मंडी: इस बार हिमाचल प्रदेश पर मानसून का जमकर प्रकोप बरपा है. प्रदेश को जहां हजारों करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है. वहीं, बरसात के कहर ने कई लोगों से उनके आशियाने छीन लिए. आज प्रदेश में हजारों लोग ऐसे हैं जिनके सिर पर अपने घर की छत नहीं है. ये लोग अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. बरसाती आफत अपने साथ इन लोगों की सारी पूंजी बहा कर ले गई है.
हिमाचल में आपदा का दंश: कहीं बारिश, कहीं लैंडस्लाइड तो कहीं भयंकर बाढ़ ने लोगों से उनके घर छीन लिए हैं. अब इन लोगों के पास न तो रहने को घर बचे हैं और न ही खाने को अन्न. हालांकि प्रदेश सरकार ने राहत शिविरों का निर्माण किया है, लेकिन आखिर कब तक ये लोग इन शिविरों में रहेंगे. आपदा में अपना सब कुछ खो चुके ये आपदा प्रभावित लोग अब सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं.
कुकलाह गांव में बर्बादी: कुछ ऐसा ही हाल मंडी जिले का भी है. जहां भारी बारिश और बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है. जानकारी के अनुसार पंडोह के साथ लगते कुकलाह गांव में बीती 23 अगस्त की सुबह बादल फटने के वजह से फ्लैश फ्लड आ गया. जिसकी चपेट में आने से गांव के 12 घर और एक स्कूल का दो मंजिला भवन जमींदोज हो गए. इस गांव की सैकड़ों की आबादी बारिश के कारण प्रभावित हुई है. दर्जनों ऐसे घर हैं जिनमें दरारें आ गई हैं और वहां पर रहना अब सुरक्षित नहीं रहा है. इसलिए अब यहां के लोग अपने रिश्तेदारों के घरों में पनाह लेने को मजबूर हो गए हैं.
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बाढ़ से सैकड़ों लोग बेघर: वहीं, कुकलाह गांव में अधिकतर लोगों के पशु बाढ़ में बह गए, लेकिन जो बचे हैं, उन्हें खुले आसमान के नीचे तंबुओं में रखा गया है. कुकलाह गांव में दो पंचायतों के लोग रहते हैं. यहां बहने वाली कुकलाह खड्ड की दोनों ओर दो पंचायतें हैं. एक तरफ ग्राम पंचायत कुकलाह है और दूसरी ओर ग्राम पंचायत सरोआ है. कुकलाह गांव में आई बाढ़ से प्रभावित हिम्मत राम, चंद्रशेखर, चित्र देव, जानकी देवी, कला देवी, रामदास, लीला देवी और किरणा देवी ने बताया कि गांव में जो त्रासदी हुई है, उसके बाद वे घर से बेघर हो गए हैं. कुछ लोगों के घर जो सुरक्षित बचे हैं, उन्हें यदि जल्द से जल्द बचाने की दिशा में कार्य नहीं किया गया तो वो भी जमींदोज हो जाएंगे.
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नए आशियाने की तलाश में लोग: आपदा प्रभावित कुकलाह गांव के इन लोगों ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है. लोगों ने सरकार से मांग की है कि भले ही इन्हें कोई मुआवजा न दिया जाए, लेकिन इन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए, ताकि ये लोग बिना किसी डर के अपना जीवन यापन कर सकें. कुकलाह गांव की इस तबाही में इन प्रभावित लोगों का सब कुछ छीन लिया है. घरों के तबाह होने के साथ ही इनकी जीवन भर की पूंजी भी मिट्टी में मिल गई है. अब इन लोगों को बस प्रदेश सरकार की मदद का ही सहारा बचा है.
उचित मुआवजे की गुजारिश: वहीं, ग्राम पंचायत कुकलाह के प्रधान नोक सिंह ने बताया कि कुकलाह गांव में इस त्रासदी के कारण 12 घर और एक स्कूल जमींदोज हुआ है. जबकि बहुत से घरों पर दरारें आई हैं. उन्होंने सरकार व प्रशासन से प्रभावितों को उचित मुआवजा और मदद दिलाने की गुजारिश की गई है. नोक सिंह ने कहा कि कई लोगों के घर बाढ़ के भेंट चढ़ गए और इन लोगों को काफी नुकसान हुआ है. इसलिए प्रदेश सरकार जल्द से जल्द प्रभावितों की मदद करे.
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