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धर्मपुर में मनरेगा मजदूरों ने BDO कार्यालय को घेरा, मांगे मनरेगा से जुड़े अपने हक

राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के विरोध में शुक्रवार को सीटू मजदूर संगठन से संबंधित मनरेगा मजदूर यूनियन के बैनर तले धर्मपुर उपमंडल मुख्यालय पर मजदूरों ने रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.

धर्मपुर में मनरेगा मजदूरों ने BDO कार्यालय को घेरा
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Published : Aug 24, 2019, 9:43 AM IST

मंडी: प्रदेश में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के विरोध में शुक्रवार को सीटू मजदूर संगठन से संबंधित मनरेगा मजदूर यूनियन के बैनर तले धर्मपुर उपमंडल मुख्यालय पर रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. मजदूरों ने बस स्टैंड से एसडीएम कार्यालय तक जलूस निकाला और बीडीओ के माध्यम से सैंकड़ों हस्ताक्षरों वाले मांगपत्र मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और बोर्ड के सचिव को भेजे.

सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये बहुत हैरानी की बात है कि अभी तक मजदूरों को इस साल बहुत कम काम मनरेगा में करने को मिला है. प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार अपने कार्यकाल में मजदूरों के कल्याण के लिए बने बोर्ड का अध्यक्ष नहीं नियुक्त कर पाई है.

जिसके कारण मजदूरों को मिलने वाली वाशिंग मशीनें, इंडक्शन हीटर, सोलर लैंम्प व साइकलें वर्ष 2017 के बाद स्वीकृत नहीं हो रही हैं. भूपेंद्र सिहं ने कहा कि बोर्ड का चेयरमैन न होने के कारण बोर्ड की कोई मीटिंग समय पर नहीं हो पा रही हैं. जिसके कारण कोई भी कार्य समय पर नहीं हो पा रहा हैं.

धर्मपुर खंड की दो सौ से अधिक साइकलें आईपीएच मंत्री के दवाब के कारण डेढ़ साल से वितरित ही नहीं हो पाई हैं. मांगपत्रों के माध्यम से मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 250 रुपये करने और 120 दिनों का रोजगार सुनिशित करने की भी मांग की गई है. मजदूरों को काम करने के लिए औजार देने और साप्ताहिक अवकाश देने की भी मांग की प्रशासन से की गई है.

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जय राम ठाकुर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार मनरेगा मजदूरों के साथ भेदभाव और उनका शोषण करने पर तुली हुई है. सरकार मनरेगा मजदूरों को आठ घंटे काम की मजदूरी 185 रुपये दे रही है और अन्य मजदूरों को 250 रुपये दिए जाते हैं. इस प्रकार प्रदेश में दिहाड़ी के दो रेट चल रहे हैं जो मनरेगा मजदूरों के साथ सरासर गलत व्यवहार है.

रैली के दौरान मजदूरों ने बीडीओ कार्यालय का घेराव किया. इस अवसर पर बीडीओ सतीश कुमार शर्मा ने 15 दिनों में मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है. यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी उनके लाभ उन्हें नहीं दिये गए तो वे शिमला में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय का घेराव करेंगे.

मंडी: प्रदेश में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के विरोध में शुक्रवार को सीटू मजदूर संगठन से संबंधित मनरेगा मजदूर यूनियन के बैनर तले धर्मपुर उपमंडल मुख्यालय पर रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. मजदूरों ने बस स्टैंड से एसडीएम कार्यालय तक जलूस निकाला और बीडीओ के माध्यम से सैंकड़ों हस्ताक्षरों वाले मांगपत्र मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और बोर्ड के सचिव को भेजे.

सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये बहुत हैरानी की बात है कि अभी तक मजदूरों को इस साल बहुत कम काम मनरेगा में करने को मिला है. प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार अपने कार्यकाल में मजदूरों के कल्याण के लिए बने बोर्ड का अध्यक्ष नहीं नियुक्त कर पाई है.

जिसके कारण मजदूरों को मिलने वाली वाशिंग मशीनें, इंडक्शन हीटर, सोलर लैंम्प व साइकलें वर्ष 2017 के बाद स्वीकृत नहीं हो रही हैं. भूपेंद्र सिहं ने कहा कि बोर्ड का चेयरमैन न होने के कारण बोर्ड की कोई मीटिंग समय पर नहीं हो पा रही हैं. जिसके कारण कोई भी कार्य समय पर नहीं हो पा रहा हैं.

