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Karsog News: सुख की सरकार पर फूटा था भाजपा विधायक का गुस्सा, करसोग को दो महीने बाद मिला स्थाई एसडीएम

मंडी जिले के उपमंडल करसोग में दो महीने से एसडीएम के पद खाली चल रहे थे. जिसके चलते करसोग विधायक दीपराज लगातार सरकार को घेर रहे थे. वहीं, कपिल तोमर को करसोग का नया एसडीएम नियुक्त किया गया है. जिसे लेकर विधायक दीपराज ने कहा कि ये करसोग विधानसभा क्षेत्र की जनता की जीत हुई है. पढ़ें पूरी खबर..

MLA Deepraj Attack Sukhu government
MLA दीपराज ने सुक्खू गवर्नमेंट पर लगाए आरोप
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Published : Aug 1, 2023, 6:29 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के तहत करसोग में अतिरिक्त कार्यभार पर चल रहा एसडीएम के पद को भरा गया है. दरअसल, स्थानीय विधायक के सुख की सरकार पर गुस्सा फूटने के बाद आखिरकार करीब दो महीने बाद करसोग को स्थाई एसडीएम मिल गया है. इस बारे में प्रदेश सरकार ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है. जिसमें कपिल तोमर को करसोग का नया एसडीएम नियुक्त किया गया है. ऐसे में आपदा की इस कठिन समय में स्थानीय जनता ने राहत की सांस ली है. वहीं विधायक दीपराज ने इसे करसोग विधानसभा क्षेत्र की जनता की जीत बताया है. बता दें, ईटीवी भारत ने जनता की इस मांग को प्रमुखता के साथ उठाया था.

दो महीने से खाली चल रहा था एसडीएम का पद: दरअसल, करसोग में करीब 2 महीने आईएएस ओमकांत ठाकुर के तबादले के बाद से एसडीएम का पद खाली चल रहा था. ऐसे में थुनाग के एसडीएम विचित्र सिंह को एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था. जिस कारण कारण प्राकृतिक आपदा के इस दौर में जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में स्थानीय विधायक दीपराज लगातार सरकार को घेर रहे थे. उन्होंने अधिकारियों का तबादला किए जाने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार करसोग से भेदभाव किए जाने के भी आरोप लगाया है. उनका कहना था कि आखिर क्या वजह है कि उपमंडल स्तर पर एसडीएम का उच्चतम पद लंबे समय से खाली चल रहा है. इसके पीछे कही करसोग की जनता को विपक्ष के विधायक होने का खामियाजा तो नही भुगतना पड़ रहा है.

ये होते हैं एसडीएम कार्य: उपमंडल स्तर पर एसडीएम न केवल न्यायिक कार्य देखता है बल्कि प्रशासनिक कार्यों का भी निपटारा करता है. ऐसे में जिले में डीसी की तरह उपमंडल में भी एसडीएम का पद बहुत महत्वपूर्ण हैं. एसडीएम के प्रमुख काम होते हैं जैसे क्षेत्रीय विवादों का निपटारा करना, आपदा प्रबंधन देखना, राजस्व कार्यों में भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव करना, राजस्व मामलों का संचालन करना, सीमांकन और अतिक्रमण से जुड़े मामलों को देखना, सार्वजनिक भूमि का संरक्षण, भू-पंजीकरण करना, राज्यों में लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव करवाना, मैरिज रजिस्ट्रेशन करवाना, ओबीसी, एससी/एसटी और जन्म एवं निवास प्रमाण पत्र का काम भी एसडीएम के जिम्मे होता है. एसडीएम के जिम्मे विभिन्न प्रकार के पंजीकरण, कई तरह के लाइसेंस जारी करना, नवीकरण करना जैसे काम होते हैं. एसडीएम आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और कई अन्य नाबालिग कृत्यों के तहत विभिन्न न्यायिक कार्य कर सकता है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश: 8 HAS अधिकारियों के तबादले, ओशिन शर्मा मंडी ट्रांसफर

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के तहत करसोग में अतिरिक्त कार्यभार पर चल रहा एसडीएम के पद को भरा गया है. दरअसल, स्थानीय विधायक के सुख की सरकार पर गुस्सा फूटने के बाद आखिरकार करीब दो महीने बाद करसोग को स्थाई एसडीएम मिल गया है. इस बारे में प्रदेश सरकार ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी है. जिसमें कपिल तोमर को करसोग का नया एसडीएम नियुक्त किया गया है. ऐसे में आपदा की इस कठिन समय में स्थानीय जनता ने राहत की सांस ली है. वहीं विधायक दीपराज ने इसे करसोग विधानसभा क्षेत्र की जनता की जीत बताया है. बता दें, ईटीवी भारत ने जनता की इस मांग को प्रमुखता के साथ उठाया था.

दो महीने से खाली चल रहा था एसडीएम का पद: दरअसल, करसोग में करीब 2 महीने आईएएस ओमकांत ठाकुर के तबादले के बाद से एसडीएम का पद खाली चल रहा था. ऐसे में थुनाग के एसडीएम विचित्र सिंह को एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था. जिस कारण कारण प्राकृतिक आपदा के इस दौर में जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में स्थानीय विधायक दीपराज लगातार सरकार को घेर रहे थे. उन्होंने अधिकारियों का तबादला किए जाने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार करसोग से भेदभाव किए जाने के भी आरोप लगाया है. उनका कहना था कि आखिर क्या वजह है कि उपमंडल स्तर पर एसडीएम का उच्चतम पद लंबे समय से खाली चल रहा है. इसके पीछे कही करसोग की जनता को विपक्ष के विधायक होने का खामियाजा तो नही भुगतना पड़ रहा है.

ये होते हैं एसडीएम कार्य: उपमंडल स्तर पर एसडीएम न केवल न्यायिक कार्य देखता है बल्कि प्रशासनिक कार्यों का भी निपटारा करता है. ऐसे में जिले में डीसी की तरह उपमंडल में भी एसडीएम का पद बहुत महत्वपूर्ण हैं. एसडीएम के प्रमुख काम होते हैं जैसे क्षेत्रीय विवादों का निपटारा करना, आपदा प्रबंधन देखना, राजस्व कार्यों में भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव करना, राजस्व मामलों का संचालन करना, सीमांकन और अतिक्रमण से जुड़े मामलों को देखना, सार्वजनिक भूमि का संरक्षण, भू-पंजीकरण करना, राज्यों में लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव करवाना, मैरिज रजिस्ट्रेशन करवाना, ओबीसी, एससी/एसटी और जन्म एवं निवास प्रमाण पत्र का काम भी एसडीएम के जिम्मे होता है. एसडीएम के जिम्मे विभिन्न प्रकार के पंजीकरण, कई तरह के लाइसेंस जारी करना, नवीकरण करना जैसे काम होते हैं. एसडीएम आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और कई अन्य नाबालिग कृत्यों के तहत विभिन्न न्यायिक कार्य कर सकता है.

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