मंडी: सीएम जयराम ठाकुर व आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के गृह जिला के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं. मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर के निहरी क्षेत्र में ग्राम पंचायत रोहांडा के चौकी गांव में बनी रोहांडा-द्रुमट-बैहली पेयजल योजना 6-7 वर्ष बाद भी क्षेत्र के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है.
इस पेयजल योजना के उद्घाटन के बाद से विभाग खाली पड़े पानी के टैंकों में मेन सोर्स से एक पानी की बूंद मुहैया नहीं करवा पाई है. बता दें कि लगभग 6-7 वर्ष पहले निर्मित रोहांडा-द्रुमट-बैहली पेयजल योजना की कुल अनुमानित लागत 66.82 लाख रुपये थी, जिससे 8 गांवों के 562 व्यक्ति लाभाविंत होने थे.
इस योजना के तहत 27 हजार लीटर पानी की स्टोरेज सुविधा उपलब्ध करवाई जानी थी, लेकिन कांग्रेस सरकार उद्घाटन करने के बाद इसके स्त्रोत को घरोठ व सेरी नाले से जोड़ना भूल गई. वहीं, योजना को क्रियाशील करने के लिए वर्तमान सरकार भी कोई कारगर कदम नहीं उठा पाई है.
विभाग ने योजना में दो पक्के टैंकों सहित मेन सोर्स से इनलेट व टैंकों से आउटलेट पाईंपें स्थापित कर दी है, लेकिन आज तक मेन सोर्स से टेकों में पानी की एक बूंद भी नहीं आ पाई है. स्थानीय लोगों ने कहा कि विभाग उद्घाटन के समय पेयजल योजना के लिए टैंक में पानी देखा गया था, लेकिन उसके बाद भी विभाग योजना में पानी की एक बूंद भी तक मुहैया नहीं करवा पाया है.
लोगों ने कहा कि इस योजना से 27 हजार लीटर पानी का भंडार होने के कारण सैकड़ों लोगों को पानी की किल्लत से राहत मिलनी थी. लोगों ने कहा कि विभाग ने वर्षों पहले योजना के अंतर्गत निर्माण व क्नेक्शन तो दिए हैं, लेकिन टैंकों में पानी की सप्लाई देना भूल गया है. लोगों ने सरकार व विभाग से पेयजल योजना को जल्द से जल्द क्रियाशील करने की गुहार लगाई है.
आईपीएच विभाग के अधिषाशी अभियंता अनिल वर्मा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इसको लेकर संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर लोगों की समस्या को जल्द हल किया जाएगा.