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अब तो कोर्ट ने भी बोल दिया, CM साहब मिड डे मील वर्कर्स को पूरे 12 महीने का वेतन दो: CITU - सीटू के बैनर तले मिड डे मील कर्मियों का प्रदर्शन

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मिड डे मील वर्कर को 10 महीनों की बजाए 12 महीने वेतन देने का फैसला सुनाया. जिसके बाद अब मिड डे मील वर्कर्स ने सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया है. इस दौरान मिड डे मील वर्कर्स ने सुक्खू सरकार से 12 महीने के वेतन देने की मांग की.

Mid day meal workers Protest under CITU banner.
मंडी में सीटू के बैनर तले मिड डे मील कर्मियों का प्रदर्शन.
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Published : May 26, 2023, 3:52 PM IST

मिड डे मील वर्करों का प्रदर्शन

मंडी: हिमाचल प्रदेश में पूर्व की भाजपा सरकार से मिड डे मील वर्करों ने 10 महीने के बजाय पूरे 12 महीने वेतन देने की मांग रखी थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मिड डे मील वर्करों की इस मांग को अनसुना कर दिया था. जबकि हाईकोर्ट ने मिड डे मील वर्कर को 12 महीने वेतन देने का फैसला सुनाया था. अब इस फैसले को लेकर मिड डे मील वर्कर्स ने सुक्खू सरकार से 12 महीने का वेतन देने की मांग की है. अपनी मांगों को लेकर वर्कर्स ने आज शुक्रवार को सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया और सरकार से 12 महीने के पूरे वेतन देने की मांग की. साथ ही मिड डे मील वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर शिक्षा उपनिदेशक मंडी को एक ज्ञापन सौंपा.

मिड डे मील वर्कर की छंटनी पर भी सरकार को घेरा: इस दौरान सीटू ने मिड डे मील वर्कर की छंटनी पर भी प्रदेश सरकार को घेरा. सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा मिड डे मील वर्कर्स पिछले 20-20 सालों से स्कूलों में दोपहर भोजन बनाने का काम कर रही है और अब स्कूलों में बच्चों के कम संख्या होने और स्कूल बंद हो रहे हैं, जिससे मिड डे मील वर्कर्स की भी छंटनी की जा रही है. सीटू ने इसका विरोध करते हुए मिड डे मील वर्कर की छंटनी को रोकने और इन्हें विभाग में ही मर्ज करने के लिए नीति बनाने की मांग उठाई है.

मिड डे मील वर्करों की मांगे: सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार मिड डे मील वर्कर को 10 महीने के बजाय 12 माह का वेतन दिया जाए. मिड डे मील वर्कर बिना किसी छुट्टी के लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं और हैरानी की बात यह है कि विभाग द्वारा मिड डे मील वर्कर को तीन-चार महीने बाद वेतन दिया जा रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मिड डे मील वर्करों को आंगनवाड़ी वर्करों की तरह साल में 20 छुट्टियां, वर्दी व साथ ही हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि मिड डे मील वर्करों को भी विभागीय कर्मचारी बनाने के लिए सरकार पॉलिसी बनाए.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार में भी नहीं मिला सहारा, अब आंदोलन की राह पर उतरेंगे जिला परिषद कैडर के 4700 कर्मचारी

मिड डे मील वर्करों का प्रदर्शन

मंडी: हिमाचल प्रदेश में पूर्व की भाजपा सरकार से मिड डे मील वर्करों ने 10 महीने के बजाय पूरे 12 महीने वेतन देने की मांग रखी थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मिड डे मील वर्करों की इस मांग को अनसुना कर दिया था. जबकि हाईकोर्ट ने मिड डे मील वर्कर को 12 महीने वेतन देने का फैसला सुनाया था. अब इस फैसले को लेकर मिड डे मील वर्कर्स ने सुक्खू सरकार से 12 महीने का वेतन देने की मांग की है. अपनी मांगों को लेकर वर्कर्स ने आज शुक्रवार को सीटू के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया और सरकार से 12 महीने के पूरे वेतन देने की मांग की. साथ ही मिड डे मील वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर शिक्षा उपनिदेशक मंडी को एक ज्ञापन सौंपा.

मिड डे मील वर्कर की छंटनी पर भी सरकार को घेरा: इस दौरान सीटू ने मिड डे मील वर्कर की छंटनी पर भी प्रदेश सरकार को घेरा. सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा मिड डे मील वर्कर्स पिछले 20-20 सालों से स्कूलों में दोपहर भोजन बनाने का काम कर रही है और अब स्कूलों में बच्चों के कम संख्या होने और स्कूल बंद हो रहे हैं, जिससे मिड डे मील वर्कर्स की भी छंटनी की जा रही है. सीटू ने इसका विरोध करते हुए मिड डे मील वर्कर की छंटनी को रोकने और इन्हें विभाग में ही मर्ज करने के लिए नीति बनाने की मांग उठाई है.

मिड डे मील वर्करों की मांगे: सीटू जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार मिड डे मील वर्कर को 10 महीने के बजाय 12 माह का वेतन दिया जाए. मिड डे मील वर्कर बिना किसी छुट्टी के लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं और हैरानी की बात यह है कि विभाग द्वारा मिड डे मील वर्कर को तीन-चार महीने बाद वेतन दिया जा रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मिड डे मील वर्करों को आंगनवाड़ी वर्करों की तरह साल में 20 छुट्टियां, वर्दी व साथ ही हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि मिड डे मील वर्करों को भी विभागीय कर्मचारी बनाने के लिए सरकार पॉलिसी बनाए.

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