धर्मपुर खंड की दो सौ से अधिक साइकलें आईपीएच मंत्री के दवाब के कारण डेढ़ साल से वितरित ही नहीं हो पाई हैं. मांगपत्रों के माध्यम से मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 250 रुपये करने और 120 दिनों का रोजगार सुनिशित करने की भी मांग की गई है. मजदूरों को काम करने के लिए औजार देने और साप्ताहिक अवकाश देने की भी मांग की प्रशासन से की गई है.

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जय राम ठाकुर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार मनरेगा मजदूरों के साथ भेदभाव और उनका शोषण करने पर तुली हुई है. सरकार मनरेगा मजदूरों को आठ घंटे काम की मजदूरी 185 रुपये दे रही है और अन्य मजदूरों को 250 रुपये दिए जाते हैं. इस प्रकार प्रदेश में दिहाड़ी के दो रेट चल रहे हैं जो मनरेगा मजदूरों के साथ सरासर गलत व्यवहार है.

रैली के दौरान मजदूरों ने बीडीओ कार्यालय का घेराव किया. इस अवसर पर बीडीओ सतीश कुमार शर्मा ने 15 दिनों में मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है. यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी उनके लाभ उन्हें नहीं दिये गए तो वे शिमला में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय का घेराव करेंगे.

Intro:मंडी। हिमाचल प्रदेश सरकार द्धारा राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड को कमजोर करने के विरोध में शुक्रवार को सीटू मजदूर संगठन से सबन्धित मनरेगा मजदूर यूनियन के बैनर तले धर्मपुर उपमंडल मुख्यालय पर मजदूरों ने रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान मजदूरों ने बीडीओ कार्यालय का घेराव किया। इस अवसर पर बीडीओ सतीश कुमार शर्मा ने 15 दिनों में मांगे पूरी करने का आस्वासन दिया। इसके बाद मजदूर मौके से गए। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी उनके लाभ उन्हें नहीँ दिये गए तो वे शिमला में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय का घेराव करेंगे।Body:मजदूरों ने बस स्टैंड से एसडीएम कार्यालय तक जलूस निकाला और बीडीओ के माध्यम से सैंकड़ों हस्ताक्षरों वाले मांगपत्र मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री व बोर्ड के सचिव को भेजे। सीटू के जिला प्रधान व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये बहुत हैरानी व चिन्ता की बात है कि अभी तक मजदूरों को इस साल बहुत कम काम मनरेगा में मिला है और प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार अपने 18 महीनों के कार्यकाल में मजदूरों के कल्याण के लिए बने बोर्ड का अध्यक्ष तक नहीं लगा पाई है। जिस कारण मजदूरों को मिलने वाली वाशिंग मशीनें, इंडक्शन हीटर, सोलर लैम्प व साइकलें वर्ष 2017 के बाद स्वीकृत नहीं हो रही हैं। बोर्ड का चेयरमैन न होने के कारण बोर्ड कोई मीटिंग नहीं हो रही है और कार्य समय पर नहीं हो रहें हैं। धर्मपुर खंड की दो सौ से अधिक साइकलें आईपीएच मंत्री के दवाब के कारण डेढ़ साल से वितरित नहीं की जा रही हैं। मांगपत्रों के माध्यम से मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 250 रुपये करने और 120 दिनों का रोजगार सुनिशित करने की भी मांग की गई है। मजदूरों को काम करने के लिए औजार देने और साप्ताहिक अवकाश देने तथा मनरेगा में मिस्त्रियों का प्रावधान करने की भी मांग की गई। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जय राम ठाकुर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार पर मनरेगा मजदूरों के साथ भेदभाव और उनका शोषण करने का भी आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा मजदूरों को आठ घंटे काम की मजदूरी 185 रुपये दे रही है और अन्य मजदूरों को 250 रुपये दिए जाते हैं। इस प्रकार यह प्रदेश में दो रेट चल रहे हैं जो मनरेगा मजदूरों के साथसरकार का सौतेला व्यवहार है।

byte : भूपेंद्र सिंह, जिला प्रधान सीटूConclusion:यूनियन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बोर्ड का अध्यक्ष जल्द नियुक्त किया जाए और लंबित सभी लाभ जारी किये जाएं और वाशिंग मशीनों पर लगी रोक हटाई जाये।
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