मंडीः जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक में कुछ अफसरों के नदारद रहने पर मंडी जिला परिषद के सदस्यों ने कड़ा एतराज जाहिर किया है. सदस्यों का तर्क है कि बिना अफसरों के मुद्दे कैसे सुलझेंगे और विकास धरातल स्तर पर कैसे होगा.
जिला परिषद भवन भ्यूली मंडी में सोमवार को जिला परिषद अध्यक्षा सरला ठाकुर की अध्यक्षता में जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक का आयोजन किया गया. त्रैमासिक बैठक में कुछ विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति का मुद्दा सदन में खूब गरमाया रहा. बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त आशुतोष गर्ग विशेष रूप से उपस्थित रहे.
बैठक में ग्रामीण विकास कार्यों के अतिरिक्त बिजली व कम वोल्टेज की समस्या, पेयजल की किल्लत, सड़कों व पंचायत क्षेत्र के रास्तों के निर्माण व अन्य कार्यो, फोरलेन निर्माण से प्रभावित लोगों के हकों को सुरक्षित करने, सोलर प्लांट स्थापित करने, स्वीकृत सोलर लाइटों को तुरंत स्थापित करने, पुरानी सोलर लाईटों की शीघ्र मरम्मत करवाने तथा जिला परिषद सदस्यों के माध्यम से स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई.
अतिरिक्त उपायुक्त ने गर्मियों के दौरान पेयजल की कमी को दूर करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को पेयजल वितरण में सुधार लाने के निर्देश दिए ताकि सभी ग्रामीणों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सके. जिला परिषद के माध्यम से भ्यूली में निर्मित किए गए विश्राम गृह के प्रति सैट का 500 रुपये किराया निर्धारित करने के लिए सदन में प्रस्ताव पारित किया गया.
जिला परिषद अध्यक्षा ने बताया कि जिला परिषद सदस्यों को रात्रि ठहराव के लिए सरकारी दर पर ही सैट दिए जाएंगे. बैठक में मनरेगा के तहत हर पंचायत में मनरेगा उपकरण व अन्य सामान के रखरखाव के लिए एक-एक कमरे की व्यवस्था स्टोर के लिए करने तथा आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के लिए स्थान चयन करने व राशि स्वीकृत करने के प्रस्ताव प्रारित किये गए.
अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैठक में उठाए गए विभिन्न मुददों/योजनाओं को समय अवधि के भीतर पूर्ण करें ताकि ग्रामीणों को उन योजनाओं का लाभ मिल सके. इस अवसर पर जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कुमार, खंड विकास अधिकारी सदर शेफाली शर्मा, जिला परिषद के उपाध्यक्ष पूर्ण चंद व अन्य मौजूद रहे.