सरकाघाट: हिमाचल के बाल साहित्य पर लिखी पुस्तक हिमाचल का बाल साहित्य नवंबर 2020 में प्रकाशित होकर आ गई है. इस पुस्तक के लेखक सुंदरनगर के युवा साहित्यकार पवन चौहान हैं. वहीं, इस पुस्तक में बलद्वाड़ा तहसील के तहत आने वाली पंचायत समैला के अमर सिंह सौल की कहानी चीनी और शक्कर ने भी खूब चर्चा और प्रशंसा बटोरी है.
देशभर में चर्चा में है ये किताब
गौरतलब है कि इससे पहले हिमाचल में बाल साहित्य पर ऐसी कोई भी पुस्तक अभी तक प्रकाशित नहीं हुई थी. यह पुस्तक हिमाचल के बाल साहित्य के इतिहास में पहली पुस्तक बन गई है. इस ऐतिहासिक कार्य से बाल साहित्य शोधार्थी व पाठक हिमाचल के सभी बाल साहित्यकारों को एक पुस्तक में एक साथ पढ़ पाएंगे. इस समय यह पुस्तक देशभर में चर्चा में है.
किताब में शामिल हैं बाल साहित्यकारों की रचनाएं
184 पृष्ठों की इस पुस्तक में हिमाचल के सभी बाल साहित्यकारों को उनके व्यक्तित्व, कृतित्व एवं उनकी रचना के साथ शामिल किया गया है. साहित्यकार पवन चौहान ने पुस्तक को हिमाचल के उन सभी बाल साहित्यकारों को समर्पित किया है, जिन्होंने हिमाचल की बाल साहित्य की भूमि को उर्वर बनाया है.
चीनी और शक्कर की कहानी को पसंद कर रहे लोग
पुस्तक में बाल कहानीकार अमर सिंह सौल की बाल कहानी चीनी और शक्कर को भी शामिल किया गया है. अमर सिंह सौल की ये बाल कहानी देश भर के पाठक पंसद कर रहे हैं. उनका एक बाल कहानी संग्रह समय की कीमत 2007 में प्रकाशित हो चुका है. उनकी बाल कहानियां बाल पत्रिका, किलकारी, बच्चों का देश, कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है. अमर सिंह सौल ने उनकी कहानी को पसंद करने के लिए सभी पाठकों का आभार जताया है.