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Himachal weather: हाय रे ये मौसम! ठंडा पड़ा ठंडे का कारोबार, गर्मी में सर्दी के अहसास से करोबारी बेहाल

हिमाचल प्रदेश में इस बार लगातार बारिश से ठंड का मौसम बना रहा. जिसके कारण प्रदेश में इस बार लोगों को गर्मियों के दर्शन ही नहीं हो पाए हैं. अब हालात ऐसे हैं कि गर्मियों में जूस, कुल्फी, आईसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारी खराब मौसम के कारण मंदी की मार झेल रहे हैं. रेहड़ी-फहड़ी वालों के लिए अपनी आजीविका कमाना भी मुश्किल हो गया है. (Himachal weather impact on Street Vendors)

Street Vendors Loss due to Cold Weather in Himachal.
हिमाचल में छोटे कारोबारियों पर पड़ा बारिश का बुरा असर.
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Published : Jun 12, 2023, 1:06 PM IST

Updated : Jun 17, 2023, 12:25 PM IST

ठंडा पड़ा ठंडे का कारोबार

मंडी: पहाड़ों पर इस बार मानो ठंड जाने का नाम ही नहीं ले रही. लगातार बदलते मौसम के कारण मई और जून महीने में भी कई इलाकों में लोग ऊनी कपड़े पहन रहे हैं. मौसम के इस बदले मिजाज से मौसम ठंडा हुआ, तो सबसे ज्यादा असर ठंडे के कारोबार पर पड़ा है. मई, जून के महीनों में देशभर में गर्मी होती है और इस गर्मी से राहत पाने के लिए जूस, आइसक्रीम, कुल्फी, कोल्ड ड्रिंक की बिक्री बढ़ जाती है. लेकिन हिमाचल में मौसम की मार इस कारोबार पर पड़ी है. कुछ दिन धूप और फिर बारिश के कारण बदले मौसम ने आइस्क्रीम और ठंडा बेचने वालों का धंधा मंदा कर दिया है.

ठंडा पड़ा ठंडे का कारोबार: इस बार हिमाचल प्रदेश में बारिश का सिलसिला कुछ यूं शुरू हुआ की थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जिससे सर्दी के कारोबारियों को तो फायदा पहुंच रहा है, लेकिन गर्मी के मौसम में अपनी आजीविका कमाने वाले कारोबारियों को खासा नुकसान पहुंचा है. बात करें रेहड़ी-फहड़ी वालों की तो इस मौसम की सबसे ज्यादा मार इन्हीं पर पड़ी है, क्योंकि मौसम ठंडा होने के कारण लोग ठंडी चीजों से परहेज कर रहे हैं तो रेहड़ी-फहड़ी वालों को अपनी आजीविका कमाना तक मुश्किल हो गया है.

Street Vendors Loss due to Cold Weather in Himachal.
ठंड से गर्मी के कारोबारियों को नुकसान.

जून में जूस, कुल्फी, आईसक्रीम से तौबा: रेहड़ी-फहड़ी लगाकर आजीविका कमाने वाले गुरदेव, हेमराज और राजेश कुमार ने बताया कि इस सीजन में वह दिहाड़ी भी मुश्किल से बना पा रहे हैं. लागत या फिर नाम मात्र का मुनाफा मौसम पर निर्भर कर रहा है. जिस दिन मौसम साफ है और धूप खिली है तो कुछ बिक्री हो रही है. बारिश के दिन तो दुकान बंद रखनी पड़ती है और बारिश का असर अगले कुछ दिन तक मौसम को बदल देता है जिसका सीधा असर कारोबार पर पड़ रहा है. आलम ये है कि जून के महीने में भी लोग कुल्फी, आइसक्रीम, जूस से तौबा कर रहे हैं.

