मंडी: हिमाचल प्रदेश में अभी भी बरसाती तबाही के निशान अभी भी बरकरार हैं. मंडी जिले में आई आपदा ने सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं. मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले दुर्गम गांव खोलानाल के प्रभावितों को फौरी राहत के अलावा अभी तक कोई मदद नहीं मिली है. प्रदेश सरकार के राहत पैकेज से इन प्रभावितों को अब तक एक भी पैसा नहीं पहुंचा है. आज भी खोलानाल गांव के प्रभावित हिमाचल सरकार के विशेष राहत पैकेज के इंतजार में हैं.
आपदा में लाखों रुपए चढ़े भेंट: अगस्त 2023 में भारी बारिश के दौरान खोलानाल गांव में बादल फटने की वजह से भीषण तबाही हुई थी, जिसका खौफनाक मंजर आज भी गांव में नजर आता है. इस दुर्गम गांव में कई घर तबाह हो गए, कई परिवार बेघर हो गए और आपाद में अपना सबकुछ खो दिया. तन पर ढखे कपड़ों के सिवाय और कुछ भी शेष नहीं बचा है. आपदा प्रभावित सूरजमणी ने बताया कि उसका नया मकान इस आपदा में पूरी तरह से नष्ट हो गया है. जिसमें उसका करीब 70 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, लेकिन उसे अभी तक फौरी राहत भी नहीं प्राप्त हुई है.
आपदा प्रभावितों की आपबीती: आपदा प्रभावित शेष राम और सीता राम के बेटे खेम सिंह ने बताया कि आपदा के दौरान प्रशासन द्वारा उनकी मदद की गई और उन्हें रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. उसके बाद फौरी राहत भी दी गई, लेकिन बाद में सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पाई है. हिमाचल सरकार ने ₹4500 करोड़ का राहत पैकेज जारी किया था. जिसके तहत आपाद प्रभावितों को ₹3-3 लाख की पहली किश्त जारी की जा रही है. अभी तक इन आपदा प्रभावितों तक वो राहत राशि नहीं पहुंच पाई है. इन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि जिन लोगों के पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं बची है, उन्हें जमीन उपलब्ध करवाकर जल्द से जल्द मुआवजा राशि जारी की जाए, ताकि वे अपने घरौंदे फिर से बसा सकें.
प्रभावितों की हो रही वेरिफिकेशन: वहीं, जब इस बारे में एसडीएम बालीचौकी मोहन शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बाली चौकी उपमंडल के तहत आने वाले सभी प्रभावितों की वेरिफिकेशन का कार्य चला हुआ है. प्रभावितों का वेरिफिकेशन इसलिए जरूरी है, ताकि किसी अपात्र को अनुचित लाभ न मिले और पात्र व्यक्ति इससे वंचित न रह जाए. बहुत से प्रभावितों को राहत राशि बांटी जा चुकी है, जबकि शेष बचे हुए आपदा प्रभावितों को चरणबद्ध ढंग से यह राहत राशि बांटी जा रही है.
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