मंडी: कोरोना सैंपलिंग अभियान में मंडी जिला टॉप पर है. जिले में रोजाना औसतन 4500 टेस्ट किए जा रहे हैं, जो प्रदेश में अन्य किसी भी जिले के मुकाबले सबसे अधिक हैं. कोरोना सैंपलिंग अभियान के बेहतर संचालन के लिए मुख्य सचिव अनिल खाची ने मंडी जिला प्रशासन की पूरी टीम को शाबाशी दी है.
बता दें कि मंडी जिले में पिछले एक हफ्ते में 20 हजार से अधिक टेस्ट किए गए हैं. राहत की बात है कि कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के बावजूद कोरोना संक्रमण की दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण के स्प्रेड की गहनता का पता लगाने और कोरोना मुक्ति के लिए निर्णायक प्रयास करते हुए प्रदेशव्यापी कोरोना सैंपलिंग महा अभियान चलाया है.
20 जून तक चलेगा अभियान
मंडी में भी 3 जून से 20 जून तक ये विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत 559 पंचायतों और शहरी निकायों को कवर करने का काम किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की 33 टीमें हर पंचायत और शहरी निकायों में जाकर कोरोना की जांच कर रही हैं. हर ब्लॉक में 3-3 टीमें जांच के लिए लगाई गई हैं. उपायुक्त ने बताया कि सैंपलिंग महाअभियान में ग्राम पंचायत प्रधानों के नेतृत्व में बनाई गईं पंचायत स्तरीय कोविड प्रबंधन टास्क फोर्स बहुत अहम रोल निभा रही हैं.
टास्क फोर्स ने किया बेहतरीन काम
उपायुक्त मंडी ने कहा कि टास्क फोर्स के समर्पित प्रयासों व सहयोग से सैंपलिंग अभियान को गति देने और सुचारू संचालन में बड़ी मदद मिली है. वहीं, जिले में सैंपलिंग अभियान का जिम्मा संभाल रहे डॉ. अरिंदम रॉय ने बताया कि जिले में संक्रमण दर में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. रैपिड एंटीजन टेस्ट की पॉजिटिविटी दर 2 फीसदी से भी नीचे है, जबकि आरटी-पीसीआर की पॉजिटिविटी दर लगभग 4 प्रतिशत है. बता दें, पिछले महीने में मंडी जिला में संक्रमण दर एक समय तो 40 प्रतिशत तक पहुंच गई थी. इस लिहाज से कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के बावजूद पॉजिटिव मामलों में कमी बहुत राहत की बात है.
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