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'सूरज' की अंधेरी दुनिया में जगी उम्मीद की नई किरण, CM के बाद अब घर पहुंचा प्रशासनिक अमला - एसपी शालिनी अग्निहोत्री

सीएम जयराम ठाकुर के निर्देशों पर फौरी अमल करते हुए डीसी मंडी अरिंदम चौधरी की अगुवाई में अधिकारियों की टीम सूरजमणि के घर पहुंची. इस दौरान सीएमओ ने सूरजमणि का स्वास्थ्य निरीक्षण किया और जरूरी दवाइयां दीं. इसके अलावा प्रशासन ने एक विशेष प्रकार का अल्फा बेड प्रदान किया.

mandi administration
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Published : Jul 26, 2021, 10:50 PM IST

मंडी: 21 वर्षों से कोमा में चल रहे सूरज की अंधेरी दुनिया में उम्मीद की नई किरण जगी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों पर फौरी अमल करते हुए डीसी मंडी अरिंदम चौधरी की अगुवाई में अधिकारियों की टीम द्रग क्षेत्र की ग्राम पंचायत टांडू के पाखरी गांव पहुंची.

इस टीम में एसपी शालिनी अग्निहोत्री, सीएमओ डॉ. देवेंद्र शर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मी, मीडिया समन्वयक पुरूषेत्तम शर्मा, जिला रेडक्रॉस सोसाइटी मंडी के सचिव ओपी भाटिया और अन्य अधिकारी और टांडू के प्रधान शुभम शर्मा भी साथ थे. सीएम के आदेशों के बाद सूरजमणि को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए तुरंत कार्रवाई की गई है. उनका अस्थायी (provisional) पहचान पत्र बनाने, सहारा और अपंगता पेंशन योजना के तहत लाने के लिए मौके पर दस्तावेजों से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी की गई. सहारा योजना के तहत 3 हजार रुपए मासिक सहायता और अपंगता पेंशन के तहत उन्हें 1500 रुपए मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी.

इस दौरान सीएमओ ने सूरजमणि का स्वास्थ्य निरीक्षण किया और जरूरी दवाइयां दीं. इसके अलावा प्रशासन ने एक विशेष प्रकार का अल्फा बेड प्रदान किया जिससे उन्हें लगातार बिस्तर पर रहने से शरीर पर बनने वाले घावों की समस्या से राहत मिलेगी. उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि मंडी जिला में इस प्रकार के बीमारों-लाचारों के आंकड़े को अपडेट करने क लिए अगस्त महीने में व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा. इसमें पंचायतों के सहयोग से ऐसे सभी रोगियों की पहचान की जाएगी, ताकि प्रशासन उनकी मदद कर सके और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उन तक पहुंचाया जा सके.

वीडियो.

बता दें कि बीते रविवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान सूरजमणि की माता लक्ष्मी देवी ने उनका काफिला रोक कर उनसे मदद की गुहार लगाई थी. 47 साल के सूरजमणि एक कार दुर्घटना के कारण पिछले 21 सालों से कोमा में है. लक्ष्मी देवी के पति लालू राम का भी स्वर्गवास हो चुका है. बीमार बेटे का कुशलक्षेम जानने के लिए मुख्यमंत्री खुद सूजरमणि का कुशलक्षेम जानने उनके घर पहुंचे थे और मौके पर ही परिवार की आर्थिक मदद को एक लाख रुपए देने की घोषणा की थी. साथ ही उपायुक्त मंडी को जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली योजनाओं का लाभ सूरजमणि को प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए.

वहीं, सूरजमणि के घर डीसी के पहुंचने की खबर सुनकर पास की ग्राम पंचायत त्रयांबली के गांव घाकलवान की बुजुर्ग महिला नागो देवी भी उन्हें अपने बेटे ललित कुमार की बीमारी से उपजी लाचारी से अवगत कराने पहुंची थीं. 36 साल के ललित एक बस दुर्घटना में चोटिल होने के कारण पिछले दो साल से बिस्तर पर हैं. उनकी व्यथा सुनकर डीसी ने तुरंत पूरी टीम के साथ उनके घर जाकर ललित का हालचाल जानने का फैसला लिया. करीब 25 मिनट की पैदल चढ़ाई चढ़ कर डीसी और टीम ललित के घर पहुंची. सीएमओ ने ललित का स्वास्थ्य निरीक्षण कर उनके लिए उपयोगी फिजियोथैरेपी एक्सरसाइज बताई.

