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बंद कमरे में हुई बातचीत, धरना प्रदर्शन में आया नया मोड़

सुंदरनगर एसडीएम कार्यालय में पिछले 10 दिनों से टावर लाइन के खिलाफ धरना चल रहा है. धरने के बीच अब प्रशासन, पीड़ित और विधायक के बीच बंद कमरे में मीटिंग हुई है. वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील ने टावर लाईन शोषित जारूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक रजनीश शर्मा पर आरोप लगाए हैं.

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Published : Feb 28, 2021, 2:10 PM IST

मंडी: सुंदरनगर में एसडीएम कार्यालय के बाहर पिछले 10 दिनों से टावर लाइन के खिलाफ धरना जारी है. रविवार को इस धरने में नया मोड़ आ गया है.

प्रशासन, पीड़ित और विधायक के बीच बंद कमरे में बातचीत

स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल और धरने पर बैठे लोगों के बीच एसडीएम कार्यालय में बंद कमरे में एक सीक्रेट मिटिंग की गई. मौके पर आलम यह रहा कि एसडीएम राहुल चौहान, डीएसपी गुरबचन सिंह और एसएचओ कमलकांत सहित पुलिस थाना सुंदरनगर की भारी भरकम फौज ने मीडिया को इस गुप्त वार्ता की भनक तक लगने नहीं दी.

वीडियो रिपोर्ट.

पुलिसकर्मी ने मीडिया को कमरे में दाखिल होने से रोका

जैसे ही मीटिंग को लेकर मीडियाकर्मियों को जानकारी प्राप्त हुई तो एसडीएम ऑफिस के बंद दरवाजे पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने मीडिया को अंदर दाखिल होने से रोक दिया. दोबारा दरवाजे को अंदर से कुंडी लगाकर बंद कर दिया गया. इससे बंद कमरे के अंदर हुई मीटिंग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

कुछ लोगों पर राजनीति कर सुर्खियां बटोरने की बात कही

वार्ता में बैठे हुए प्रदर्शनकारियों की मानें तो एसडीएम कार्यालय में चली गुफ्तगू के दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने वीडियो और फोटो लेते समय उनके मोबाईल फोन तक छिनने की कोशिश की.

वहीं मामले में पीड़ित पक्ष की न्यायालय में पैरवी कर रहे एडवोकेट रामकृृष्ण ठाकुर ने भी आंदोलनकारियों के साथ बैठे हुए टावर लाइन शोषित जारूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक रजनीश शर्मा पर आरोप लगा दिए. उन्होंने मामले में कुछ लोगों पर राजनीति कर सुर्खियां बटोरने की बात कही.

ये भी पढ़ें: ऑनलाइन क्लास के बाद ज्यादातर बच्चों को लगी मोबाइल की लत, परिजन पहुंच रहे अस्पताल

मंडी: सुंदरनगर में एसडीएम कार्यालय के बाहर पिछले 10 दिनों से टावर लाइन के खिलाफ धरना जारी है. रविवार को इस धरने में नया मोड़ आ गया है.

प्रशासन, पीड़ित और विधायक के बीच बंद कमरे में बातचीत

स्थानीय विधायक राकेश जम्वाल और धरने पर बैठे लोगों के बीच एसडीएम कार्यालय में बंद कमरे में एक सीक्रेट मिटिंग की गई. मौके पर आलम यह रहा कि एसडीएम राहुल चौहान, डीएसपी गुरबचन सिंह और एसएचओ कमलकांत सहित पुलिस थाना सुंदरनगर की भारी भरकम फौज ने मीडिया को इस गुप्त वार्ता की भनक तक लगने नहीं दी.

वीडियो रिपोर्ट.

पुलिसकर्मी ने मीडिया को कमरे में दाखिल होने से रोका

जैसे ही मीटिंग को लेकर मीडियाकर्मियों को जानकारी प्राप्त हुई तो एसडीएम ऑफिस के बंद दरवाजे पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने मीडिया को अंदर दाखिल होने से रोक दिया. दोबारा दरवाजे को अंदर से कुंडी लगाकर बंद कर दिया गया. इससे बंद कमरे के अंदर हुई मीटिंग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

कुछ लोगों पर राजनीति कर सुर्खियां बटोरने की बात कही

वार्ता में बैठे हुए प्रदर्शनकारियों की मानें तो एसडीएम कार्यालय में चली गुफ्तगू के दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने वीडियो और फोटो लेते समय उनके मोबाईल फोन तक छिनने की कोशिश की.

वहीं मामले में पीड़ित पक्ष की न्यायालय में पैरवी कर रहे एडवोकेट रामकृृष्ण ठाकुर ने भी आंदोलनकारियों के साथ बैठे हुए टावर लाइन शोषित जारूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक रजनीश शर्मा पर आरोप लगा दिए. उन्होंने मामले में कुछ लोगों पर राजनीति कर सुर्खियां बटोरने की बात कही.

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