'पिछले साल के मुकाबले कारोबार में 50% की कमी': हर साल अप्रैल, मई और जून के महीनों में लोग तपती गर्मी से परेशान होकर, इससे निजात पाने के लिए गन्ने और फलों के जूस, कुल्फी, आईसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स का सहारा लेते थे. इन उत्पादों को बेचने वालों का कारोबार इससे ठीक-ठाक चल पड़ता था और गर्मियों में यह लोग अच्छी आजीविका कमा लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है. विक्रेता मोहम्मद जाकिर ने बताया कि इस बार पिछली साल के मुकाबले 30 से 50 प्रतिशत कम कारोबार हुआ है. जिसके कारण इन लोगों को अपना घर चलाना तक मुश्किल हो गया है.

Street Vendors Loss due to Cold Weather in Himachal.
ठंड के कारण मंदी में ठंडे का कारोबार.

लोगों ने अभी तक नहीं छोड़े गर्म कपड़े: वहीं, आम लोग भी मौसम के बदले मिजाज से हैरान हैं. मंडी निवासी संजय वर्मा ने बताया कि उन्होंने अभी तक अपने सर्दियों के कपड़े पैक नहीं किए हैं. दिन के समय बेशक धूप खिल जाती है, लेकिन शाम के समय फिर से ठंड बढ़ जाती है. जब बारिश हो जाए तो फिर गर्म कपड़ों के बीना रह पाना संभव ही नहीं होता. ऐसे में कोल्ड ड्रिंक्स आदि पीने का तो सवाल ही नहीं बनता.

मौसम का मिजाज: दूसरी तरफ मौसम विभाग की मानें तो इस बार लोगों को तपती गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा. बारिश और ठंड का यह सिलसिला इसी तरह से जारी रहेगा. इस बार पिछले कई वर्षों का रिकार्ड टूटा है और मई व जून के महीने में भी प्रदेश के उंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ है. वैसे इस साल मौसम का मिजाज ने सबको हैरान कर दिया है. फरवरी के महीने में जब ठंड होती है तो शिमला समेत कई इलाकों में अधिकतम तापमान में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई. जबकि अप्रैल मई के महीने में जब गर्मी का सितम झेलना पड़ता था, इस बार बारिश के रिकॉर्ड टूटे और ऊनी कपड़े पैक करने का मौका ही नहीं मिला. हिमाचल में गर्मी में सर्दी का अहसास हो रहा है, जिसका सीधा असर कई फसलों और कारोबार पर पड़ा है.

ये भी पढ़ें: Weather Forecast: दिल्ली से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश के आसार, असम में तीन दिन का ऑरेंज अलर्ट

ये भी पढ़ें: गुजरात: 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पहुंचेगा चक्रवात बिपरजॉय, पीएम मोदी करेंगे बैठक

ठंडा पड़ा ठंडे का कारोबार

मंडी: पहाड़ों पर इस बार मानो ठंड जाने का नाम ही नहीं ले रही. लगातार बदलते मौसम के कारण मई और जून महीने में भी कई इलाकों में लोग ऊनी कपड़े पहन रहे हैं. मौसम के इस बदले मिजाज से मौसम ठंडा हुआ, तो सबसे ज्यादा असर ठंडे के कारोबार पर पड़ा है. मई, जून के महीनों में देशभर में गर्मी होती है और इस गर्मी से राहत पाने के लिए जूस, आइसक्रीम, कुल्फी, कोल्ड ड्रिंक की बिक्री बढ़ जाती है. लेकिन हिमाचल में मौसम की मार इस कारोबार पर पड़ी है. कुछ दिन धूप और फिर बारिश के कारण बदले मौसम ने आइस्क्रीम और ठंडा बेचने वालों का धंधा मंदा कर दिया है.

