मंडी: हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर जारी है. मंडी जिले के दुर्गम क्षेत्र सराज के तीन अति दुर्गम स्थानों का भारी बारिश के कारण शेष जिला से संपर्क पूरी तरह से कट गया है. इन स्थानों में कशौड़धार, कारथाच और भाटकीधार जैसे दुर्गम स्थान शामिल हैं. यहां के लिए सड़क मार्ग से कहीं जा पाना किसी भी हालात में संभव नहीं. ऐसे में जिला प्रशासन ने भारतीय वायुसेना की मदद से इन स्थानों के लिए राहत सामग्री भिजवाया जा रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को बालीचौकी और थुनाग उपमंडल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और दवाईयां पहुंचाई गई
दरअसल, बीते कल शाम करीब साढ़े चार बजे सेना का हेलीकॉप्टर मंडी हेलीपोर्ट पर लैंड हुआ और इसमें प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में राशन और जरूरत का अन्य सामान लोड करवाया गया. राशन की जो किटें बनाई गई हैं उनमें 15-15 किलो राशन डाला गया है, जिसमें चावल, आटा, तेल और किचन का जरूरी सामान शामिल है. इसके अवाला आपात स्थिति में जरूरी मानी जाने वाली अन्य दवाईयां भी अलग से भिजवाई गई हैं. बता दें, पहली उड़ान कारथाच के लिए भरी गई, जिसमें राशन की 55 किटें और दवाईयों के तीन बड़े बक्से साथ ही खाद्य सामग्री भी भिजवाए गए.
'इन इलाकों का संपर्क शेष जिला से कट गया है और वहां पर लोगों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसलिए डीसी मंडी के निर्देशों पर यह अभियान चलाया गया है. लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.' :- ओम कांत ठाकुर, एसडीएम सदर
मंडी प्रशासन ने कहा कि मंडी जिले के शेहनू गौनी और खोलानाला गांवों में बादल फटने के बाद फंसे 51 लोगों को एनडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया. वहीं, कुल्लू जिले से 4 मरीजों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से चंडीगढ़ के लिए एयरलिफ्ट किया गया है. बता दें, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते कल गुरुवार को मंडी जिले के कुकलाह के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए राहत सामग्री की व्यवस्था करने का आग्रह किया था.