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पैंशन पर 4 फीसदी इनकम टैक्स लगाने पर लेक्चरर यूनियन ने जताया रोष, कहा फैसला वापस ले सरकार - Lecturer Union Mandi on income tax

हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी ने 14% न्यू पेंशन स्कीम अंश में से 4 प्रतिशत पर आयकर लगाने के सरकार के आदेश रोष जताया है. संघ अध्यक्ष रंगीला ठाकुर ने सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है.

रंगीला ठाकुर
रंगीला ठाकुर
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Published : Feb 25, 2021, 6:11 PM IST

धर्मपुर/मंडी: हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी ने 14% न्यू पेंशन स्कीम अंश में से 4 प्रतिशत पर आयकर लगाने के सरकार के आदेश रोष जताया है. हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी के अध्यक्ष रंगीला ठाकुर ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि जो कर्मचारियों को पैसा मिला ही नहीं उस पर कैसा टैक्स.

दूसरा किसी को भी सरकार हो या कर्मचारी यह नहीं मालूम कि उनका पैसा कहां पर लगा है और कितना सेवानिवृत्ति पर प्राप्त होगा. सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को उनकी कुल राशि में से 60% का ही भुगतान किया जाता है जोकि कर्मचारियों का अपना अंशदान और उस पर मिलने वाला ब्याज होता है. शेष 40% से पेंशन की व्यवस्था की जाती है. वह भी केवल 1200 रुपए सौ से 3000 रुपये तक जबकि उस शेष बचे हुए 40% भाग पर उससे कहीं अधिक तो ब्याज ही बनता है.

कंपनियों के हाथों हो रहा शोषण

अध्यक्ष रंगीला ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा कर्मचारियों का कंपनियों के हाथों शोषण करवाया जा रहा है क्योंकि सरकार की ओर से दिया गया अंशदान कंपनियों के पास ही रह जाता है. जिसमें से पेंशन की व्यवस्था की जाती है. जिसका एक फीसदी भाग भी कर्मचारियों को प्राप्त नहीं होता जो कर्मचारी को पेंशन मिलती है.

फैसला वापस ले सरकार

वह उस 40 फीसदी भाग पर मिलने वाला ब्याज ही होता है. इसलिए प्रवक्ता संघ सरकार के इस निर्णय का विरोध करता है और सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग करता है. जिससे न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों को न्याय मिल सके क्योंकि केंद्रीय सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों पर ऐसा कोई भी टैक्स नहीं लगाया गया है. राज्य के कर्मचारियों के साथ एक अन्याय है.

ये भी पढ़ें: शिमला शहर के 90 फीसदी हिस्से में सीवरेज सुविधा, 6 जगहों पर होता है ट्रीटमेंट

धर्मपुर/मंडी: हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी ने 14% न्यू पेंशन स्कीम अंश में से 4 प्रतिशत पर आयकर लगाने के सरकार के आदेश रोष जताया है. हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी के अध्यक्ष रंगीला ठाकुर ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि जो कर्मचारियों को पैसा मिला ही नहीं उस पर कैसा टैक्स.

दूसरा किसी को भी सरकार हो या कर्मचारी यह नहीं मालूम कि उनका पैसा कहां पर लगा है और कितना सेवानिवृत्ति पर प्राप्त होगा. सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को उनकी कुल राशि में से 60% का ही भुगतान किया जाता है जोकि कर्मचारियों का अपना अंशदान और उस पर मिलने वाला ब्याज होता है. शेष 40% से पेंशन की व्यवस्था की जाती है. वह भी केवल 1200 रुपए सौ से 3000 रुपये तक जबकि उस शेष बचे हुए 40% भाग पर उससे कहीं अधिक तो ब्याज ही बनता है.

कंपनियों के हाथों हो रहा शोषण

अध्यक्ष रंगीला ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा कर्मचारियों का कंपनियों के हाथों शोषण करवाया जा रहा है क्योंकि सरकार की ओर से दिया गया अंशदान कंपनियों के पास ही रह जाता है. जिसमें से पेंशन की व्यवस्था की जाती है. जिसका एक फीसदी भाग भी कर्मचारियों को प्राप्त नहीं होता जो कर्मचारी को पेंशन मिलती है.

फैसला वापस ले सरकार

वह उस 40 फीसदी भाग पर मिलने वाला ब्याज ही होता है. इसलिए प्रवक्ता संघ सरकार के इस निर्णय का विरोध करता है और सरकार से इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग करता है. जिससे न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारियों को न्याय मिल सके क्योंकि केंद्रीय सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों पर ऐसा कोई भी टैक्स नहीं लगाया गया है. राज्य के कर्मचारियों के साथ एक अन्याय है.

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