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Mandi News: घ्राण सीनियर सेकेंडरी स्कूल बाढ़ से हो चुका है तबाह, 70 साल के बुजुर्ग ने किया जमीन देने का ऐलान

जिला मंडी का घ्राण सीनियर सेकेंडरी स्कूल बाढ़ के कारण तबाह हो चुका है. स्कूल प्रबंधन ने घ्राण के साथ लगते सुम्मा गांव में 8 कमरे, एक हॉल, चार शौचालय और दो खेत किराए पर लिए हैं. वहीं, 70 वर्षीय बुजुर्ग परमदेव ने अपनी निजी भूमि स्कूल को देने का ऐलान किया है. पढ़ें पूरी खबर... (Gharan School Mandi)

Gharan School Mandi
घ्राण सीनियर सेकेंडरी स्कूल
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Published : Jul 31, 2023, 5:41 PM IST

Updated : Jul 31, 2023, 10:53 PM IST

बाढ़ से घ्राण सीनियर सेकेंडरी स्कूल हो चुका है तबाह.

मंडी: बीती 9 -10 जुलाई पूरे प्रदेश में आफत बनकर बरसी बारिश कई जख्म दे गई है. इस बारिश के चलते ब्यास नदी में आए महा जल प्रलय में मंडी जिला का घ्राण स्कूल भी पूरी तहस नहस हो गया है. जिस कारण यहां बच्चों व शिक्षकों के बैठने के लिए भी जगह नहीं बच पाई है. ऐसे में सीनियर सेकेंडरी स्कूल घ्राण में आज से स्कूल खुलते ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई हैं. वहीं, अब स्कूल प्रबंधन ने घ्राण के साथ लगते सुम्मा गांव में चंद्रमणी और परमदेव के घर पर 8 कमरे, एक हॉल, चार शौचालय और दो खेत किराए पर लिए हैं. स्कूल प्रधानाचार्य रीनू शर्मा ने बताया कि किराए पर लिए भवनों में बच्चों के बैठने की सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. व्यवस्थाएं होते ही स्कूल में कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी.

बाढ़ के कारण स्कूल को हुआ डेढ़ करोड़ का नुकसान: बाढ़ के कारण घ्राण स्कूल को 1 करोड़ 60 लाख का नुकसान हुआ है. इसमें 8 कमरों की दो मंजिला बिल्डिंग पूरी तरह से धराशाही हो चुकी है जिसमें साइंस ब्लॉक, प्रिंसिपल और क्लर्क ऑफिस, आईटीईएस लैब, सिक्योरिटी लैब, आईसीटी लैब, दो स्मार्टरूम और एक स्पोर्ट्सरूम शामिल था. इसके अलावा दूसरी बिल्डिंग में भारी मात्रा में सिल्ट और मलबा घुस गया है और यह भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इसके साथ ही स्कूल का मैदान और शौचालय भी पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. एसएमसी के प्रधान बीरी सिंह ने सरकार से स्कूल के नए भवन को सुरक्षित स्थान पर जल्द से जल्द बनाने की गुहार लगाई है.

231 बच्चों हो रहे प्रभावितः गौरतलब है कि स्कूल खुलते ही अभी स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुविधा के लिए ऑनलाइन कक्षाएं तो शुरू कर दी हैं, लेकिन ऑफलाइन कक्षाएं जल्द से जल्द शुरू होना बेहद जरूरी हैं. स्कूल में कक्षा छठी से लेकर 12वीं तक 231 बच्चे पढ़ते हैं और इन्हें स्कूल जल्द खुलने का इंतजार है. वहीं, घ्राण स्कूल की प्राइमरी बिल्डिंग दूसरे स्थान पर होने के कारण यह सुरक्षित है और अभी सीनियर सेकेंडरी स्कूल का संचालन इसी बिल्डिंग से किया जा रहा है.

Gharan School Mandi
70 वर्षीय बुजुर्ग परमदेव जिन्होंने अपनी जमीन स्कूल को देने की घोषणा की.