डीसी ने अधिकारियों को ललित को सहारा योजना में शामिल करने के लिए घरद्वार पर सारी औपचारिकताएं पूरी करने और अपंगता पेंशन के लिए तुरंत मामला बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने ललित और परिवार को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

ये भी पढ़ें- जब लाचार मां ने बीच सड़क पर खड़े होकर रोक दिया सीएम का काफिला, जानिए फिर क्या हुआ?

मंडी: 21 वर्षों से कोमा में चल रहे सूरज की अंधेरी दुनिया में उम्मीद की नई किरण जगी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों पर फौरी अमल करते हुए डीसी मंडी अरिंदम चौधरी की अगुवाई में अधिकारियों की टीम द्रग क्षेत्र की ग्राम पंचायत टांडू के पाखरी गांव पहुंची.

इस टीम में एसपी शालिनी अग्निहोत्री, सीएमओ डॉ. देवेंद्र शर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मी, मीडिया समन्वयक पुरूषेत्तम शर्मा, जिला रेडक्रॉस सोसाइटी मंडी के सचिव ओपी भाटिया और अन्य अधिकारी और टांडू के प्रधान शुभम शर्मा भी साथ थे. सीएम के आदेशों के बाद सूरजमणि को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए तुरंत कार्रवाई की गई है. उनका अस्थायी (provisional) पहचान पत्र बनाने, सहारा और अपंगता पेंशन योजना के तहत लाने के लिए मौके पर दस्तावेजों से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी की गई. सहारा योजना के तहत 3 हजार रुपए मासिक सहायता और अपंगता पेंशन के तहत उन्हें 1500 रुपए मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी.

इस दौरान सीएमओ ने सूरजमणि का स्वास्थ्य निरीक्षण किया और जरूरी दवाइयां दीं. इसके अलावा प्रशासन ने एक विशेष प्रकार का अल्फा बेड प्रदान किया जिससे उन्हें लगातार बिस्तर पर रहने से शरीर पर बनने वाले घावों की समस्या से राहत मिलेगी. उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने कहा कि मंडी जिला में इस प्रकार के बीमारों-लाचारों के आंकड़े को अपडेट करने क लिए अगस्त महीने में व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा. इसमें पंचायतों के सहयोग से ऐसे सभी रोगियों की पहचान की जाएगी, ताकि प्रशासन उनकी मदद कर सके और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उन तक पहुंचाया जा सके.

वीडियो.

बता दें कि बीते रविवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान सूरजमणि की माता लक्ष्मी देवी ने उनका काफिला रोक कर उनसे मदद की गुहार लगाई थी. 47 साल के सूरजमणि एक कार दुर्घटना के कारण पिछले 21 सालों से कोमा में है. लक्ष्मी देवी के पति लालू राम का भी स्वर्गवास हो चुका है. बीमार बेटे का कुशलक्षेम जानने के लिए मुख्यमंत्री खुद सूजरमणि का कुशलक्षेम जानने उनके घर पहुंचे थे और मौके पर ही परिवार की आर्थिक मदद को एक लाख रुपए देने की घोषणा की थी. साथ ही उपायुक्त मंडी को जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली योजनाओं का लाभ सूरजमणि को प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए.

वहीं, सूरजमणि के घर डीसी के पहुंचने की खबर सुनकर पास की ग्राम पंचायत त्रयांबली के गांव घाकलवान की बुजुर्ग महिला नागो देवी भी उन्हें अपने बेटे ललित कुमार की बीमारी से उपजी लाचारी से अवगत कराने पहुंची थीं. 36 साल के ललित एक बस दुर्घटना में चोटिल होने के कारण पिछले दो साल से बिस्तर पर हैं. उनकी व्यथा सुनकर डीसी ने तुरंत पूरी टीम के साथ उनके घर जाकर ललित का हालचाल जानने का फैसला लिया. करीब 25 मिनट की पैदल चढ़ाई चढ़ कर डीसी और टीम ललित के घर पहुंची. सीएमओ ने ललित का स्वास्थ्य निरीक्षण कर उनके लिए उपयोगी फिजियोथैरेपी एक्सरसाइज बताई.

डीसी ने अधिकारियों को ललित को सहारा योजना में शामिल करने के लिए घरद्वार पर सारी औपचारिकताएं पूरी करने और अपंगता पेंशन के लिए तुरंत मामला बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने ललित और परिवार को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

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