सुंदरनगर: 23 अगस्त से लापता टीचर का शव सोमवार को बीएसएल के जलाशय से मिला. गोपाल सिंह नाम के टीजीटी अध्यापक मंडी जिले के जंजैहली से लापता हुआ था. मामला सोमवार दोपहर का है जब बीएसएल जलाशय में टीचर का शव मिलने के बाद पुलिस को सूचना दी गई. स्थानीय पुलिस शव की सूचना मिलने पर मौके पर तो पहुंच गई लेकिन शव निकालने के लिए बीबीएमबी कर्मियों का इंतजार करती रही.
बीबीएमबी को शव की सूचना देने के बावजूद भी कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा. दरअसल शव जलाशय के बीच मौजूद पाइपों में फंसा हुआ था, जिसे निकालने के लिए बीबीएमबी कर्मियों की जरूरत थी. लेकिन सोमवार को दिनभर पुलिस बीबीएमबी कर्मचारियों का इंतजार ही करती रही. आखिरकार शव को यूंही रातभर पानी में छोड़कर पुलिस भी मौके से रवाना हो गई.
मंगलवार सुबह पुलिस ने फिर से बीबीएमबी को इस बारे में सूचित किया जिसके बाद बीबीएमबी प्रशासन की तरफ से कुछ कर्मचारियों को शव निकालने के लिए भेजा गया. जिसके बाद इन कर्मचारियों ने शव को जलाशय से निकालकर पुलिस को सौंप दिया. मृतक की जेब से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान हुई. मृतक की पहचान गोपाल सिंह निवासी झूंगी के रूप में हुई है जो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगस्याड़ में टीजीटी अध्यापक के रूप में कार्यरत था. गौरतलब है कि गोपाल सिंह के परिजनों ने बीती 23 अगस्त को जंजैहली पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. डीएसपी गुरबचन सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
कुल मिलाकर जलाशय से शव निकालने में करीब 20 घंटे का वक्त लग गया. सोमवार को दोपहर करीब 4 बजे शव मिलने की जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन बीबीएमबी का कोई कर्मचारी ना मिलने के कारण पूरे दिन शव को नहीं निकाला जा सका. पुलिस और बीबीएमबी प्रशासन को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है. सवाल है कि आखिर एक शव को पानी से निकालने में 20 घंटे का वक्त क्यों लग गया. पुलिस की कार्यप्रणाली के साथ बीबीएमबी प्रशासन भी सवालों में है. स्थानीय लोगों के मुताबिक जलाशय और नहर में पहले भी शव मिलते रहे हैं. लेकिन शव को निकालने में बीबीएमबी की जो लापरवाही सामने आई है अगर वो भविष्य में जारी रही तो उनके खिलाफ स्थानीय लोग सड़क पर उतरेंगे
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