परमदेव ने नए भवन के लिए दान में दी डेढ़ बीघा जमीन: वहीं, उधर स्थानीय निवासी स्कूल संचालन के लिए अपने घर के कमरे किराए पर देने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग परमदेव ने अपनी नीजि भूमि को स्कूल भवन बनाने के लिए दान में देने का ऐलान कर दिया है. स्कूल प्रबंधन जब नया भवन बनाने के लिए जमीन तलाशने लगे तो उन्हें कहीं पर भी जमीन नहीं मिली. ऐसे में परमदेव से गांव वालों ने संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत इसके लिए हामी भर दी और अपनी डेढ़ बीघा जमीन दान देने के लिए राजी हो गए. परमदेव ने बताया कि उन्होंने गांव वालों की मांग पर और बच्चों की सुविधा के लिए अपनी जमीन दान में देने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें- Mountaineers of Manali: हिमाचल आपदा में फरिश्ते बन कर आए मनाली के पर्वतारोही, रेस्क्यू ऑपरेशन में सैकड़ों लोगों की बचाई जान

बाढ़ से घ्राण सीनियर सेकेंडरी स्कूल हो चुका है तबाह.

मंडी: बीती 9 -10 जुलाई पूरे प्रदेश में आफत बनकर बरसी बारिश कई जख्म दे गई है. इस बारिश के चलते ब्यास नदी में आए महा जल प्रलय में मंडी जिला का घ्राण स्कूल भी पूरी तहस नहस हो गया है. जिस कारण यहां बच्चों व शिक्षकों के बैठने के लिए भी जगह नहीं बच पाई है. ऐसे में सीनियर सेकेंडरी स्कूल घ्राण में आज से स्कूल खुलते ही ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई हैं. वहीं, अब स्कूल प्रबंधन ने घ्राण के साथ लगते सुम्मा गांव में चंद्रमणी और परमदेव के घर पर 8 कमरे, एक हॉल, चार शौचालय और दो खेत किराए पर लिए हैं. स्कूल प्रधानाचार्य रीनू शर्मा ने बताया कि किराए पर लिए भवनों में बच्चों के बैठने की सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. व्यवस्थाएं होते ही स्कूल में कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी.

बाढ़ के कारण स्कूल को हुआ डेढ़ करोड़ का नुकसान: बाढ़ के कारण घ्राण स्कूल को 1 करोड़ 60 लाख का नुकसान हुआ है. इसमें 8 कमरों की दो मंजिला बिल्डिंग पूरी तरह से धराशाही हो चुकी है जिसमें साइंस ब्लॉक, प्रिंसिपल और क्लर्क ऑफिस, आईटीईएस लैब, सिक्योरिटी लैब, आईसीटी लैब, दो स्मार्टरूम और एक स्पोर्ट्सरूम शामिल था. इसके अलावा दूसरी बिल्डिंग में भारी मात्रा में सिल्ट और मलबा घुस गया है और यह भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इसके साथ ही स्कूल का मैदान और शौचालय भी पूरी तरह नष्ट हो गए हैं. एसएमसी के प्रधान बीरी सिंह ने सरकार से स्कूल के नए भवन को सुरक्षित स्थान पर जल्द से जल्द बनाने की गुहार लगाई है.

231 बच्चों हो रहे प्रभावितः गौरतलब है कि स्कूल खुलते ही अभी स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की सुविधा के लिए ऑनलाइन कक्षाएं तो शुरू कर दी हैं, लेकिन ऑफलाइन कक्षाएं जल्द से जल्द शुरू होना बेहद जरूरी हैं. स्कूल में कक्षा छठी से लेकर 12वीं तक 231 बच्चे पढ़ते हैं और इन्हें स्कूल जल्द खुलने का इंतजार है. वहीं, घ्राण स्कूल की प्राइमरी बिल्डिंग दूसरे स्थान पर होने के कारण यह सुरक्षित है और अभी सीनियर सेकेंडरी स्कूल का संचालन इसी बिल्डिंग से किया जा रहा है.

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70 वर्षीय बुजुर्ग परमदेव जिन्होंने अपनी जमीन स्कूल को देने की घोषणा की.

परमदेव ने नए भवन के लिए दान में दी डेढ़ बीघा जमीन: वहीं, उधर स्थानीय निवासी स्कूल संचालन के लिए अपने घर के कमरे किराए पर देने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग परमदेव ने अपनी नीजि भूमि को स्कूल भवन बनाने के लिए दान में देने का ऐलान कर दिया है. स्कूल प्रबंधन जब नया भवन बनाने के लिए जमीन तलाशने लगे तो उन्हें कहीं पर भी जमीन नहीं मिली. ऐसे में परमदेव से गांव वालों ने संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत इसके लिए हामी भर दी और अपनी डेढ़ बीघा जमीन दान देने के लिए राजी हो गए. परमदेव ने बताया कि उन्होंने गांव वालों की मांग पर और बच्चों की सुविधा के लिए अपनी जमीन दान में देने का निर्णय लिया है.

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Last Updated : Jul 31, 2023, 10:53 PM IST
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