मंडीः आईआईटी मंडी के पूर्व कर्मचारी व सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत स्वामी की ओर से आईआईटी मंडी प्रबंधन से मांगी गई आरटीआई में लापरवाही बरतने पर केंद्रीय सूचना आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है. केंद्रीय सूचना आयोग ने आईआईटी मंडी के प्रबंधन को सुजीत स्वामी की ओर से मांगी गई सूचना के एवज में अतिरिक्त शुल्क वसूलने का संज्ञान पांच दिनों के भीतर लेने के आदेश दिए हैं.
इसके अलावा आयोग ने लोक सूचना अधिकारी को सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में कभी भी प्रथम अपील अधिकारी की ओर से प्रथम अपील का निस्तांतरण नहीं किया जाना चाहिए. केंद्रीय सूचना आयोग ने आईआईटी प्रबंधन को लोक सूचना अधिकारी से वरिष्ठ अधिकारी को प्रथम अपील अधिकारी नामित करने की हिदायत दी है.
इसके साथ ही आयोग ने आईआईटी मंडी प्रबंधन से इस पूरे मामले में आदेशों की गंभीरता से पालना करने व 20 दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है. आयोग ने इस मामले के अलावा अन्य तीन मामलों में लापरवाही बरतने पर स्पष्टीकरण भी आईआईटी मंडी प्रबंधन से मांगा है.
बता दें कि आईआईटी मंडी के पूर्व कर्मचारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत स्वामी ने 13 जून 2018 को सूचना के अधिकार के तहत आई आईटी मंडी में एक शिकायत दायर की थी. जिसमें 6 सूचनाएं मांगी गई थी, जिसके संदर्भ में सुजीत से 27 पेज की सूचना के लिए 54 रुपये का अतिरिक्त शुल्क मांगा गया.
शुल्क जमा करवाने के बाद 29 पेज की जगह मात्र आठ पेज की सूचना प्राप्त हुई. यह जानकारी लोक सूचना अधिकारी की ओर से दी गई थी. आईआईटी मंडी प्रबंधन को ओर से दिए गए जवाब से जब याचिकाकर्ता सतुंष्ट नहीं हुए तो उन्होंने नियमानुसार प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील 13 जुलाई 2018 को दायर की और बताया कि किस तरह से जानबूझ कर ज्यादा फीस लेने के बाद सूचना को छिपाया गया.
इसके अलावा उन्होंने उपलब्ध करवाई सूचना को भी संतोषजनक नहीं बताया. दर्ज की गई अपील का जबाव प्रथम अपील अधिकारी के रूप में लोक सूचना अधिकारी ने ही दिया. इस पर सुजीत स्वामी ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया.
आयोग ने बीते रोज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इस मामले में आईआईटी मंडी के लोक सूचना अधिकारी को चेतावनी जारी की और साथ ही आईआईटी प्रबंधन से भी इस मसले को लेकर रिपोर्ट मांगी है.