक ब्रस्ट कहा जाता है. हादसे के वक्त पावर हाउस में 20 कर्मचारी मौजूद थे, जिन्होंने सुरक्षित स्थान पर जाकर अपनी जान बचाई. वर्ष 2003 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था. यहां से बिजली की सप्लाई हमीरपुर जिले के लिए की जानी है.