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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल कठोर कारावास, मंडी की विशेष पोक्सो अदालत ने सुनाया फैसला

जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा की विशेष पोक्सो आदालत ने दुष्कर्म के आरोप में दोष साबित होने पर एक आरोपी को दस साल कठोर और सात वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है.

imprisonment for  minor rape in mandi
मंडी में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में कैद
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Published : Mar 6, 2020, 9:46 PM IST

मंडी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा की विशेष पोक्सो आदालत ने दुष्कर्म के आरोप में दोष साबित होने पर एक आरोपी को दस साल कठोर और सात वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने बीस हजार रुपये जुर्माना भरने के आदेश दिए हैं.

जानकारी के अनुसार 14 जुलाई 2015 को बाल पीड़िता ने अपनी मां और नानी के साथ पुलिस थाना सरकाघाट रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 13 जुलाई को बाल पीड़िता अपनी नानी के घर से अपने घर वापिस आ रही थी तो रास्ते में बाल पीड़िता को विनोद उर्फ बीनू निवासी गांव छिम्बा बल्ह मिला, जिसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया.

औरतों के मौके पर पहुंचने पर आरोपी मौके से फरार हो गया. इस पर पुलिस थाना सरकाघाट में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 15 जुलाई को आरोपी को गिरफ्तार किया गया. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम द्वारा की गई. उन्होंने अदालत मे 20 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए थे.

अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध, संदेह की छाया से परे सिद्ध हुआ है. अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376 के तहत दस वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माने और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 7 वर्ष के साधारण कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी सुनाई है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल 2020-21: बजट को लेकर मंडी के लोगों की प्रतिक्रियाएं

मंडी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा की विशेष पोक्सो आदालत ने दुष्कर्म के आरोप में दोष साबित होने पर एक आरोपी को दस साल कठोर और सात वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने बीस हजार रुपये जुर्माना भरने के आदेश दिए हैं.

जानकारी के अनुसार 14 जुलाई 2015 को बाल पीड़िता ने अपनी मां और नानी के साथ पुलिस थाना सरकाघाट रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 13 जुलाई को बाल पीड़िता अपनी नानी के घर से अपने घर वापिस आ रही थी तो रास्ते में बाल पीड़िता को विनोद उर्फ बीनू निवासी गांव छिम्बा बल्ह मिला, जिसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया.

औरतों के मौके पर पहुंचने पर आरोपी मौके से फरार हो गया. इस पर पुलिस थाना सरकाघाट में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और 15 जुलाई को आरोपी को गिरफ्तार किया गया. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम द्वारा की गई. उन्होंने अदालत मे 20 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए थे.

अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध, संदेह की छाया से परे सिद्ध हुआ है. अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड सहिंता की धारा 376 के तहत दस वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माने और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत 7 वर्ष के साधारण कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को एक साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी सुनाई है.

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