सराज: मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी करीब 11 हजार फीट ऊंचाई पर विराजमान माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट 20 नवंबर को चार माह के लिए बंद कर दिए जाएंगे. प्रशासन के अनुसार शनिवार के बाद कभी भी बर्फबारी हो सकती है, जिसको देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने मंदिर के कपाट को बंद करने का फैसला लिया है.
बीते सोमवार के बाद से श्रद्धालुओं और सैलानियों के शिकार माता मंदिर जाने पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है. इन धार्मिक स्थलों की पहाड़ियों पर बर्फीला तूफान और हिमस्खलन की भी आशंका व्यक्त की जा रही है. इसके चलते प्रशासन ने नजदीकी के गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया है.
मंदिर कमेटी और प्रशासन ने शिकारी माता देवी मंदिर के कपाट मार्च 2023 तक बंद करने का निर्णय लिया है. प्रशासन ने उन सभी व्यापारियों को, जो माता शिकारी में व्यापार करते हैं, उन्हें दो से तीन दिनों में स्थान छोड़ कर नीचे आने के आदेश जारी कर दिए हैं. माता शिकारी देवी में ट्रैकिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि मौसम खराब होने पर शिकारी माता और मंदिर क्षेत्रों में न जाएं.
माता शिकारी के कपाट चार माह बंद करने के पीछे बहुत बड़ा कारण उंचाई है. इन दिनों मैदानी इलाकों में जहां हल्की बारिश होती है तो, माता शिकारी मे बर्फबारी होना शुरू हो जाता है. कोई अनहोनी न हो इसके लिए स्थानीय प्रशासन सावधानी बरतता है. गौरतलब है कि जनवरी 2017 में एनआईटी हमीरपुर से आए दो छात्रों की अचानक हुई बर्फबारी में दबने से मौत हो गई थी.
गौरतलब है हर साल माता शिकारी के कपाट 15 नवंबर को बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन इस साल मौसम साफ होने के कारण कपाट पांच दिन बाद 20 नवंबर को बंद किया जा रहा है. कार्यकारी एसडीएम तहसीलदार थुनाग अमित कल्थाईक ने कहा 20 नवंबर से माता शिकारी के कपाट बंद होंगे. ये कपाट अगले 4 माह तक बंद रहेंगे.
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