मंडी: मंडी शहर में बाल मजदूरी करने व भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षा के साथ जोड़ा जाएगा. जिससे शहर में अब कोई भी बच्चा अशिक्षित नहीं रहेगा. गरीब बच्चों की शिक्षा व उनके उत्थान के लिए मंडी नगर निगम ने यह पहल की है. मंडी नगर निगम सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर ऐसे बच्चों की पहचान करेगा और उन्हें शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.
यह फैसला बीते दिनों हुई सामाजिक न्याय उप समिति की बैठक में लिया गया. साथ ही बाल मजदूरी व शोषण के खिलाफ भी नगर निगम द्वारा अभियान चलाया जाएगा. नगर निगम के उप-महापौर वीरेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में यह बैठक आयोजित की गई. बैठक के उपरांत जानकारी देते हुए डिप्टी मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया कि मंडी शहर में कोई भी बच्चा बिना शिक्षा के न रहे इसके लिए नगर निगम की ओर से ऐसे बच्चों को शिक्षा के साथ जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे. वहीं, कोई भी बच्चा शहर में बाल मजदूरी व भीख न मांगे इसको भी सुनिश्चित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि बाल मजदूरी व बाल शोषण के खिलाफ भी नगर निगम द्वारा शहर में अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि शहर में कोई भी व्यक्ति बिना छत से ना सोए, इसके लिए निगम द्वारा रैन बसेरा की व्यवस्था की गई है. वीरेंद्र भट ने बताया कि बैठक में निगम द्वारा संचालित विधि योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा की गई. नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 316 आवेदन मंजूर किए गए थे. जिसके तहत 184 लाभार्थियों को लाभ दिया गया है.
इस योजना के अंतर्गत 3 करोड़ 75 लाख का लाभ लाभार्थियों को दिया जा चुका है. इसी प्रकार पीएम सुनिधि में 203 वैंडर को 10 हजार रूपए का कम ब्याज पर लाभ दिया जा चुका है. 135 वैंडर को 20 हजार रुपए के हिसाब से 27 लाख रुपए का लाभ दिया जा चुका है. वहीं, 31 वैंडर ऐसे हैं जो तीसरा लोन ले चुके हैं जिनकी राशि 15 लाख 50 हजार रुपए है. राष्ट्रीय शहरी आजिविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों को 1 करोड़ 65 लाख रुपए का सस्तें ब्याज दर पर लोन दिया गया है. जबकि व्यक्तिगत तौर पर 265 लोगों ने इस का लाभ उठाया है, जिनकी कुल राशि 2 करोड़ 71 लाख रुपए है.
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