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Mandi Disaster: अस्पताल से छुट्टी होने पर परिवार को कहां लेकर जाऊंगा सरकार?

मंडी जिला के सांबल में 14 अगस्त को आई तबाही में नितेश का हंसता खलता परिवार उजड़ गया. 28 दिन बीत जाने के बाद भी नितेश की लापता पत्नी, बहन और मासूम बेटी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. ये तीनों अचानक घर पर गिरे मलबे में दब गए थे. वहीं, मां के पैर में गंभीर चोट लगी थी. नितेश ने सरकार और प्रशासन से उसे सुरक्षित आसरा देने की गुहार लगाई है, ताकि वो अपनी घायल मां को वहां पर रख सके. (Mandi Disaster) (Mandi Landslide)

nitesh family living in mandi hospital
मंडी आपदा में मां का काटा गया पैर
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 5:13 PM IST

आपदा प्रभावित नितेश

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आसमान से आफत बनकर बरसी बारिश ने पंडोह के सांबल निवासी 22 वर्षीय नितेश के हंसते खलते परिवार को उजाड़ कर रख दिया है. दरअसल, आपदा के 28 दिन बीत जाने के बाद भी मलबे में दबे पत्नी, बहन और बेटी का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. वहीं, छोटी बहन और मां नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है. मां का तीन बार ऑपरेशन करके टांग को घुटने से ऊपर तक काटा जा चुका है. मलबे में दबने के कारण नितेश की माता के पैर में गंभीर चोट लगी थी और इन्फेक्शन हो गया था. जिसके बाद अभी तक उनका उपचार चल रहा है.

बताया जा रहा है कि मां की आंखों की रोशनी पहले ही कम हो गयी थी, अब डॉक्टर आंखों के ऑपरेशन की बात कह रहे हैं. वहीं, छोटी बहन गोपी की टांग में भी चोट लगी थी. वह भी इसी अस्पताल में उपचाराधीन थी. मजबूरी यह बन गयी है कि अपनी दोनों बहनों के साथ ही अस्पताल में शरण लेनी पड़ी है. नितेश ने बताया कि छोटी बहन की स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और डॉक्टरों ने उसे छुट्टी भी कर दी है. नितेश ने बताया कि प्रशासन की तरफ से उसे पूरा सहयोग मिल रहा है, लेकिन नितेश अब इस बात को लेकर परेशान है कि जब मां को अस्पताल से छुट्टी हो जाएगी तो परिवार को कहां लेकर जाएगा. क्योंकि न तो घर बचा है और न ही जगह बची है. नितेश ने सरकार और प्रशासन से उसे सुरक्षित आसरा देने की गुहार लगाई है ताकि वो अपनी घायल मां को वहां पर रख सके.

बता दें कि बीते 14 अगस्त की सुबह सांबल गांव में नितेश के घर पर नाले का भारी मलबा आ गया था. जिसके कारण नितेश का घर मलबे में पूरी तरह से दब गया और साथ में 18 वर्षीय पत्नी मोनिका, 17 वर्षीय बहन रविता और 6 माह की दुधमुंही सानिया भी इस मलबे में दब गई. वहीं, माता रचना देवी और 11 वर्षीय एक अन्य बहन गोपी मलबे की चपेट में आने से घायल हो गई. नितेश और उसकी एक अन्य 15 वर्षीय बहन जाहन्वी खुद को बचाने में कामयाब हो सके. वहीं, लापता पत्नी, बहन और बेटी के शवों की तलाश के लिए प्रशासन की तरफ से लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अभी तक शवों का कहीं कोई पता नहीं चल सका है.

ये भी पढ़ें: Mandi News: बचपन के स्कूल में पहुंच कर भावुक हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, छात्रों को सुनाए स्कूल के किस्से

आपदा प्रभावित नितेश

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आसमान से आफत बनकर बरसी बारिश ने पंडोह के सांबल निवासी 22 वर्षीय नितेश के हंसते खलते परिवार को उजाड़ कर रख दिया है. दरअसल, आपदा के 28 दिन बीत जाने के बाद भी मलबे में दबे पत्नी, बहन और बेटी का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. वहीं, छोटी बहन और मां नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है. मां का तीन बार ऑपरेशन करके टांग को घुटने से ऊपर तक काटा जा चुका है. मलबे में दबने के कारण नितेश की माता के पैर में गंभीर चोट लगी थी और इन्फेक्शन हो गया था. जिसके बाद अभी तक उनका उपचार चल रहा है.

बताया जा रहा है कि मां की आंखों की रोशनी पहले ही कम हो गयी थी, अब डॉक्टर आंखों के ऑपरेशन की बात कह रहे हैं. वहीं, छोटी बहन गोपी की टांग में भी चोट लगी थी. वह भी इसी अस्पताल में उपचाराधीन थी. मजबूरी यह बन गयी है कि अपनी दोनों बहनों के साथ ही अस्पताल में शरण लेनी पड़ी है. नितेश ने बताया कि छोटी बहन की स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और डॉक्टरों ने उसे छुट्टी भी कर दी है. नितेश ने बताया कि प्रशासन की तरफ से उसे पूरा सहयोग मिल रहा है, लेकिन नितेश अब इस बात को लेकर परेशान है कि जब मां को अस्पताल से छुट्टी हो जाएगी तो परिवार को कहां लेकर जाएगा. क्योंकि न तो घर बचा है और न ही जगह बची है. नितेश ने सरकार और प्रशासन से उसे सुरक्षित आसरा देने की गुहार लगाई है ताकि वो अपनी घायल मां को वहां पर रख सके.

बता दें कि बीते 14 अगस्त की सुबह सांबल गांव में नितेश के घर पर नाले का भारी मलबा आ गया था. जिसके कारण नितेश का घर मलबे में पूरी तरह से दब गया और साथ में 18 वर्षीय पत्नी मोनिका, 17 वर्षीय बहन रविता और 6 माह की दुधमुंही सानिया भी इस मलबे में दब गई. वहीं, माता रचना देवी और 11 वर्षीय एक अन्य बहन गोपी मलबे की चपेट में आने से घायल हो गई. नितेश और उसकी एक अन्य 15 वर्षीय बहन जाहन्वी खुद को बचाने में कामयाब हो सके. वहीं, लापता पत्नी, बहन और बेटी के शवों की तलाश के लिए प्रशासन की तरफ से लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अभी तक शवों का कहीं कोई पता नहीं चल सका है.

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