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मंडी में ऑनलाइन ठगी का मामला, खाते से गायब कर दी 1.88 लाख की रकम

जिला मंडी के पंडोह में ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित के अकाउंट से करीब 1 लाख 88 हजार की रकम चोरी गायब हो गई. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

fraud case in mandi
मंडी में ऑनलाइन ठगी का मामला
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Published : Mar 14, 2020, 10:21 AM IST

मंडी: जिला के पंडोह में ठगी का मामला सामने आया है. साइबर ठगों ने एक व्यक्ति से मोबाइल पर व्यूअर नाम का ऐप लोड करवाकर करीब 1 लाख 88 हजार की रकम उड़ा ली. साइबर अपराधियों ने पेटीएम की वेरीफिकेशन के लिए शिकायककर्ता को फोन किया और उसके मोबाइल पर ऐप लोड करवा दिया.

मिली जानकारी के मुताबिक ऐप लोड करने के बाद रिमोट असेस हासिल करने के कुछ देर बाद शिकायतकर्ता के खाते से दो किश्तों में रकम गायब हो गई. जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को दी. वहीं, घटना की पुष्टि करते हुए एसपी मंडी गुरदेव शर्मा ने कहा कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

आरबीआई जारी कर चुका है एडवाइजरी

आरबीआई इस संबंध में पहले ही चेतावनी जारी कर चुका है. जिसमें रिमोट ऐप से सावधान रहने को कहा गया है. टीम व्यूअर भी उन्हीं एप में से एक है. जलसाज कहीं भी बैठकर यूजर के फोन को ऐक्सेस कर उसका पूरा कंट्रोल अपने हाथों में ले लेते हैं. आरबीआई की इस वॉर्निंग के बाद एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और ऐक्सिस बैंक ने ऐडवाइजरी जारी कर दी थी. आईटी सेक्टर में काम करने वाले प्रफेशनल्स के लिए यह ऐप का काफी काम का है क्योंकि यह किसी भी मोबाइल या लैपटॉप को कहीं से भी ऐक्सेस करने की सहूलियत देता है.

इस तरह से होती है धोखाधड़ी

साइबर एक्सपर्ट जोई मलिक के अनुसार जालसाज एक बैंक एग्जिक्यूटिव बनकर फोन करते हैं. कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें गूगल पर मौजूद गलत कस्टमर केयर नंबर पर यूजर खुद ही फोन कर देते हैं. इन दोनों ही मामलों में फर्जी बैंक एम्पलॉयी बने हुए ठग यूजर को ऐनी डेस्क या टीम व्यूअर क्विक सपॉर्ट ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. ऐप के डाउनलोड होने के बाद इन साइबर क्रिमिनल्स को 9 अंकों वाले रिमोट डेस्क कोड की जरूरत पड़ती है. 9 अंक वाला कोड मिलते ही यह यूजर के मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन को आसानी से देख और कंट्रोल कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बर्बादी की कगार पर गेहूं की फसल

मंडी: जिला के पंडोह में ठगी का मामला सामने आया है. साइबर ठगों ने एक व्यक्ति से मोबाइल पर व्यूअर नाम का ऐप लोड करवाकर करीब 1 लाख 88 हजार की रकम उड़ा ली. साइबर अपराधियों ने पेटीएम की वेरीफिकेशन के लिए शिकायककर्ता को फोन किया और उसके मोबाइल पर ऐप लोड करवा दिया.

मिली जानकारी के मुताबिक ऐप लोड करने के बाद रिमोट असेस हासिल करने के कुछ देर बाद शिकायतकर्ता के खाते से दो किश्तों में रकम गायब हो गई. जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस को दी. वहीं, घटना की पुष्टि करते हुए एसपी मंडी गुरदेव शर्मा ने कहा कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

आरबीआई जारी कर चुका है एडवाइजरी

आरबीआई इस संबंध में पहले ही चेतावनी जारी कर चुका है. जिसमें रिमोट ऐप से सावधान रहने को कहा गया है. टीम व्यूअर भी उन्हीं एप में से एक है. जलसाज कहीं भी बैठकर यूजर के फोन को ऐक्सेस कर उसका पूरा कंट्रोल अपने हाथों में ले लेते हैं. आरबीआई की इस वॉर्निंग के बाद एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और ऐक्सिस बैंक ने ऐडवाइजरी जारी कर दी थी. आईटी सेक्टर में काम करने वाले प्रफेशनल्स के लिए यह ऐप का काफी काम का है क्योंकि यह किसी भी मोबाइल या लैपटॉप को कहीं से भी ऐक्सेस करने की सहूलियत देता है.

इस तरह से होती है धोखाधड़ी

साइबर एक्सपर्ट जोई मलिक के अनुसार जालसाज एक बैंक एग्जिक्यूटिव बनकर फोन करते हैं. कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें गूगल पर मौजूद गलत कस्टमर केयर नंबर पर यूजर खुद ही फोन कर देते हैं. इन दोनों ही मामलों में फर्जी बैंक एम्पलॉयी बने हुए ठग यूजर को ऐनी डेस्क या टीम व्यूअर क्विक सपॉर्ट ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. ऐप के डाउनलोड होने के बाद इन साइबर क्रिमिनल्स को 9 अंकों वाले रिमोट डेस्क कोड की जरूरत पड़ती है. 9 अंक वाला कोड मिलते ही यह यूजर के मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन को आसानी से देख और कंट्रोल कर सकते हैं.

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