ठंडा पड़ा ठंडे का कारोबार: इस बार हिमाचल प्रदेश में बारिश का सिलसिला कुछ यूं शुरू हुआ की थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जिससे सर्दी के कारोबारियों को तो फायदा पहुंच रहा है, लेकिन गर्मी के मौसम में अपनी आजीविका कमाने वाले कारोबारियों को खासा नुकसान पहुंचा है. बात करें रेहड़ी-फहड़ी वालों की तो इस मौसम की सबसे ज्यादा मार इन्हीं पर पड़ी है, क्योंकि मौसम ठंडा होने के कारण लोग ठंडी चीजों से परहेज कर रहे हैं तो रेहड़ी-फहड़ी वालों को अपनी आजीविका कमाना तक मुश्किल हो गया है.

Street Vendors Loss due to Cold Weather in Himachal.
ठंड से गर्मी के कारोबारियों को नुकसान.

जून में जूस, कुल्फी, आईसक्रीम से तौबा: रेहड़ी-फहड़ी लगाकर आजीविका कमाने वाले गुरदेव, हेमराज और राजेश कुमार ने बताया कि इस सीजन में वह दिहाड़ी भी मुश्किल से बना पा रहे हैं. लागत या फिर नाम मात्र का मुनाफा मौसम पर निर्भर कर रहा है. जिस दिन मौसम साफ है और धूप खिली है तो कुछ बिक्री हो रही है. बारिश के दिन तो दुकान बंद रखनी पड़ती है और बारिश का असर अगले कुछ दिन तक मौसम को बदल देता है जिसका सीधा असर कारोबार पर पड़ रहा है. आलम ये है कि जून के महीने में भी लोग कुल्फी, आइसक्रीम, जूस से तौबा कर रहे हैं.

'पिछले साल के मुकाबले कारोबार में 50% की कमी': हर साल अप्रैल, मई और जून के महीनों में लोग तपती गर्मी से परेशान होकर, इससे निजात पाने के लिए गन्ने और फलों के जूस, कुल्फी, आईसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स का सहारा लेते थे. इन उत्पादों को बेचने वालों का कारोबार इससे ठीक-ठाक चल पड़ता था और गर्मियों में यह लोग अच्छी आजीविका कमा लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है. विक्रेता मोहम्मद जाकिर ने बताया कि इस बार पिछली साल के मुकाबले 30 से 50 प्रतिशत कम कारोबार हुआ है. जिसके कारण इन लोगों को अपना घर चलाना तक मुश्किल हो गया है.

Street Vendors Loss due to Cold Weather in Himachal.
ठंड के कारण मंदी में ठंडे का कारोबार.

लोगों ने अभी तक नहीं छोड़े गर्म कपड़े: वहीं, आम लोग भी मौसम के बदले मिजाज से हैरान हैं. मंडी निवासी संजय वर्मा ने बताया कि उन्होंने अभी तक अपने सर्दियों के कपड़े पैक नहीं किए हैं. दिन के समय बेशक धूप खिल जाती है, लेकिन शाम के समय फिर से ठंड बढ़ जाती है. जब बारिश हो जाए तो फिर गर्म कपड़ों के बीना रह पाना संभव ही नहीं होता. ऐसे में कोल्ड ड्रिंक्स आदि पीने का तो सवाल ही नहीं बनता.

मौसम का मिजाज: दूसरी तरफ मौसम विभाग की मानें तो इस बार लोगों को तपती गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा. बारिश और ठंड का यह सिलसिला इसी तरह से जारी रहेगा. इस बार पिछले कई वर्षों का रिकार्ड टूटा है और मई व जून के महीने में भी प्रदेश के उंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ है. वैसे इस साल मौसम का मिजाज ने सबको हैरान कर दिया है. फरवरी के महीने में जब ठंड होती है तो शिमला समेत कई इलाकों में अधिकतम तापमान में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई. जबकि अप्रैल मई के महीने में जब गर्मी का सितम झेलना पड़ता था, इस बार बारिश के रिकॉर्ड टूटे और ऊनी कपड़े पैक करने का मौका ही नहीं मिला. हिमाचल में गर्मी में सर्दी का अहसास हो रहा है, जिसका सीधा असर कई फसलों और कारोबार पर पड़ा है.

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Last Updated : Jun 17, 2023, 12:25 PM IST
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