मंडी: हिमाचल में आई आपदा ने प्रदेश को गहरे जख्म दिए हैं. प्राकृतिक आपदा की मार से कोई भी अछूता नहीं रहा है. बाढ़ और भारी बारिश अपने साथ करोड़ों की सपंत्ति बहाकर ले गई. साथ ही 500 से भी ज्यादा लोगों की जान इस आपदा ने ली. वहीं, प्रदेश के कई स्कूल आपदा की भेंट चढ़ गए. जिसकी वजह से सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले प्राइमरी स्कूल कुक्लाह के बच्चे भी आपदा का दंश झेलने को मजबूर हैं.
आपदा के बाद से मंदिर में चल रहा विद्यालय: बीते 23 अगस्त को भारी बारिश के कारण कुक्लाह स्कूल का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. इसके बाद से स्कूल का संचालन काशमीरी माता मंदिर परिसर में बनी सरायों में किया जा रहा है. यहां आस्था के मंदिर में अब शिक्षा का मंदिर चल रहा है. कमरों की कमी के चलते एक ही रूम में एक से ज्यादा कक्षाओं का संचालन करना पड़ रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई में खलल पड़ रही है. स्कूल के छात्र उत्कर्ष ठाकुर और नीतिन शर्मा ने बताया कि उन्हें यहां पर वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जो स्कूल में हुआ करती थी. इन्होंने सरकार से स्कूल का नया भवन जल्द से जल्द बनाने की गुहार लगाई है.
बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक चिंतित: वहीं, अभिभावक भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आखिर कब तक उनके बच्चे इसी तरह से पढ़ाई करते रहेंगे. अभिभावक आशा कुमारी ने बताया कि जहां पर अस्थायी तौर पर स्कूल का संचालन किया जा रहा है, वह इलाका भी खड्ड के किनारे पर है. अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर हर वक्त चिंता लगी रहती है. इन्होंने सरकार से जल्द से जल्द स्कूल का नया भवन किसी सुरक्षित स्थान पर बनाने की मांग उठाई है.
स्कूल संचालन में आर रही दिक्कतें: स्कूल प्रभारी दुनी चंद ने बताया कि स्कूल संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. आपदा के बाद जिलाधीश मंडी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है. सरकार से निवेदन है कि जल्द से जल्द स्कूल भवन का निर्माण कार्य शुरू किया जाए ताकि बच्चों को इसकी सुविधा मिल सके.
वहीं, जब इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक अमरनाथ राणा से बात की गई तो, उन्होंने बताया कि जिला में 17 प्राथमिक, 3 मिडिल व 5 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है. वहीं उन्होंने बताया कि कुछ स्कूलों का आंशिक रूप से भी नुकसान हुआ.
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